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पीएम मोदी के गोद लिए गांव में बीजेपी के खिलाफ गुस्सा, सीएम योगी के खिलाफ क्या बोली जनता, ग्राउंड रिपोर्ट

UP Chunav 2022 Latest News: 2014 का लोकसभा चुनाव जीतने और प्रधानमंत्री बनने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने सांसद आदर्श ग्राम योजना की शुरूआत की. इस योजना के तहत उन्होंने वाराणसी जिले के जयापुर गांव को गोद लिया था. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 से पहले हमने जाना जयापुर गांव का हाल.

भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 2014 के लोकसभा चुनाव में शानदार जीत हासिल की और इस जीत के हीरो बने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi). प्रधानमंत्री बनने के बाद वाराणसी के सांसद नरेंद्र मोदी ने 11 अक्टूबर 2014 को सांसद आदर्श ग्राम योजना की शुरूआत की. इस योजना के तहत पीएम मोदी ने वाराणसी ज़िले के जयापुर गांव को गोद लिया था. जिसका मक़सद इस गांव को आदर्श गांव बनाना था. इस बात करीब 8 साल बीत चुके हैं. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 से पहले हम जयापुर में पहुंचे और यहां लोगों से बात की. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर इस गांव के मन में क्या है और यहां कितना विकास हुआ जाने हमारे इस रिपोर्ट में.

भारत गांवों का देश है. महात्मा गांधी ने कहा था – ‘असली भारत गांवों में बसता है’. गांवों में आज भी एक अलग ही दुनिया बसती है, शहर की दौड़-धूप से दूर. हम भी बनारस के एक ऐसे ही गांव जयापुर पहुंचे. जब हम जयापुर गांव के गेट पर पहुंचे तो वहां पर हमें एक बस स्टैंड मिला, जो पीएम मोदी के जयापुर गोद लेने के कुछ ही महीनों बाद बनाया गया था. गांव के लोगों से बात करने पर पता चला कि यहां बस नहीं आती है पर आने-जाने के लिए ऑटो मिल जाता है. राजातालाब से जयापुर जाने के लिए एकमात्र साधन ऑटो है. अधिकतर लोग कहीं आने जाने के लिए अपनी बाइक का ही इस्तेमाल करते हैं. बता दें कि जयापुर की कुल आबादी 2011 की जनगणना के अनुसार, 4200 है. इस गांव में कुल 2700 वोटर हैं. यहां पटेल, ब्राह्मण, भूमिहार, कुम्हार, दलित आदि जातियों के साथ रहते हैं.

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PM Modi Adopted Village Ground Report : टूटीं मिली सड़कें

राजातालाब से जयापुर गांव (Jayapur Village) जाने तक की सकड़ बिल्कुल ठीक थी पर गांव के अंदर ऐसे हालात नहीं दिखे. जयापुर में सड़क ऊबड़-खाबड़ और बेहद ख़राब हाल में हमें दिखे. सड़कों की खराब हालात से वहां के लोग काफी नाराज भी दिखे. वहां की महिलाओं ने हमें बताया कि बारिश के बाद कच्ची सड़क पर चलना बहुत मुश्किल हो जाता है. एक बुजुर्ग महिला ने हमसे भोजपुरी में कहा कि ‘आवे जाए के कहीं हमने के रस्ता नहीं बा.’ वहीं गांव के ही एक युवा साजन ने बताया कि बाकि सब तो ठीक पर जयापुर के सड़कों की हालत आसपास के गांवों से भी बेकार है, आसपास की लोहिया गांवों की सड़कें अभी भी बेहतर है.

पानी और बिजली की व्यवस्था से लोग खुश

जयापुर गांवे के लोग बिजली और पानी की व्यवस्था से काफी खुश दिखें. वहां पर हमने जिससे भी बात की सभी ने इस बात पर खुशी जाहिर की. लोगों ने बताया कि गांव में पानी और बिजली की समस्या बिल्कुल खत्म हो गयी है. जयापुर गांव में हमें पानी की एक टंकी भी दिखी. वहीं गांव किसानों से जब हमने खाद के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि खाद लेने में उन्हें अब कोई दिक्कत नहीं होती है. खाद आसानी से मिल जाती है.

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जयापुर गांव के ही निवासी सोमारू राजभर वहां के विकास के खुश नहीं दिखे. उन्होंने बताया कि उनका घर अभी कुछ ही दिन पहले बारिश में गिर गया था और वह उसी में दब गये, गांव के लोगों ने ही उन्हें बचाया. गांव के लोगों ने बताया कि घर गिरने के बाद भी वह उसी मकान में रह रहे हैं क्योंकि उनके पास रहने के लिए और कोई जगह नहीं है.
बेरोजगारी से परेशान युवा

गांव के ही राजन यादव ने बताया कि पढने लिखने के बाद भी नौकरी नहीं मिली और फिलहाल वह दुध बेच रहे है. राजन ने कहा कि वह पढ़ने लिखने से क्या फायदा अगर मजदूरी ही करना था तो पहले से ही यही करते.वहीं गांव के एक और व्यक्ति ने बताया कि वह पिछले दो सालों से बेरोजगार बैठे हैं कोई काम नहीं मिल रहा है और जो लड़के पढ़े लिखे हैं वो ऐसे ही घूम रहे हैं. बेरोजगारी पर बात करते हुए ये युवा सीएम योगी से काफी नाराज दिखें.

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आपको बता दे कि गांव में दो बैंक हैं. सिंडीकेट बैंक और यूनियन बैंक. यहां एक पोस्ट ऑफिस भी है. पीएम मोदी के गांव गोद लेने के बाद यहां बैंक खुले हैं, जिससे गांववालों को खाता खुलवाने में आसानी हो गई. गांव में नंदघर (आंगनबाड़ी केंद्र) है.

अटल नगर का हाल बेहाल

गांव के आख़िर छोर पर स्थित अटल नगर जाने का रास्ता भी ठीक नहीं है. वहां पहुंचने के लिए कोई भी रास्ता नहीं है. खेत के मेड़ और कच्चे रास्ते से होते हुए वहां पहुंचते हैं. लोगों ने बताया कि बारिश के बाद अटल नगर पहुंचना दुभर हो जाता है. वहीं अटल नगर में मोदी सरकार की उज्ज्वला योजना के बड़े-बड़े दांवों के बीच कुछ औरतें चूल्हे पर खाना पकाते हुए दिखीं.

Rajat Kumar
Rajat Kumar
Media Person. Five years of experience working in digital media doing videos and writing content. Love to do ground reporting.

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