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काशी विश्वनाथ में स्‍पर्श दर्शन कर विवादों में घिरीं सारा अली खान, VIDEO

Sara Ali Khan and Kashi Vishwanath Temple controversy : सैफ अली खान की बेटी सारा अली खान इनदिनों काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन को लेकर सुर्खियों में बनी हुई हैं. हाल ही में उनकी कुछ तसवीरें और वीडियोज वायरल हुए थे जिसमें वह मंदिर में पूजा करती नजर आई थी. हालांकि अब सारा अली खान द्वारा काशी विश्वनाथ मंदिर में बाबा के स्पर्श दर्शन व पूजा पाठ करने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है.

सैफ अली खान की बेटी सारा अली खान इनदिनों काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन को लेकर सुर्खियों में बनी हुई हैं. हाल ही में उनकी कुछ तसवीरें और वीडियोज वायरल हुए थे जिसमें वह मंदिर में पूजा करती नजर आई थी. हालांकि अब सारा अली खान द्वारा काशी विश्वनाथ मंदिर में बाबा के स्पर्श दर्शन व पूजा पाठ करने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. काशी विकास समिति ने इसपर आपत्ति जताई है क्‍योंकि वह गैर-हिंदू हैं. काशी के विद्वानों ने इसे मंदिर की परंपरा के खिलाफ बताया है.

सारा अली खान अपनी आनेवाली फिल्‍म ‘अतरंगी रे’ की शूटिंग को लेकर वाराणसी में हैं. रविवार को वह अपनी मां अमृता सिंह के साथ काशी विश्वनाथ के दर्शन करने पहुंची थी. लेकिन मंगलवार को इस बात ने तूल तब पकड़ा जब सारा अली खान ने मौके का वीडियो शेयर किया जिसमें उनके माथे पर ‘त्र‍िपुंड’ बना हुआ था. वीडियो में अभिनेत्री मंदिर के अंदर नजर आ रही थीं.

वीडियो में सारा को बिना मास्‍क पहने वाराणसी की भीड़-भाड़ वाली, तंग गलियों में यात्रा करते हुए भी देखा गया था. इसके बाद जानकारी मिली की सारा ने एक विशेष पूजा करते हुए शिवलिंग को छुआ था. उन्‍होंने रविवार को बिना किसी पूर्व सूचना के काशी विश्वनाथ मंदिर में षोडशोपचार दर्शन पूजन किया था. मंदिर प्रशासन को इसकी जानकारी नहीं थी.

काशी विकास समिति के महासचिव चंद्रशेखर कपूर का कहना है कि, श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में अनार्यों और गैर सनातनधर्मियों का प्रवेश पूरी तरह से निषिद्ध है. ऐसे में एक गैर-हिंदू और मंदिर में प्रवेश करने और स्‍पर्श दर्शन की अनुमति कैसे दी गई. गैर सनातनधर्मियों के लिए मंदिर में केवल शिखर दर्शन की व्‍यवस्‍था है. मंदिर प्रशासन को इस बात की जांच करनी चाहिए कि किसने सारा और उनकी मां को दर्शन-पूजा कराया.’

एक और हिंदू स्‍कॉलर ने एक वेबसाइट से कहा कि, यह गंभीर मुद्दा है और इससे लाखों हिंदुओं की धार्मिक भावना आहत हो सकती है. वहीं काशी विद्वत परिषद् के डॉ. रामनारायण द्विवेदी का कहना है कि, मंदिर के पुजारियों ने अगर स्‍पर्श दर्शन करवाया है तो पूरी तरह गलत है. मंदिर प्रशासन को इसे संज्ञान में लेना चाहिये.’

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