13.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Vat Savitri Vrat Puja 2021: कोरोना काल में घर पर ही करें वट सावित्री व्रत पूजा, जानें पूजन सामग्री, पूजा विधि, व्रत नियम और इससे जुड़ी पूरी डिटेल्स…

Vat Savitri Vrat Puja 2021: अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए हर साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या को वट सावित्री पूजा का व्रत रखा जाता है. इस साल यह तिथि 10 जून दिन गुरुवार को पड़ रही है. मान्यता है कि इस व्रत को करने से अखंड सौभाग्य और संतान की प्राप्ति होती है. इस बार ज्येष्ठ अमावस्या तिथि 09 जून 2021 को दोपहर 01 बजकर 57 मिनट से शुरू हो जाएगी. वहीं, 10 जून 2021 की शाम 04 बजकर 22 मिनट तक रहेगी.

Vat Savitri Vrat Puja 2021: अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए हर साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या को वट सावित्री पूजा का व्रत रखा जाता है. इस साल यह तिथि 10 जून दिन गुरुवार को पड़ रही है. मान्यता है कि इस व्रत को करने से अखंड सौभाग्य और संतान की प्राप्ति होती है. इस बार ज्येष्ठ अमावस्या तिथि 09 जून 2021 को दोपहर 01 बजकर 57 मिनट से शुरू हो जाएगी. वहीं, 10 जून 2021 की शाम 04 बजकर 22 मिनट तक रहेगी. इसलिए 10 जून को व्रत रखा जाएगा. वट सावित्री व्रत का पारण 11 जून 2021, दिन शुक्रवार को किया जाएगा. मान्यता है कि वट सावित्री पूजा पर महिलाओं को 16 श्रृंगार करना चाहिए. इससे घर में सुख और समृद्ध‍ि आ‍ती है. वहीं, इस व्रत को करने से अखंड सौभाग्य और संतान की प्राप्ति होती है. आइए जानते है वट सावित्री व्रत की पूजन सामग्री, विधि, नियम, कथा और सभी संबंधित जानकारी

वट सावित्री व्रत शुभ मुहूर्त

इन मुहूर्त में ना करें वट सावित्री व्रत की पूजा

  • ज्योतिष शास्त्र में राहुकाल, यमगण्ड. आडल योग, दुर्महूर्त और गुलिक काल को शुभ योगों में नहीं गिना जाता है. इस दौरान शुभ कार्यों को करने की मनाही होती है.

  • राहुकाल दोपहर 01 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 13 मिनट तक

  • यमगण्ड- सुबह 04 बजकर 57 मिनट से सुबह 06 बजकर 40 मिनट तक

  • आडल योग- सुबह 04 बजकर 57 मिनट से दोपहर 11बजकर 45 मिनट तक

  • दुर्मुहूर्त- सुबह 09 बजकर 31 मिनट से सुबह 10 बजकर 25 मिनट तक

  • गुलिक काल- सुबह 08 बजकर 22 मिनट से सुबह 10 बजकर 05 मिनट तक

वट सावित्री पूजन सामग्री

पूजन के लिए माता सावित्री की मूर्ति, बांस का पंखा, बरगद पेड़, लाल धागा, कलश, मिट्टी का दीपक, मौसमी फल, पूजा के लिए लाल कपड़े, सिंदूर-कुमकुम और रोली, चढ़ावे के लिए पकवान, अक्षत, हल्दी, सोलह श्रृंगार व पीतल का पात्र जल अभिषेक के लिए थाली में रखना न भूलें.

वट सावित्री व्रत की पूजा विधि

वट सावित्री व्रत के दिन सुबह उठकर स्नान कर लें. इसके बाद व्रत का संकल्प लें. बांस की टोकरी में उपरोक्त पूजन सामग्री को लेकर वट वृक्ष नीचे जाएं. या कोरोना काल में घर पर ही वट वृक्ष की टहनी मंगवा लें. एक बर्तन में वट वृक्ष के टहनी को लगा दें. टहनी के नीचे सावित्री और सत्यवान की मूर्ति रखें. अब मूर्ति और वृक्ष पर जल चढ़ाकर सभी पूजन सामग्री अर्पित करें. अब कच्चे सूत के धागे या लाल कलावा से वृक्ष के चारों तरफ परिक्रमा करते हुए सात बार लपेटें. इसके बाद व्रत कथा सुनें या पढ़ें. शाम को घर पर पूजा करके प्रसाद बांटें. अगले दिन व्रत को तोड़ते हुए शुभ मुहूर्त में पारण करें.

वट सावित्री व्रत का महत्व

मान्यता है कि माता सावित्री अपने पति सत्यवान के प्राणों को यमराज से छुड़ाकर ले आई थीं. इस दिन बरगद के वृक्ष की पूजा का विशेष महत्व होता है. इस वृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवताओं का वास होता है. ऐसे में इस वृक्ष की पूजा से तीनों देवताओं का आशीर्वाद मिलता है. इसके साथ ही अखंड सौभाग्य और संतान प्राप्ति का आशीर्वाद मिलने की मान्यता है.

Posted by: Radheshyam Kushwaha

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel