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EXCLUSIVE : जमशेदपुर ‘विनर’ की ट्रॉफी लेकर जाना चाहूंगी- शिल्पा राव

Shilpa Rao Interview : प्रसिद्ध प्ले बैक सिंगर शिल्पा राव (Shilpa Rao) मनमर्जियां, घुंघुरू, आज जाने की जिद ना करो जैसे कई सुपरहिट गीतों की आवाज़ रही हैं. शिल्पा इन दिनों म्यूजिक रियलिटी शो इंडियन प्रो म्यूजिक लीग को लेकर सुर्खियों में है. वह इस रियलिटी शो में बतौर कैप्टेन मुम्बई वारियर्स टीम का प्रतिनिधित्व करेंगी. उनके इस नए रियलिटी शो, म्यूजिक ट्रेंड और विश्व प्रसिद्ध ग्रैमी अवार्ड नॉमिनेशन पर उर्मिला कोरी की हुई बातचीत...

Shilpa Rao Interview: प्रसिद्ध प्ले बैक सिंगर शिल्पा राव (Shilpa Rao) मनमर्जियां, घुंघुरू, आज जाने की जिद ना करो जैसे कई सुपरहिट गीतों की आवाज़ रही हैं. शिल्पा इन दिनों म्यूजिक रियलिटी शो इंडियन प्रो म्यूजिक लीग को लेकर सुर्खियों में है. वह इस रियलिटी शो में बतौर कैप्टेन मुम्बई वारियर्स टीम का प्रतिनिधित्व करेंगी. उनके इस नए रियलिटी शो, म्यूजिक ट्रेंड और विश्व प्रसिद्ध ग्रैमी अवार्ड नॉमिनेशन पर उर्मिला कोरी की हुई बातचीत…

इंडियन प्रो म्यूजिक लीग दर्शकों को क्या खास आफर कर रहा है?

18 सिंगर किसी एक रियलिटी शो से कभी जुड़े हैं क्या, ये पहली बार हो रहा है. इसके अलावा यहां पर हर गाने को एक अलग अंदाज में प्रस्तुत किया जाएगा. जैसे आपने तेरी दीवानी घुंघरू सुना है लेकिन इस शो में हम उसे बिल्कुल ही अलग अंदाज में पेश करेंगे. उम्मीद है कि म्यूजिक लवर्स इसे बहुत एन्जॉय करेंगे. 6 टीम हैं सभी में आपको बहुत टैलेंट देखने और सुनने को मिलेगा.

कुछ खास आपकी प्लानिंग हैं परफॉर्म करने की इस रियलिटी शो के दौरान?

मैं ग़ज़ल परफॉर्म करना चाहूंगी. उसको लेकर बहुत उत्साहित हूं. मेरी शुरुआत ग़ज़ल गायकी से हुई है.

इंडिपेंडेंट म्यूजिक का जो मौजूदा दौर है उसमें हर कोई सिंगर बन अपना सिंगल रिलीज कर रहा है.

मैं इसे नेगेटिव में नहीं बल्कि पॉजिटिव में देखती हूं. सारे लोग काम कर रहे हैं. एक दो अपवाद छोड़ दें तो ज़्यादातर लोग मेहनत करके कुछ अलग कुछ अच्छा करने की कोशिश कर रहे हैं. यही वजह है कि इंडिपेंडेंट म्यूजिक इतना ग्रो कर रहा है. 50 मिलियन किसी इंडिपेंडेंट म्यूजिक को मिल सकता है. किसी ने 5 साल पहले सोचा भी था क्या. इंडिपेंडेंट म्यूजिक ग्रो करना ही चाहिए.

आजकल सिंगर की आवाज़ के साथ साथ लुक का भी बहुत ख्याल रखना पड़ता है?

मैं कभी जिम नहीं गयी. सबकुछ खाती हूं. गले के लिए बस बर्फ से दूरी रखती हूं. मैं फूडी हूं.मेरा जेनेटिक ऐसा है. मेरी माँ को इसके लिए धन्यवाद देती हूं. वैसे मैं हेल्थी दिखने में यकीन करती हूं. इस कपड़े में मुझे फिट होना है. ये सोच से मुझे परेशानी है. हॉलीवुड स्टार केट विंसलेट इस मामले में मेरी आदर्श हैं. वो हमेशा कहती हैं कि जिस कपड़े को पहनकर आप खुश दिखते हो उसी में आप सबसे खूबसूरत दिखते हो. कपड़ों को नहीं आप खुद को सुंदर समझिए. मैं हर किसी को यही कहती हूं कि अगर आप इस साइज में फिट नहीं हो रहे हो बड़ी साइज ले लो लेकिन हैप्पी रहो. जबरदस्ती से खुद को पतला करके उसमें फिट होने से आप खूबसूरत नहीं दुखी लगोगे.

आप मेकअप को एन्जॉय करती हैं?

मेकअप में टाइम ज़्यादा जाता है इसलिए हमेशा मेकअप करवाते हुए ये मन में आता है कि दो घंटे की नींद और मिल जाती थी .लेकिन ये ज़रूरी भी है क्योंकि स्टेज पर लाइट होती है और आपको खुद को प्रेजेंटेबल दिखाना होता है. इस बात के साथ मैं ये भी जोड़ना चाहूंगी कि खुद को बदलो मत क्योंकि जो आपकी खासियत और कमियां है. वही आपको अलग बनाती है.

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आपको ग्रैमी अवार्ड नॉमिनेशन ग्लोबल म्यूजिक एल्बम कैटेगरी में मिला है क्या और प्रेशर बढ़ गया है?

हां. अभी से और अच्छा करना है ये प्रेशर तो है. मुझे खुशी होगी अगर जो म्यूजिक में कुछ करना चाहते हैं और मेरा ये नॉमिनेशन उन्हें मोटिवेट करे तो मुझे ज़्यादा खुशी मिलेगी.14 मार्च का बेसब्री से इंतज़ार है जब ग्रैमी अवार्ड होंगे.

आप किसके म्यूजिक को सुनना पसंद करती हैं?

हमेशा से मेहंदी हसन साहब।वो मेरी प्रेरणा हमेशा से रहे हैं.

आप जमशेदपुर से हैं तो वहां की क्या बात मुम्बई में मिस करते हैं?

सबकुछ ही मिस करती हूं. स्कूल ,दोस्त, जगह सबको मिस करती हूं. गलियां, पार्क, रोड्स वहां मैं घर से ज़्यादा समय बिताती थी तो उसको बहुत मिस करती हूं. होली के समय गयी थी. एक साल हो गया. होली के समय जमशेदपुर और खिल उठता है. रोड पर खड़े पेड़ फूलों की कारपेट बना देते हैं. होली के दिन एक दूसरे के घर पर जाना. मालपुए, दही वड़े, कटहल की सब्जी,गुलाब जामुन. याद करके ही मुंह में पानी आ जाता है. मैं उसे बहुत मिस करती हूं. इंडियन प्रीमियर म्यूजिक और ग्रैमी में से किसी की ट्रॉफी लेकर जमशेदपुर वापस जाना चाहूंगी. पिछले साल फ़िल्मफ़ेअर की ट्रॉफी लेकर गयी थी.

हाल ही में आप शादी के बंधन में बंधी हैं,घर को काम को किस तरह से मैनेज कर रही हैं?

मुझे लगता है कि अब शादियां ऐसी नहीं रह गयी हैं जहां कपल को एक दूसरे का ख्याल रखने की ज़रूरत है कि मेरे लिए खाना बनाए कपड़े धोए. अब सपोर्ट की ज़रूरत होती है. अपने अपने काम हम खुद कर सकते हैं. मेरे मम्मी पापा ने हमेशा से से मेरे भाई और मुझे अपनी चीज़ें खुद से करने को प्रेरित किया है. मैं लड़की हूं तो मुझे करना है लड़के को नहीं. ऐसा नहीं था. मेरे पति रितेश भी उसी सोच को रखते हैं इसलिए शादी के बाद ज़्यादा तो कुछ नहीं बदला है. रितेश और मैं वैसे ही हैं. हां हम ट्रेवलिंग को मिस करते हैं.

जो लोग म्यूजिक में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं उनसे आप क्या कहोगे?

सफलता के लिए कभी भी शार्ट कट का सहारा मत लो. सफलता मिल भी गयी तो वो शार्ट ही रहेगी. दादी नानी भी कहती आयी हैं कि जितना गुड़ डालोगे उतना मीठा होगा तो मेहनत रियाज़ वह गुड़ है.

गुज़रा हुए साल 2020 आपको कौन सी सीख दे गया?

अगर आप अपनी कंपनी में बोर हो रहे हैं तो समझिए कि कुछ कमी आपमें है तो अपनी पर्सनालिटी को रोचक और मज़ेदार बनाइए. अच्छा म्यूजिक सुनिए,अच्छा खाना बनाइए और खाइए. खुद का ध्यान रखिये. आर्ट फॉर्म में रुचि जगाइए. जितना हो सकें अपने फ़ोन से दूर रहिए. उससे अच्छा आप किताब पढ़िए.

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