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चीन : सीपीसी की अधिवेशन के पहले किले में तब्दील हुआ पेइचिंग, निगाहें शी जिनपिंग पर

बीजिंग : चीन में 96 साल पुरानी कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) का 19 वां अधिवेशन कल बुधवार से शुरू होगा. बीजिंग स्थित ग्रेट हॉल ऑफ द पीपल में इस बैठक पर दुनिया भर की निगाहे टिकी होगी. इस बैठक में चीन के विभिन्न हिस्सों से 2,287 प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं. पूरे इलाके के […]

बीजिंग : चीन में 96 साल पुरानी कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) का 19 वां अधिवेशन कल बुधवार से शुरू होगा. बीजिंग स्थित ग्रेट हॉल ऑफ द पीपल में इस बैठक पर दुनिया भर की निगाहे टिकी होगी. इस बैठक में चीन के विभिन्न हिस्सों से 2,287 प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं. पूरे इलाके के सुरक्षा के लिए मजबूत घेराबंदी की गयी है.

इस अहम बैठक में अगले पांच साल तक चीनी सरकार की नीतियां तय की जाती है. भारत के लिए भी यह बैठक काफी अहम है क्योंकि चीन और भारत के रिश्ते हाल के दिनों में टकराव से भरे रहे हैं. हर पांच साल के अंतराल में आयोजन होने वाली इस बैठक पर इंटरनेशनल मीडिया की भी नजर है.सीपीसी की स्थापना 1921 को हुई थी चीन में सीपीसी 89 मिलीयन सदस्य है, जिसकी जनसंख्या जर्मनी से भी ज्यादा है. सीपीसी के सदस्यों में मजदूरों और किसानों की संख्या सबसे ज्यादा 36.95 प्रतिशत है.
वहीं 25 प्रतिशत सदस्य प्रोफेशनल और मैनेजमेंट से जुड़े लोग है. पार्टी ने कहा कि अगर किसी इलाके में तीन से ज्यादा सदस्य हो वहां ऑफिस का निर्माण किया जायेगा. चीन द्वारा हाल के सालों में अपनायी गयी आक्रमक विदेश नीतियां भारत, जापान और अमेरिका के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. चीन ने पिछले पांच सालों में चीन ने ‘वन बेल्ट और वन रोड की नीति’ बनाकर भारत को चुनौती देने का काम किया. उसके वन बेल्ट, वन रोड का चीन अहम साझेदार है. चीन के इस बैठक का लाइव ब्रॉडकॉस्टिंग किया जायेगा
शी चिनफिंग को मिल सकता है तीसरा कार्यकाल
सत्तारुढ कम्युनिस्ट पार्टी की इस सप्ताह होने वाली अहम कांग्रेस में व्यापक अधिकारों के साथ अपनी दूसरी पारी की शुरुआत करने वाले चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की नजर अभूतपूर्व तीसरे कार्यकाल की ओर हो सकती है. ऐसे अनुमान लगाया जाता है कि पांच साल के लिए शी के दूसरे कार्यकाल की पुष्टि की जाएगी. यह 2002 से लागू परंपरा के अनुरुप होगी जिसमें शीर्ष नेताओं को दो कार्यकाल दिए जाते हैं. इसके बाद वे अवकाशग्रहण कर लेते हैं.
पांच साल पहले हुई 18वीं कांग्रेस में तत्कालीन राष्ट्रपति हू जिनताओ और प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ ने दो कार्यकालों के बाद परंपराओं का पालन करते हुए सत्ता शी को सौंप दी थी जो उस समय राष्ट्रपति थे.सुर्खियों से दूर रहते हुए शी पार्टी में आगे बढते रहे हैं. वह पहले सीपीसी के महासचिव चुने गए थे। बाद में देश के राष्ट्रपति चुने गए. निवर्तमान नेता हू ने जब उन्हें सैन्य प्रमुख बनाया उसके बाद उन्होंने अपनी स्थिति मजबूत बना ली.
बीजिंग स्थित राजनयिकों और विदेशी मीडिया की नजर 69 वर्षीय वांग शीशान पर है जो शी के करीबी सहयोगी हैं. परंपराओं के अनुसार सीपीसी अधिकारियों के लिए सेवानिवृत्ति की उम्र 68 साल तय की गयी है. ऐसे में वांग को अवकाशग्रहण कर लेना चाहिए क्योंकि वह पहले ही 68 साल से ज्यादा के हो गया है.
इसके अलावा पोलितब्यूरो स्टैंडिंग कमिटी (पीएससी) में भी फेरबदल होगा. इसके सात सदस्यों में से पांच के 68 वर्ष या इससे अधिक उम्र के होने की वजह से सेवानिवृत्त होने की संभावना है. पीएससी में 68 वर्ष सेवानिवृत्ति का गैर आधिकारिक उम्र है. राष्ट्रपति शी जिनपिंग (64) और प्रधानमंत्री ली केकियांग (62) पीएससी के सदस्य हैं.

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