22.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

वाराणसी की वो एतिहासिक नदी जो गुम हो गयी, अस्सी नदी जिसे अब लोग कहते हैं ‘अस्सी नाला’

शहर की भावी पीढ़ी अब यह नहीं महसूस कर पाएगी कि काशी का नाम वाराणसी क्यों पड़ा. इस शहर को अस्सी व वरुणा नदी के आधार पर वाराणसी नाम दिया गया. वह अस्सी नदी अब इतिहास हो गई.

बनारस, दुनिया के सबसे पुराने शहरों में से एक जो वक्त के साथ चलकर भी रुका सा महसूस होता है, जो दिल में तो आता है पर समझ में नहीं. इतना अनछुआ है कि आप छू नहीं सकते, बस गंगा जल की तरह अंजुली में भर सकते हैं. धार्मिक नहीं आध्यात्मिक शहर है यह, जहां जीवन और मृत्यु साथ-साथ चलते हैं. कई सदियां बीती और इस बदलते संसार में लोग ही नहीं बल्कि शहर भी बदल गए, पर बनारस आज भी वैसा है. मस्ती और हुल्लड़बाजी के बीच काशी बम-बम नजर आती है. मुस्‍कराहट के साथ रस से भरी गाली का अंजाद ऐसा निराला है कि मुंह से निकल ही जाता है ई हौ राजा बनारस.

पुराणों से भी पुरानी नगरी होने की मान्‍यता बनारस की है, पौराणिक मान्‍यता यह भी है कि इस शहर का न आदि है न अंत है. कलकल कर बहती सदानीरा मां गंगा इस शहर को तीनों लोको से न्यारी बनाती हैं. गंगा ही नहीं बल्कि इस में दो नदियां और बहती हैं, वरूणा और अस्सी नदी. गंगा की दो सहायक नदियां वरुणा और अस्सी के नाम पर इसका नाम वाराणसी पड़ा. वाराणसी के पूर्वी हिस्से में गंगा नदी बहती है, दक्षिणी छोर पर अस्सी नदी मिलती थी जबकि वरुणा नदी उत्तरी सीमा बनाती थी.

Undefined
वाराणसी की वो एतिहासिक नदी जो गुम हो गयी, अस्सी नदी जिसे अब लोग कहते हैं 'अस्सी नाला' 4

शहर की भावी पीढ़ी अब यह नहीं महसूस कर पाएगी कि काशी का नाम वाराणसी क्यों पड़ा. इस शहर को अस्सी व वरुणा नदी के आधार पर वाराणसी नाम दिया गया. वह अस्सी नदी अब इतिहास हो गई.अस्सी नदी पहले अस्सी घाट के पास गंगा में मिलती थी, पर गंगा कार्य योजना के बाद से इसे मोड़ कर लगभग दो किलोमीटर बाद में गंगा में मिला दिया गया है. यही नहीं, सरकारी फाइलों में भी इसे अस्सी नदी नहीं बल्कि अस्सी नाला का नाम दे दिया गया है. वाराणसी की आज की पीढी को तो शायद पता भी नहीं होगा कि अस्सी नाला पहले एक नदी थी.

चार दशक पहले जिस नदी के पानी से लोग आचमन करते थे, वर्तमान में वहां से गुजरना भी मुश्किल है. अस्सी नदी का उद्गम स्थल वाराणसी का ही कंदवा है. वहां से चितईपुर, करौंदी, करमजीतपुर, नेवादा, सरायनंदन, नरिया, साकेत नगर नगवां से गुजरते हुए गंगा में मिलती है, कुल आठ किलोमीटर है नदी की लंबाई. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार देवी दुर्गा ने शुम्भ-निशुम्भ नामक असुरों का वध करने के बाद जहां अपनी तलवार फेंकी थी, उस स्थान पर ही महादेव कुंड बना और इससे निकले पानी से ही अस्सी नदी का उद्गम हुआ. अस्सी नदी और अस्सी घाट का वर्णन गोस्वामी तुलसीदास की मृत्यु में भी मिलता है.

Undefined
वाराणसी की वो एतिहासिक नदी जो गुम हो गयी, अस्सी नदी जिसे अब लोग कहते हैं 'अस्सी नाला' 5

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के महामना मालवीय गंगा रिसर्च सेंटर के चैयरमेन प्रो. बीडी त्रिपाठी बताते हैं कि अस्सी बनारस के दक्षिण सीमा को बनाती है तो वरूणा उत्तरी. दोनों नदियां गंगा में मिल जाती है. बनारस में गांगा अर्धचंद्राकार है और अस्सी नदी के वजह से कभी भी बनारस के घाट पर बालू का डिपॉजिशन नहीं होता था. वहीं गंगा एक्शन प्लान फेज -1 के दौरान अस्सी को एक किलोमीटर दूर ले जाकर गंगा में संगम कराया गया. जो नदी पहले अस्सी घाट पर गंगा में मिलती थी उसका पोजिशन बदल दिया गया जो ठीक नहीं हुआ था. प्रो बीडी त्रिपाठी ने बताया कि अस्सी नदी के किनारे आज के समय बेतहासा अवैध निर्माण हुए हैं. उन्होंने बताया कि गंगा की सफाई बिना अस्सी नदी के सफाई के नहीं हो सकती है.

असी नदी मुक्ति अभियान के संयोजक कपिन्द्र तिवारी ने प्रभात खबर को बताया कि असि नदी का मामला नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में चल रहा है. तीन जजों की बेंच ने 232 पेज की अंतरिम रिपोर्ट जारी की है, जिसमें हलफनामे के तौर पर वाराणसी जिला प्रशासन ने जो कार्य योजना प्रस्तुत की उसमें नदी का कायाकल्प करने की बात कही है.

इस नदी को एक किलोमीटर बाद गंगा में मिलाने के कारण अब पानी अस्सी घाट से दूर चला गया है. अब विशालकाय सीढियां अस्सी घाट पर आपका स्वागत करतीं हैं, पर गंगा का पानी दूर चला गया है. देश की अन्य नदियों की तरह अस्सी नदी में भी आबादी और उद्योगों से निकला गंदा जल ही मुख्य समस्या है. इसमें जगह-जगह कचरे के ढेर भी मिलते हैं. अस्सी नाले को फिर से अस्सी नदी के रूप में वापस लाने के लिए अभी एक लंबा सफर तय करना होगा. अवैध निर्माण और शहर के सीवेज ही अस्सी नदी की मुख्य समस्या है. उम्मीद है आने वाले दिनों में जिन नदियों ने इस शहर को नया नाम दिया वो फिर से अपने पुराने स्वरूप में वापस लौटेंगी.

Rajat Kumar
Rajat Kumar
Media Person. Five years of experience working in digital media doing videos and writing content. Love to do ground reporting.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel