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इमरान की पार्टी आगे, त्रिशंकु संसद के आसार

इस्लामाबाद : पाकिस्तान में नयी संसद चुनने के लिए बुधवार को हुए मतदान के बाद वोटों की गिनती शुरू हो गयी है. शुरुआती रुझान में क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) 110 संसदीय सीटों पर आगे चल रही है. जबकि, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) 69 सीटों और पूर्व राष्ट्रपति आसिफ […]

इस्लामाबाद : पाकिस्तान में नयी संसद चुनने के लिए बुधवार को हुए मतदान के बाद वोटों की गिनती शुरू हो गयी है. शुरुआती रुझान में क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) 110 संसदीय सीटों पर आगे चल रही है. जबकि, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) 69 सीटों और पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) 38 सीटों पर आगे है.
अन्य उम्मीदवार 50 सीटों पर आगे चल रहे हैं. इससे संकेत मिलते हैं कि यदि इस संसदीय चुनाव में किसी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला, तो पीपीपी ‘किंगमेकर’ की भूमिका निभा सकती है. फिलहाल, त्रिशंकु संसद के आसार नजर आ रहे हैं. बुधवार की देर रात तक कुल 272 सीटों में से 267 सीटों का रुझान आया था. काजी हुसैन अहमद की जमात-ए-इस्लामी जैसी पार्टियों के गठबंधन मुत्ताहिदा मजलिस-ए-अमल, मौलाना फजलुर रहमान की अध्यक्षता वाले जमीयत
बहुमत का आंकड़ा 172 सीटें
कोई पार्टी तभी अकेले दम पर सरकार बना सकती है, जब उसे 172 सीटें हासिल हो जाये. पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में कुल 342 सदस्य होते हैं, जिनमें से 272 को सीधे तौर पर चुना जाता है, जबकि शेष 60 सीटें महिलाओं और 10 सीटें धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित हैं. आम चुनावों में पांच फीसदी से ज्यादा वोट पाने वाली पार्टियां इन आरक्षित सीटों पर समानुपातिक प्रतिनिधित्व के हिसाब से अपने प्रतिनिधि भेज सकती हैं.
क्वेटा में आइएस का आत्मघाती हमला, 35 की मौत
मतदान शुरू होने के कुछ ही घंटे के भीतर बलूचिस्तान की प्रांतीय राजधानी क्वेटा के भोसा मंडी क्षेत्र में हुए आत्मघाती हमले में पांच पुलिसकर्मियों समेत 31 लोग मारे गये, जबकि 67 लोग जख्मी हो गये. इस हमले की जिम्मेवारी आइएस ने ली है. वहीं, चुनाव से जुड़ी हिंसा की अलग-अलग घटनाओं में चार लोगों की मौत हुई है. कई मतदान केंद्रों के बाहर प्रतिद्वंदी दलों के कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़प होने की सूचना है.
अपर डीर की महिलाओं ने पहली बार डाला वोट : अफगानिस्तान से सटे पाकिस्तान के रूढ़िवादी कबायली जिले अपर डीर की महिलाओं ने बुधवार को पहली बार चुनावों में वोट डाले. 1970 के दशक में पाकिस्तान के पहले आम चुनावों के बाद से अब तक अपर डीर की महिलाएं सांस्कृतिक रूढ़ियों के कारण वोट डालने के अपने अधिकार से वंचित थीं.
दूसरी बार लोकतांत्रिक तरीके से प्रधानमंत्री का चुनाव : वर्ष 1947 में पाकिस्तान की आजादी के बाद से लगभग आधे समय तक पाकिस्तान में सेना का शासन रहा है. असैन्य शासनकाल के दौरान भी सेना काफी प्रभावशाली रही है. देश की विदेश एवं सुरक्षा नीतियों का एजेंडा तय करती रही हैं. 2013 के बाद 2018 में लोकतांत्रिक तरीके से पाकिस्तान में पीएम का चुनाव हो रहा है.
29 पीएम बने, पर एक भी कार्यकाल पूरा नहीं कर पाये : पाकिस्तान में अब तक 29 प्रधानमंत्री बने हैं, लेकिन एक भी अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाये हैं. यूसुफ रजा गिलानी 2008 में पीएम बने और सबसे अधिक 50 महीने 25 दिन तक अपने पद पर रहे, जबकि सबसे छोटा कार्यकाल अयूब खान का रहा है. वहीं, नवाज शरीफ 49 महीने तक पीएम रहे. फिलहाल, भ्रष्टाचार के आरोप में वह जेल में हैं.

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