।। दक्षा वैदकर ।।
आजकल के युवाओं में कुछ खास तरह की आदतें देखी जा रही हैं, जो उनके लिए नुकसानदायक है. उनमें धैर्य की कमी है. अंदर खलबली बहुत ज्यादा है. कम प्रयास करते हैं, लेकिन उम्मीदें ज्यादा हैं. जल्दी-जल्दी इन्क्रीमेंट, प्रोमोशन चाहते हैं और जब वह नहीं मिलता, तो जॉब चेंज कर देते हैं. वे एक कंपनी में एक-दो साल से ज्यादा टिक नहीं पाते. कंपनियां बदल कर वे ट्राय करते हैं कि कौन-सी कंपनी उन्हें जल्दी-जल्दी प्रोमोशन देगी.
आदित्य नाम के एक युवक ने भी कुछ ऐसा ही किया है. उसका सोचना था कि उसके पास एमबीए की डिग्री है, इसलिए वह ज्यादा सैलरी वाली जॉब करेगा. उसकी सोच ठीक भी थी, लेकिन शायद किसी ने उसे यह नहीं बताया था कि पहली ही जॉब में इतनी उम्मीद करना ठीक नहीं है. पिता के कहने पर उसने पहले छोटी-सी कंपनी में जॉब शुरू की. पांच-छह महीने बाद जब अप्रैल का महीना आया तो सभी साथियों का इन्क्रीमेंट लगा, सिवाय उसके. उसने बॉस से जा कर पूछा.
बॉस ने बताया कि कंपनी के रूल्स के मुताबिक आपको पहले एक साल काम करना होता है, तब इन्क्रीमेट होता है. अभी आपको केवल छह महीने ही हुए हैं. बॉस की बात का आदित्य पर कोई असर नहीं हुआ. अब उसने काम टालना शुरू कर दिया. देर से ऑफिस आने लगा और जल्दी घर जाने लगा. वह बार-बार बहाने बना कर छुट्टी लेता. उसके पिता उससे पूछते, तो जवाब देता, ‘जब कंपनी ने मेरा ध्यान नहीं रखा, तो मैं भला मर-मर कर काम क्यों करूं.’
इसी तरह एक साल बीत गया. अगले साल जब दोबारा अप्रैल का महीना आया और उसका इन्क्रीमेंट सबसे कम मात्र 500 रुपये हुआ, तो उसने बॉस को खूब खरी-खोटी सुनायी. बॉस ने उसे नौकरी से निकाल दिया. मार्केट में यह बात फैल गयी. अब आदित्य जिस भी कंपनी में जॉब मांगने जाता, वे उसका पुराना एक्सपीरियंस पूछते और पुरानी कंपनी से उसके बारे में जांच करते. जॉब से निकाले जाने की वजह पता चलती, तो सभी उसे रखने से मना कर देते. अब आदित्य मजबूरन अपने घर से दूर दूसरे शहर में जॉब कर रहा है.
बात पते की..
– धैर्य रखें. काम पर फोकस करेंगे, तो पैसा अपने आप आपके पीछे चल कर आयेगा. पैसे के पीछे भागेंगे, तो काम भी हाथ से चला जायेगा.
– भले ही आपका लक्ष्य बड़ी कंपनी हो, लेकिन अभी आप जहां हैं, वहां अपनी छवि अच्छी बना कर रखें. ये बातें बाद में बहुत काम आती हैं.