नयी दिल्ली : चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव के दौरान सोशल मीडिया का दुरुपयोग रोकने के लिए केंद्र और राज्य के स्तर पर नोडल अफसर तैनात किये हैं. इस बाबत राज्य और केंद्र शासित राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को तैनाती के निर्देश जारी कर दिये गये हैं.
उल्लेखनीय है कि चुनाव के दौरान राजनीतिक दल और उम्मीदवार, प्रचार अभियान में अपनी उपलब्धियां जनता तक पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का भरपूर इस्तेमाल करते हैं. इसमें तमाम वेबसाइटों का भी सहारा लिया जाता है.
इस अभियान में गलत तथ्यों एवं भ्रामक जानकारियां जनता तक पहुंचने से रोकने के लिए आयोग ने हाल ही में राज्य और केन्द्र के स्तर पर नोडल अफसरों की नियुक्ति कर सोशल मीडिया के दुरुपयोग की रोकथाम और निगरानी करने की पहल की है.
चुनाव आयोग ने इसके लिये राष्ट्रीय स्तर पर नोडल अफसर के रूप में आयोग के सचिव दिलीप के वर्मा, उपनिदेशकों सईद रेचश्मी और अरुण कुमार पलानी को तैनात किया है.
इसी प्रकार राज्यों के सीईओ को भी नोडल अफसर नियुक्त कर केन्द्रीय निगरानी दल को सूचित करने को कहा है. आयोग द्वारा जारी निर्देश में सभी सीईओ को सोशल मीडिया के दुरुपयोग से चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन की जानकारी संबद्ध सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के शिकायत प्रकोष्ठ को तत्काल भेजने को भी कहा गया है.
ज्ञात हो कि आयोग के निर्देश पर यूट्यूब, व्हाट्सएप, फेसबुक और ट्विटर सहित सभी सोशल मीडिया कंपनियों ने भारत में चुनाव के मद्देनजर अपने एक अधिकारी की अगुवाई में शिकायत प्रकोष्ठ गठित किया है.
आयोग के नोडल अफसर, सोशल मीडिया कंपनियों के शिकायत प्रकोष्ठ से तालमेल कायम कर आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत पर तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे.
आचार संहिता के प्रावधानों और इसके पालन हेतु आयोग द्वारा समय-समय पर जारी होने वाले अन्य दिशानिर्देशों को भी सभी सोशल मीडिया कंपनियों से अपने प्लेटफॉर्म पर प्रचारित, प्रकाशित करने को कहा गया है.
भारत में इंटरनेट और मोबाइल कंपनियों के संगठन (आईएएमएआई) एवं सोशल मीडिया कंपनियों ने आयोग की पहल पर चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद ‘नैतिक नियमावली’ (कोड ऑफ एथिक्स) बना कर लागू की है. गत 20 मार्च से लागू हुई इस नियमावली के माध्यम से चुनाव में सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकने के हरसंभव उपाय किये गये हैं.