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Teja Dashmi 2022 Date: कल मनाई जाएगी वीर तेजा दशमी, जानें इसके पीछे छिपी ये रोचक कथा

Teja Dashmi 2022 Date: तेजा दशमी का पर्व 6 सितंबर को मनाया जाएगा. मुख्य रूप से मध्य प्रदेश, राजस्थान व कुछ अन्य प्रदेशों में ही मुख्य रूप से मनाया जाता है। इस दिन तेजा जी महाराज के मंदिरों में मेला लगता है और भक्त तेजा जी को रंग-बिरंगी छतरियां चढ़ाते हैं

Teja Dashmi 2022 Date: इस साल तेजा दशमी का पर्व 6 सितंबर दिन मंगलवार को मनाया जाएगा. इस दिन वीर तेजाजी के पूजन करने की परंपरा है.

राजस्थान के लोकदेवता वीर तेजाजी के निर्वाण दिवस भाद्रपद शुक्ल दशमी को प्रतिवर्ष तेजादशमी के रूप में मनाया जाता है. तेजाजी जाट के घर पैदा हुए थे लेकिन सभी जातिया उनका सम्मान करती है. तेजा दशमी का पर्व भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन मनाया जाता है. इसके चलते आज शुक्रवार को तेजा दशमी मनाई जा रही है. इस दिन अनेक जगहों पर तेजाजी के मंदिरों में मेले का भी आयोजन किया जाता है. इस बार कोरोना महामारी के कारण मेले नहीं लगे हैं. पुरानी मान्यता है कि सर्पदंश से बचने के लिए वीर तेजाजी का पूजन किया जाता है.

तेजाजी दशमी कब मनाते है. (Teja Dashmi kab Manate hai)

वैसे तो तेजा दशमी प्रतिवर्ष अगस्‍त या सितम्‍बर में महीने में मनाई जाती है हिन्‍दी पंचाग के अनुसार बात करे तो भाद्रपद मास की शुक्‍लपक्ष की दशमी को Veer Teja Dashmi मनाई जाती है. जो इस बार 06 सितम्‍बर 2022 मंगलवार के दिन यह दशमी का त्‍यौहार मनाया जाएगा. प्रमुख रूप से दशमी का त्‍यौहार भारत के कुछ राज्‍यों राजस्‍थान, गुजरात, हरियणा, मध्‍यप्रदेश, उत्तर प्रदेश राज्‍यो में घूम-धाम से मनाया जाता है.

तेजाजी का विवाह (Tejaji ka Vivah)

जब तेजाजी बड़े हुए तो उनका विवाह माता-पिता ने इनका विवाह पेमल नामक राजकुमारी के साथ कर दिया था, पनेर नामक गॉंव के मुखिया रायमल साब जो झॉंझर गौत्र केथे, उनकी बेटी थी. राजकुमारी पेमल जी का जन्‍म 1131 बुद्ध पूर्णिमा विक्रम सवंत के दिन हुआ था. तेजाजी और राजकुमारी पेमल का विवाह 1074 में पूर्णिमा के दिन पुष्‍कर घाट (अजमेर) में हुआ. पेमल के मामा खाजूकाला जो तेजाजी के पिता ताहड़ देव जी से दुश्‍मनी होने के कारण वह एक-दूसरे को मारना चाहते थे.

दुश्‍मनी इतनी बढ़ गई की खाजूकाला ने ताहड़ देव जी को मारने के लिए ताहड़ देव पर हमला कर दिया किन्‍तु ताहड़ देव जी ने खाजूकाला को मौत के घाट उतार दिया. यह घटना सुनकर पेमल की माता बहुत क्रोधित हुई और वह ताहड़ देव जी के परिवार से बदला लेने के बारे सोचने लगी. और अपनी बेटी पेमल को ससुराल नहीं भेजा और अपने पास ही रख लिया.

निकाली जाती है शोभा यात्रा

यह त्योहार मुख्य रूप से मध्यप्रदेश के मालवा- निमाड़ और राजस्थान के कई इलाकों में धूमधाम से मनाया जाता है. तेजा दशमी के अवसर पर कई स्थानों में मेले आयोजित किए जाते हैं. कई जगह शोभायात्रा भी निकाली जाती है और भंडारे का आयोजन भी किया जाता है. सैकड़ों की तादाद में श्रद्धालु अपनी मनोकामना लेकर यहां आते हैं.

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