यरूशलम : इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सीरिया से अमेरिकी सैनिकों की वापसी की योजना पर कहा कि इस्राइल अपनी रक्षा खुद करेगा. नेतन्याहू ने अमेरिकी सैनिकों की सीरिया से वापसी के मुद्दे पर कहा कि उन्होंने इस संबंध में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से चर्चा की है. इस्राइली प्रधानमंत्री के कार्यालय से अंग्रेजी में जारी बयान में नेतन्याहू ने कहा कि हम इसकी समयसारणी देखेंगे, यह (सीरिया से अमेरिकी सैनिकों की वापसी) किस तरह क्रियान्वित होगी. नि:संदेह… हमारे लिए इसकी जटिलताएं हैं. किसी भी स्थिति में हम इस्राइल की सुरक्षा बनाये रखने पर ध्यान देंगे और इस क्षेत्र में स्वयं की रक्षा करेंगे.
इसे भी पढ़ेंः यरुशलम को ऑस्ट्रेलिया ने इस्राइल की राजधानी के तौर पर मान्यता दी
इस्राइली प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने वाशिंगटन की योजना पर मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और विदेश मंत्री माइक पोंपिओ से बात की थी. ट्रंप ने ट्वीट किया कि हमने सीरिया में आईएसआईएस को हरा दिया है, वहां होने का मेरा एक यही उद्देश्य था. अमेरिकी राष्ट्रपति ने सीरिया से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने का संकेत दिया, जिसकी पुष्टि बाद में एक अमेरिकी अधिकारी ने भी की. अधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा कि पूर्ण वापसी, पूरी तरह. वर्तमान में सीरिया में लगभग दो हजार अमेरिकी सैनिक तैनात हैं. इनमें से ज्यादातर आईएस से लड़ रहे स्थानीय लड़ाकों को प्रशिक्षण और परामर्श देने के मिशन पर हैं.
अधिकारी ने कहा कि सीरिया से अमेरिकी सैनिकों की वापसी जल्द से जल्द होगी. हालांकि, उन्होंने इसका कोई समय नहीं बताया. वर्ष 2011 में युद्ध शुरू होने के बाद से इस्राइल ने सीरिया पर दर्जनों हमले किये हैं और ईरानी ठिकानों, हिज्बुल्ला के ठिकानों तथा आतंकवादियों के काफिलों को निशाना बनाया है. ईरान और हिज्बुल्ला दोनों सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद का समर्थन करते हैं और इजराइल के विरोधी हैं. विश्लेषकों ने आगाह किया है कि यदि सीरिया से अमेरिकी सैनिकों की वापसी हुई, तो वहां रूसी और ईरानी सहयोगियों के समर्थन से असद का प्रभाव बढ़ सकता है.