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सीसीटीवी की निगरानी में होंगे बंगाल पंचायत चुनाव, 60 हजार से अधिक उम्मीदवारों ने किया नामांकन

पंचायत चुनाव के लिए नामांकन की अंतिम तिथि 15 जून हैं. ऐसे में नामांकन की समय सीमा बढ़ाये जाने के लिए हाईकोर्ट ने भी फैसला राज्य चुनाव आयोग पर छोड़ा है. नामांकन की समय सीमा बढ़ायी जायेगी या नहीं, इस पर मुद्दे पर अब तक आयोग की ओर से किसी तरह का निर्णय नहीं लिया गया है.

West Bengal Panchayat Chunav 2023: पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव के लिए हो रहे नामांकन के दौरान राज्य के सभी 407 नामांकन केंद्रों के बाहर हंगामे हो रहे हैं. आरोप है कि विपक्षी उम्मीदवारों को नामांकन नहीं करने दिया जा रहा है. ऐसे में पंचायत चुनाव को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराना राज्य चुनाव आयोग के लिए बड़ी चुनौती है. ऐसे में राज्य में पहली बार सभी 407 बूथों पर सीसीटीवी कैमरे लगाये जाने का निर्णय आयोग ने लिया है. वहीं, आयोग ने अब तक संवेदनशील बूथों को चिह्नित नहीं किया है.

नामांकन खत्म होने के बाद चिह्नित होंगे संवेदनशील बूथ

इस विषय में पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग के एक आला अधिकारी ने बताया कि नामांकन की प्रक्रिया के खत्म होने के बाद संवेदनशील बूथों को चिह्नित किया जायेगा. साथ ही उन्होंने कहा कि आयोग ने पहली बार सभी बूथों पर सीसीटीवी कैमरे लगाये जाने का निर्णय लिया है. उन्होंने बताया कि आयोग की ओर से पहली बार यह कदम उठाया गया है.

60 हजार से अधिक उम्मीदवारों ने किया नामांकन

इससे पहले आयोग निकाय चुनाव में कोर्ट के निर्देश पर बूथों को सीसीटीवी कैमरों से लैस किया था. अधिकारी ने बताया कि मंगलवार तक राज्य के 22 जिलों में 60 हजार से अधिक उम्मीदवार नामांकन कर चुके हैं. उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार के आला अधिकारियों के साथ बैठक हुई.

नामांकन की समय सीमा बढ़ाने पर नहीं हुई चर्चा

पंचायत चुनाव के लिए नामांकन की अंतिम तिथि 15 जून हैं. ऐसे में नामांकन की समय सीमा बढ़ाये जाने के लिए हाईकोर्ट ने भी फैसला राज्य चुनाव आयोग पर छोड़ा है. नामांकन की समय सीमा बढ़ायी जायेगी या नहीं, इस पर मुद्दे पर अब तक आयोग की ओर से किसी तरह का निर्णय नहीं लिया गया है. सूत्रों के अनुसार, इस विषय पर बुधवार को आयोग चर्चा कर सकता है. इस विषय में आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि 2018 में हुए पंचायत चुनाव में भी नामांकन के लिए सात दिन का ही समय दिया गया था.

भांगड़ की घटना पर आयोग की नजर

नामांकन के दौरान दक्षिण 24 परगना के भांगड़ में मंगलवार को काफी हंगामा हुआ. बमबाजी भी हुई. गोली चलने का भी आरोप है. विरोधी दलों की ओर से भांगड़ को लेकर राज्य चुनाव आयोग से शिकायत की गयी है. आयोग भी भांगड़ पर नजर रख रहा है. आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि भांगड़ की घटना को लेकर जिले के डीएम व एसपी से बात की गयी है. उन्होंने बताया कि खुद चुनाव आयुक्त राजीव सिन्हा भांगड़ पर नजर रख रहे हैं. ताकि, वहां शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव कराया जा सके.

कई दलों को मिला चुनाव चिह्न

राज्य में होने वाले पंचायत चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) भी चुनाव लड़ रही है. ऐसे ही इस पार्टी के साथ कुछ अन्य राजनीतिक दलों को भी आयोग ने मंगलवार को चुनाव चिह्न प्रदान किया. चुनाव चिह्न प्राप्त करने वाले दलों में सीपीआइएमएल, भाकपा (माले), एनसीपी, भारतीय गोरखा प्रजातांत्रिक मोर्च, जनता दल और शिव सेना जैसी पार्टियां शामिल हैं.

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