इस्लामाबाद : पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ के अध्यक्ष और संभावित प्रधानमंत्री इमरान खान को चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के लिए लिखित रूप से माफी मांगने के लिए कहा है. 25 जुलाई को आम चुनावों के दौरान वोट डालने के समय उन पर चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप लगे थे. एनए-53 इस्लामाबाद संसदीय क्षेत्र में सार्वजनिक तौर पर मतपत्र पर स्टांपिंग करते हुए पाये जाने के बाद पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) ने इसका संज्ञान लिया. इसके बाद मुख्य चुनाव आयुक्त की अध्यक्षता वाली चार सदस्यीय पीठ ने खान के खिलाफ मामले की सुनवाई की.
इसे भी पढ़ें : इमरान खान ने कहा, मैं भी जानता हूं नवाज शरीफ की निजी जिंदगी के कई घिनौने राज
जियो न्यूज ने खबर दी कि क्रिकेटर से नेता बने खान के वकील बाबर अवान गुरुवार को ईसीपी के समक्ष पेश हुए और लिखित जवाब देते हुए कहा कि उनके मुवक्किल ने जानबूझकर सार्वजनिक तौर पर मतदान नहीं किया. जवाब के मुताबिक, इमरान के मतपत्र के फोटो उनकी अनुमति के बगैर लिये गये. गोपनयीता बरतने के लिए वोट डालने वाले स्थान के आसपास लगाये गये पर्दे मतदान केंद्र के अंदर भीड़ के कारण गिर गये.
द न्यूज के मुताबिक, अवान ने पीठ को बताया कि भीड़ के कारण मतदान केंद्र पर डिवाइडर को हटा दिया गया. खान ने जब कर्मचारियों से निर्देश बताने के लिए कहा, तो उन्हें बताया गया कि कैसे वोट डालें. अवान ने मामले को खत्म किये जाने की मांग की और ईसीपी से आग्रह किया कि एनए-53 इस्लामाबाद से इमरान की जीत की अधिसूचना जारी की जाये.
रिपोर्ट में कहा गया है कि बहरहाल, ईसीपी ने अवान की तरफ से दायर जवाब को खारिज कर दिया और खान से हलफनामा दायर करने के लिए कहा, जिसमें वह अपने हस्ताक्षर से विवादास्पद तरीके से वोट डालने के लिए माफी मांगें. इसके बाद आयोग ने शुक्रवार तक के लिए सुनवाई टाल दी. इस बीच, ईसीपी ने खान, नेशनल असेम्बली के अध्यक्ष सरदार अयाज सादिक, खैबर पख्तूनख्वा के पूर्व मुख्यमंत्री परवेज खट्टक और मुत्ताहिदा मजलिस ए अमल (एमएमए) के नेता मौलाना फजलुर रहमान द्वारा चुनाव प्रचार के दौरान अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने के मामले में दायर माफीनामे को स्वीकार कर लिया.
मुख्य चुनाव आयुक्त की अध्यक्षता में ईसीपी की चार सदस्यीय पीठ ने माफीनामे स्वीकार करते हुए नेताओं को चेतावनी दी कि भविष्य में इस तरह की भाषा का इस्तेमाल नहीं करें. इमरान (65) ने एनए-53 इस्लामाबाद संसदीय सीट से पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के नेता शाहिद खाकान अब्बासी को 48,577 मतों से पराजित किया था.