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चीन में शी के मुकाबले कोई नहीं, तीसरा टर्म देने के लिए पांच साल पहले ही नियम में होगा बदलाव

शी का दूसरा कार्यकाल मार्च में शुरू होने वाला हैप्रस्ताव को मंजूरी मिलने पर उन्हें 2023 में एक और कार्यकाल मिल सकता है बीजिंग : चीन की ‘कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना’ ने राष्ट्रपति के कार्यकाल की सीमा समाप्त करने का प्रस्ताव पेश किया है. यह खबर चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ ने दी है. […]


शी का दूसरा कार्यकाल मार्च में शुरू होने वाला है
प्रस्ताव को मंजूरी मिलने पर उन्हें 2023 में एक और कार्यकाल मिल सकता है

बीजिंग : चीन की ‘कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना’ ने राष्ट्रपति के कार्यकाल की सीमा समाप्त करने का प्रस्ताव पेश किया है. यह खबर चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ ने दी है. अगर इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है तो राष्ट्रपति के रूप में शी जिनपिंग को तीसरे कार्यकाल के लिए अनुमति मिल जाएगी और 2023 में एक बार फिर वे चीन के राष्ट्रपति बन सकेंगे.

चीन में राष्ट्रपति का कार्यकाल पांच साल का होता है और शी जिनपिंग 2013 में राष्ट्रपति चुने गये थे. पिछले साल चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के कांग्रेस में उनके एक और कार्यकाल को मंजूरी मिली थी. शी माओ से तुंग के बाद चीन के सबसे ताकतवर नेता के रूप में उभरे हैं.

64 वर्षीय शी का दूसरा कार्यकाल अगले सप्ताह पांच मार्च वहां के संसद की शुरुआत के साथ आरंभ होगा. शिन्हुआ ने कहा है कि कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना की सेंट्रल कमेटी ने यह प्रस्ताव रखा है कि राष्ट्रपति व उपराष्ट्रपति के दो टर्म को कार्यकाल को खत्म किया जाये.

ध्यान रहे कि अमेरिका में भी राष्ट्रपति का दो टर्म का कार्यकाल होता है.


कल प्रस्ताव पर मुहर संभव

कार्यकाल की सीमा हटाने के प्रस्ताव पर कल होने वाले पार्टी के पूर्ण अधिवेशन में मुहर लग सकती है जिससे आधुनिक चीन के सबसे शक्तिशाली शासक समझे जाने वाले 64 वर्षीय शी को असीमित कार्यकाल मिल जाने की संभावना है. राष्ट्रपति शी को पिछले साल सीपीसी की राष्ट्रीय कांग्रेसमें पांच साल के अपने दूसरे कार्यकाल की मंजूरी मिली थी. वह सीपीसी और सेना के भी प्रमुख हैं. पिछले साल सात सदस्यीय जो नेतृत्व सामने आया था उसमें कोई भी भावी उत्तराधिकारी नहीं है. ऐसे में इस संभावना को बल मिलता है कि शी का अपने दूसरे कार्यकाल के बाद भी शासन करने का इरादा है. तब से पार्टी की सभी इकाइयों ने उन्हें पार्टी का शीर्ष नेता घोषित कर रखा है और पार्टी के सामूहिक नेतृत्व के सिद्धांत को दरकिनार कर रखा है जो पिछले तीन दशक से चलता आ रहा था. शी 2013 में पार्टी के प्रमुख और राष्ट्रपति निर्वाचित हुए थे तथा बाद में उन्होंने सेना के प्रमुख की कमान भी संभाल ली थी.


शी की विचारधारा संविधान में शामिल

पांच साल में एक बार होने वाली सीपीसी की कांग्रेस पिछले साल शी की विचारधारा को संविधान में जगह देने पर राजी हो गयी थी. यह सम्मान आधुनिक चीन के संस्थापक माओत्से तुंग और उनके उत्तराधिकारी डेंग शियोपिंग के लिए ही आरक्षित था. वैसे शी के पूर्ववर्ती जियांग जेमिन और हू जिंताओ के विचार का पार्टी संविधान में उल्लेख है लेकिन उनके नामों का जिक्र नहीं है. वर्तमान में शी या उनके चिंतन को चुनौती देने की किसी भी कोशिश को पार्टी के खिलाफ जाना माना जाएगा.

Prabhat Khabar Digital Desk
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