इस्लामाबाद/वाशिंगटन : पाकिस्तान पर आतंकियों को संरक्षण देने और आगे आर्थिक मदद नहीं देने की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की घाेषणा के बादबौखलाये पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने सोमवार को ट्वीट कर कहा कि हम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को जल्द जवाब देंगे. आसिफ ने अपने ट्वीट में लिखा, इंशाल्लाह, दुनिया को जल्द ही सच का पता चल जायेगा. हम दुनिया को हकीकत से रूबरू करायेंगे. हमयह बतायेंगे कि हकीकत और कल्पना में क्या अंतर है.
इससे पहले, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को ही पाकिस्तान पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि उसने 33 अरब डाॅलर की सहायता के बदले अमेरिका को झूठ और धोखे के सिवा कुछ भी नहीं दिया. ट्रंप ने साथ ही कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया करायी. ट्रंप इस समय फ्लोरिडा में मार-ए-लागो स्थित अपने रिजॉर्ट में हैं. वहां पर वह नववर्ष का जश्न मनाने के लिए गये हैं. वहीं से उन्होंने एक ट्वीट किया है.
We will respond to President Trump's tweet shortly inshallah…Will let the world know the truth..difference between facts & fiction, tweets Pakistan Foreign Minister Khawaja Asif (File Pic) pic.twitter.com/7L0yMR2QrW
— ANI (@ANI) January 1, 2018
ट्रंप ने एक कड़े शब्दोंवाले ट्वीट में कहा, अमेरिका ने मूर्खतापूर्ण तरीके से पाकिस्तान को गत 15 वर्षों में 33 अरब डाॅलर से अधिक की सहायता दी और उन्होंने हमारे नेताओं को मूर्ख सोचते हुए हमें झूठ और धोखे के अलावा कुछ भी नहीं दिया. उन्होंने वर्ष के अपने पहले ट्वीट में कहा, उन्होंने उन आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया करायी जिनके खिलाफ हम बहुत कम मदद के अफगानिस्तान में कार्रवाई करते हैं. अब और नहीं. यह अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से किया गया सबसे कड़ा हमला है. उनकी टिप्पणी न्यू याॅर्क टाइम्स की उस खबर के कुछ दिन बाद आयी है जिसमें कहा गया था कि अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में पाकिस्तान की अनिच्छा के प्रति अपना असंतोष व्यक्त करते हुए उसे दी जाने वाली 22.5 करोड़ डाॅलर सहायता रोकने पर विचार कर रहा है.
इससे पहले भी इस मुद्दे पर ट्रंप प्रशासन की ओर से पाकिस्तान को कई बार फटकार लगायी जा चुकी है. बीते साल भी अमेरिका ने पाकिस्तान को कई बार आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी दी थी. अमेरिका ने कहा था कि पाकिस्तान को अपनी सरजमीं से संचालित होनेवाले आतंकी संगठनों के प्रति अपना रुख बदलना चाहिए और उनके खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करनी चाहिए.
पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने अगस्त 2017 में नयी अमेरिकी नीति की घोषणा की थी, जिसमें पाकिस्तान में सक्रिय आतंकी संगठनों अफगान तालिबान और हक्कानी नेटवर्क पर शिकंजा कसने को कहा गया था. ट्रंप ने उस वक्त कहा था कि पाकिस्तान ने आतंक, हिंसा और अव्यवस्था के एजेंटों को अपने यहां शरण दे रखी है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति की घोषणा करते हुए पाकिस्तान की जमकर आलोचना की थी और कहा था कि हम पाकिस्तान को हर साल भारीआर्थिक मदद देते हैं. उसे हमारी मदद करनी होगी.
इससे पहले, अमेरिकी रक्षा मंत्री जिम मैटिस ने भी पाकिस्तान का दौरा कर आतंकवाद से लड़ने में पाकिस्तान के रवैये की आलोचना करते हुए सख्त नाराजगी व्यक्त की थी. सीआइए प्रमुख माइक पोंपियो ने भी पाकिस्तान को आतंकी पनाहगाहों पर एकतरफा कार्रवाई करने की चेतावनी दी थी. इसके जवाब में पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता ने उन्हें पाकिस्तान को हल्के में लेकर एकतरफा कार्रवाई से परहेज तक करने की हिदायत दी थी.