13.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

सुंदर गणतंत्र के लिए राजनीति में स्वच्छता अभियान की जरूरत

विशाल शुक्ला, युवा पत्रकार देश की आजादी के समय ब्रिटिश पार्लियामेंट में तत्कालीन विपक्ष के नेता विंस्टन चर्चिल ने भारत की पूर्ण आजादी का कड़ा विरोध करते हुए कहा था कि ये आजादी सफल नहीं रहेगी और सत्ता, धूर्त, बदमाश एवं लुटेरी हाथों में चली जायेगी. सभी भारतीय नेता सामर्थ्य में कमजोर और महत्वहीन साबित […]

विशाल शुक्ला, युवा पत्रकार

देश की आजादी के समय ब्रिटिश पार्लियामेंट में तत्कालीन विपक्ष के नेता विंस्टन चर्चिल ने भारत की पूर्ण आजादी का कड़ा विरोध करते हुए कहा था कि ये आजादी सफल नहीं रहेगी और सत्ता, धूर्त, बदमाश एवं लुटेरी हाथों में चली जायेगी. सभी भारतीय नेता सामर्थ्य में कमजोर और महत्वहीन साबित होंगे. वे जबान से मीठे और व्यावहारिक रूप से चालाक होंगे. सत्ता के लिए वे आपस में ही लड़ मरेंगे और भारत राजनैतिक तू-तू मैं-मैं में ही खत्म जायेगा. देश की सांस्कृतिक विविधता को देखते हुए चर्चिल का यह भी कहना था कि भारत सिर्फ एक भौगोलिक पहचान है, वह कोई एक देश नहीं है, जैसे भूमध्य रेखा कोई देश नहीं है.

चर्चिल ही नहीं, बल्कि उस समय के कई बुद्धिजीवियों और विशिष्ट हस्तियों का ऐसा ही मानना था कि इस देश की व्यवस्था 10 साल से ज्यादा नहीं चल सकेगी और देश टूट कर टुकड़े-टुकड़े हो जायेगा. आज हम एक गणतंत्र के तौर पर 69वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं. इस बीच हमने परदेश से अन्न आयात करने से लेकर खाद्यान में आत्मनिर्भर होने, आयातित दिया-सलाई इस्तेमाल करने से लेकर विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने और वर्ष 1962 के युद्ध में चीन से पराजय झेलने से लेकर परमाणु संपन्न बनने तक के अनुभव को जिया है.

हमने विज्ञान के क्षेत्र में भी उत्तरोत्तर प्रगति की है और परमाणु संपन्न होने और विश्व की कुछ बेहद उन्नत सैन्य प्रणालियों में शामिल होने के बाद भी अन्य देशों और खास कर पड़ोसी देशों की संप्रभुता का सम्मान करने की अपनी नीति से पीछे नहीं हटे हैं. अत: आर्थिक-वैज्ञानिक और सामरिक दृष्टि से जब भी भारत का मूल्यांकन होगा भारत नि:संदेह उन देशों में गिना जायेगा, जिन्होंने केवल उपरोक्त क्षेत्रों में ही तरक्की हासिल नहीं की, बल्कि अपने गणतंत्र को भी निरंतर सुदृढ़ किया. सभी देशों के बीच या जिन देशों में गणतंत्र विद्यमान है, उन सबके बीच अपनी स्वतंत्रता और एकता को अक्षुण्ण रखते हुए एक गणतंत्र के तौर पर भी खुद को परिपक्व बनाया.

हम अपने सांस्कृतिक वैविध्य के बावजूद अपने गणतंत्र की छांव में लोकतंत्र बचाये रखने में सफल सिद्ध हुए हैं, यह उपलब्धि इसलिए और भी महत्वपूर्ण हो जाती है, क्योंकि लोकतंत्र बहुत पुरानी शासन प्रणाली नहीं है, ये औद्योगिक क्रांति के साथ विकसित हुई और तीसरी दुनिया कहे जाने वाले देशों में इसका धर्म, परंपराओं और सेना के साथ घालमेल भी देखने में आता रहा है.

इसी सफल गणतंत्र का एक दूसरा स्याह पक्ष यह भी है कि आज भी देश में स्थानीय स्तर से लेकर दिल्ली में बैठे सत्ता के मठाधीशों तक अराजकता कायम है और लगातार बढ़ रही है. देश में चहुंओर भय-भूख और भ्रष्टाचार का बोलबाला है. जहां एक ओर हमारा शैक्षणिक स्तर और हमारी प्रति व्यक्ति आय लगातार बढ़ रही है, उसी अनुपात में देश में धार्मिक और जातिगत हिंसा भी बढ़ रही है. दहेज के लिए औरतों को मार देने और ऑनर किलिंग जैसी घटनाएं लगातार सामने आ रहीं हैं. देश की राजधानी दिल्ली, जिसकी प्रति व्यक्ति आय हाल ही में 3 लाख आंकी गयी है. यहां महिलाओं के खिलाफ होनेवाले अपराध काफी तेजी से बढ़े हैं. धर्म के मामले में हम अधीर और संकीर्ण हो रहे हैं. धार्मिक आधार पर लोगों की भावनाओं के राजनीतिक दोहन के लिए बने संगठन देश की सर्वोच्च अदालत के फैसले को चुनौती देने का साहस कर रहे हैं.

असहिष्णुता समाज से निकल कर सोशल मीडिया तक पहुंच गयी है, एक नये उपद्रवी ट्रोल का जन्म हुआ है. ये ट्रोल लोगों के चरित्र हनन से लेकर चुनावी दौर में जनमत निर्माण तक के एक महत्वपूर्ण हथियार बन गये हैं. चुनावी दौर में गांव-गिरांव में होने वाली मुनादी की जगह पेड व्हाट्स एप संदेश ने ले ली है. उपरोक्त समस्याओं के मूल में हमारी राजनीति है. यह भी एक कटु सत्य है कि आलोचना की जगह इसकी सफाई ही एकमात्र उपाय है. लगता है डॉ भीमराव आंबेडकर के विचारों की पुन: प्रतिष्ठा करनी होगी. उन्होंने कहा था कि कानून और व्यवस्था राजनीति रूपी शरीर की दवा है और जब राजनीति रूपी शरीर बीमार पड़ जाये तो दवा अवश्य दी जानी चाहिए.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel