11.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Satyanarayan Vrat 2023: जनवरी में कब करें सत्यनारायण भगवान की पूजा, जानें पूर्णिमा की तिथि

Satyanarayan Vrat 2023: श्री सत्यनारायण के रूप में भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए सत्यनारायण पूजा का आयोजन करते हैं. पूर्णिमा के दिन भगवान श्री हरि विष्णु का सबसे प्रिय दिन है.

Satyanarayan Vrat 2023: पूर्णिमा को पवित्र दिनों में से एक माना जाता है जो हर महीने पूर्णिमा के दिन पड़ता है. लोग इस विशेष दिन श्री सत्यनारायण व्रत का पालन करते हैं और यह व्रत हिंदुओं के बीच एक महान धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखता है. लोग श्री सत्यनारायण के रूप में भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए सत्यनारायण पूजा का आयोजन करते हैं. पूर्णिमा के दिन भगवान श्री हरि विष्णु का सबसे प्रिय दिन है. द्रिक पंचांग के अनुसार इस माह पौष माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को यानी 6 जनवरी 2023 को सत्यनारायण व्रत किया जाएगा.

Satyanarayan Vrat 2023: तिथि और समय

पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ – जनवरी 6, 2022 – 02:14 AM

पूर्णिमा तिथि समाप्त – 7 जनवरी 2023 – 04:37 AM

Satyanarayan Vrat 2023: महत्व

  • हर पूर्णिमा का अपना धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व होता है. ऐसा माना जाता है कि इस पवित्र दिन पर, चंद्रमा पृथ्वी के करीब आता है और भक्तों को अपनी दिव्य किरणें प्रदान करता है. वैदिक ज्योतिष के अनुसार, चांदनी आध्यात्मिक और शारीरिक शक्ति को बढ़ा सकती है जो सुखी और स्वस्थ जीवन के लिए आवश्यक है.

  • यह भी माना जाता है कि जो लोग पौष पूर्णिमा पर सत्यनारायण व्रत का पालन करते हैं, भगवान विष्णु उन्हें स्वास्थ्य, धन और समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं और विशेष रूप से जो लोग पूर्ण जीवन साथी की तलाश कर रहे हैं या जल्द ही शादी करना चाहते हैं, उन्हें भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए इस व्रत का पालन करना चाहिए.

  • ऐसा माना जाता है कि जो भक्त प्रत्येक पूर्णिमा को श्री सत्यनारायण का व्रत करते हैं, श्री सत्यनारायण उन्हें सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाओं को पूरा करते हैं. भक्तों को जीवन से सभी प्रकार की बाधाओं को दूर करने के लिए विष्णु सहस्त्रनाम का जाप या श्रवण करना चाहिए.

Also Read: Paush Putrada Ekadashi 2023 LIVE Update: पौष पुत्रदा एकादशी पर बन रहें शुभ योग, जानें शुभ मुहूर्त
Satyanarayan Vrat 2023: पूजा विधि

  1. भक्त सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करते हैं

  2. एक लकड़ी का तख्ता (चौकी) लें और भगवान श्री सत्यनारायण की मूर्ति रखें, इसे केले के पत्ते और आम के पत्तों से सजाएं

  3. फूल, कुमकुम चढ़ाएं, भगवान को हल्दी का तिलक लगाएं, जल से भरा कलश रखें और देसी घी का दीपक जलाएं

  4. सत्यनारायण पूजा करने के लिए कोई सटीक समय नहीं दिया गया है, हालांकि इसे कभी भी किया जा सकता है

  5. भक्त भुने हुए आटे, सफेद चीनी पाउडर (बूरा का प्रयोग करें) से बना प्रसादम तैयार करते हैं, केले को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर प्रसादम में डालते हैं। इस मिश्रण में तुलसी पत्र डालना ना भूलें

  6. दूध, दही, शहद, चीनी और घी का मिश्रण पंचामृत तैयार करें और पंचामृत में तुलसी पत्र डालकर भगवान सत्यनारायण को भोग लगाएं

  7. जो भक्त भगवान सत्यनारायण को प्रसन्न करना चाहते हैं उन्हें तुलसी पत्र अवश्य चढ़ाना चाहिए और ऐसा माना जाता है कि तुलसी पत्र के बिना पूजा अधूरी मानी जाती है

  8. सत्यनारायण पूजा के दौरान, पूजा में उपस्थित सभी लोगों को कथा सुनाई जाती है

  9. सत्यनारायण कथा पूरी करने के बाद, आरती में “जय लक्ष्मी रमना” और “जय जगदीश हरे” का पाठ किया जाता है

  10. उपवास तोड़ने से पहले भक्तों को देवता का सम्मान करने के लिए चंद्रमा को जल (अर्घ्य) देना चाहिए

  11. उसके बाद भक्त सात्विक भोजन कर व्रत तोड़ सकते हैं

  12. भक्तों को सभी बाधाओं से छुटकारा पाने के लिए इस शुभ दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना चाहिए

मंत्र

1. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय..!!

2. ॐ नमो लक्ष्मी नारायणाय..!!

3. श्रीमन नारायण नारायण हरि हरि..!!

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें