वाशिंगटन : अमेरिका में काम कर रहे साढ़े सात लाख भारतीय इंजीनियर्स के लिए राहत की खबर है. ट्रंप प्रशासन ने एच-1बी वीजा नियमों को जटिल बनाने के प्रस्ताव पर रोक लगा दी है. मंगलवार को ट्रंप प्रशासन ने कहा कि हम ऐसे किसी प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दे रहे हैं, जिसके कारण हजारों की संख्या में अमेरिका में स्थायी निवास के लिए आवेदन करने और वर्षों से काम कर रहे एच-1बी वीजा धारकों को देश छोड़कर जाना पड़े.
दरअसल, पिछले दिनों एक रिपोर्ट आयी थी, जिसमें कहा गया था कि ट्रंप एच-1बी वीजा संबंधित नियमों को और सख्त बनाने पर विचार कर रहे हैं. माना जा रहा था कि इसकी वजह से वहां काम करने वाले साढ़े सात लाख भारतीय आइटी इंजीनियर्स की नौकरी खतरे में पड़ जायेगी और उन्हें भारत वापस आना पड़ेगा.
ट्रंप प्रशासन के वीजा नियमों में बदलाव के कदम को भारत और कुछ अमेरिकी सांसदों ने विरोध किया था और इस पर पुनर्विचार करने के लिए कहा था. इसके बाद ट्रंप प्रशासन ने वीजा नियमों में बदलाव के प्रस्ताव पर रोक लगा दी है. इस पर सफाई देते हुए अमेरिकी नागरिकता और आप्रवासन सेवाओं (यूएससीआइएस) में मीडिया रिलेशंस के चीफ ऑफ जोनाथन विथंगटन ने कहा कि अमेरिका अपने 21वीं सदी में प्रतिस्पर्धात्मकता कानून (एसी21) की धारा 104सी की भाषा में कोई बदलाव नहीं कर रहा है. यह धारा एच-1बी वीजा अवधि में विस्तार प्रदान करती है. इस धारा के तहत एच-1बी वीजा की अवधि को छह साल से भी आगे बढ़ाया जा सकता है. नियोक्ता इस पर विचार कर सकते हैं.
क्या है एच-1बी वीजा
एच-1बी वीजा एक नॉन इमिग्रेंट वीजा है. इसके तहत अमेरिकी कंपनियां विदेशी प्रोफेसनर्स और आइटी एक्सपर्ट को अपने यहां रख सकती है. इस वीजा के तहत आइटी कंपनियां हर साल हजारों कर्मचारियों की भर्ती करती है.
एक साल का सेवा विस्तार संभव
विथंगटन ने बताया कि कानून की धारा 106 ए-बी के तहत इन आइटी पेशेवरों के नियोक्ता एक-एक साल के लिए विस्तार के लिए आग्रह कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ‘बाइ अमेरिकन, हायर अमेरिकन’ संबंधी आदेश पर अमल के लिए एजेंसी कई तरह के नीतिगत बदलावों को आगे बढ़ा रही है. इसके तहत रोजगार से जुड़े तमाम वीजा कार्यक्रमों की भी समीक्षा की जा रही है.
अमेरिकी सांसदों ने किया था विरोध
एच-1बी वीजा नियमों में बदलाव के प्रस्ताव को अमेरिकी सांसदों ने विरोध किया था. डेमोक्रेटिक सांसद तुलसी गैबार्ड ने कहा था कि इतने सख्त वीजा नियम बनाने से कई परिवार टूट जायेंगे. हमारे देश से टैलेंट और एक्सपर्ट्स बाहर चले जायेंगे, जिससे हमारी अर्थव्यवस्था पर खराब असर पड़ेगा. साथ ही भारत के साथ रिश्तों पर भी असर पड़ेगा. हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन ने भी इस प्रस्ताव का विरोध किया था.
अमेरिका के 96 गुरुद्वारों में भारतीय अधिकारियों के प्रवेश पर रोक
कनाडा के ओटारियो और यूके के गुरुद्वारों में भारतीय अधिकारियों का प्रवेश निषेध है. सिख को-ऑर्डिनेशन कमेटी इस्ट कोस्ट व अमेरिकन गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने भी यहां 96 गुरुद्वारों में भारतीय अधिकारियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है. यहां तक की नगर कीर्तन में भी भारतीय अधिकारी शामिल नहीं हो सकते हैं. सिख फॉर जस्टिस के लीगल एडवाइजर ने इसकी जानकारी दी है.