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Saraswati Puja 2021 Mantra And Aarti: मां सरस्वती की पूजा-अर्चना करें इन मंत्रों के साथ, पूरी होगी हर मनोकामना

Basant Panchami 2021, Saraswati Puja 2021 Mantra And Aarti : बसंत पंचमी (Basant Panchami 2021) का त्‍योहार उत्तर भारत में धूमधाम से मनाया जाता है. धार्मिक मान्यता है कि सृष्टि के निर्माण के बाद इसी दिन परम पिता परमेश्वर ब्रह्माजी ने मां सरस्वती के आशीर्वाद से मां सरस्वती का प्राकट्य हुआ था, इसलिए इस दिन मां सरस्वती की विधि-विधान से पूजा की जाती है. विद्यार्थी सरस्वती पूजा के दिन एक दूसरे को गुलाल लगाते हैं और उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं भी देते हैं. हम आपके लिए ला रहे हैं सरस्वती पूजा की आरती, जिसे पढ़कर आप भी मां सरस्वती से अपने मन की इच्छा को मांग सकते हैं.

Basant Panchami 2021: बसंत पंचमी (Basant Panchami 2021) का त्‍योहार उत्तर भारत में धूमधाम से मनाया जाता है. धार्मिक मान्यता है कि सृष्टि के निर्माण के बाद इसी दिन परम पिता परमेश्वर ब्रह्माजी ने मां सरस्वती के आशीर्वाद से मां सरस्वती का प्राकट्य हुआ था, इसलिए इस दिन मां सरस्वती की विधि-विधान से पूजा की जाती है. विद्यार्थी सरस्वती पूजा के दिन एक दूसरे को गुलाल लगाते हैं और उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं भी देते हैं. हम आपके लिए ला रहे हैं सरस्वती पूजा की आरती, जिसे पढ़कर आप भी मां सरस्वती से अपने मन की इच्छा को मांग सकते हैं.

मां सरस्वती जी की आरती

जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता।

सद्गुण, वैभवशालिनि, त्रिभुवन विख्याता ।।जय..।।

चन्द्रवदनि, पद्मासिनि द्युति मंगलकारी।

सोहे हंस-सवारी, अतुल तेजधारी।। जय.।।

बायें कर में वीणा, दूजे कर माला।

शीश मुकुट-मणि सोहे, गले मोतियन माला ।।जय..।।

देव शरण में आये, उनका उद्धार किया।

पैठि मंथरा दासी, असुर-संहार किया।।जय..।।

वेद-ज्ञान-प्रदायिनी, बुद्धि-प्रकाश करो।।

मोहज्ञान तिमिर का सत्वर नाश करो।।जय..।।

धूप-दीप-फल-मेवा-पूजा स्वीकार करो।

ज्ञान-चक्षु दे माता, सब गुण-ज्ञान भरो।।जय..।।

माँ सरस्वती की आरती, जो कोई जन गावे।

हितकारी, सुखकारी ज्ञान-भक्ति पावे।।जय..।।

सरस्वती पूजा मंत्र

विघ्न-बाधाओं को दूर करने के लिए

ऐं ह्रीं श्रीं अंतरिक्ष सरस्वती परम रक्षिणी।

मम सर्व विघ्न बाधा निवारय निवारय स्वाहा।।

सरस्वती देवी का मूल मंत्र

ओम ऐं सरस्वत्यै ऐं नमः।

सरस्वती वंदना

या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता।

या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना॥

या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।

सा माम् पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥1॥

शुक्लाम् ब्रह्मविचार सार परमाम् आद्यां जगद्व्यापिनीम्।

वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्॥

हस्ते स्फटिकमालिकाम् विदधतीम् पद्मासने संस्थिताम्।

वन्दे ताम् परमेश्वरीम् भगवतीम् बुद्धिप्रदाम् शारदाम्॥2॥

मां सरस्वती का संपूर्ण मंत्र

ओम ऐं ह्रीं क्लीं महासरस्वती देव्यै नमः।

मां सरस्वती की आरती

जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता।

सद्गुण वैभवशालिनी, त्रिभुवन विख्याता।।

जय सरस्वती माता…

चन्द्रवदनि, पद्मासिनि द्युति मंगलकारी।

सोहे हंस-सवारी, अतुल तेजधारी।।

बसंत पंचमी पर बन रहे हैं शुभ योग

कल बसंत पंचमी का पर्व है. बसंत पंचमी पर इस बार दो विशेष योग का निर्माण हो रहा है. वहीं ग्रहों की चाल भी इस दिन को उत्तम बनाने में सहयोग कर रहे हैं. पंचांग के अनुसार इस दिन अमृत सिद्धि योग और रवि योग का संयोग बनने जा रहा है. जो इस पर्व के महत्व को और भी अधिक बढ़ाता है. वहीं इस बार बसंत पंचमी पर रेवती नक्षत्र रहेगा. जो कि बुध का नक्षत्र माना जाता है. ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को बुद्धि और ज्ञान का कारक माना गया है.

Posted By: Shaurya Punj

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