21.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

सहरसा में बिहार का पहला पेपरलेस कलेक्ट्रेट, पेपर व मोटी फाइलों के बदले अब हर तरफ केवल लैपटॉप

सहरसा जिलाधिकारी का कार्यालय बिहार का पहला कलेक्ट्रेट है जो पेपरलेस है. वर्तमान जिलाधिकारी आनंद शर्मा की सोच और प्रयास से आज दफ्तर पूरी तरह डिजिटल मोड पर चल रहा है.

एक तरफ जहां टेक्नोलॉजी अब तेज रफ्तार में दौड़ रही है वहीं अब लगभग हर हाथ मोबाइल भी आ चुका है. लोग दफ्तर का चक्कर काटने के बाद डिजिटल माध्यम से घर बैठे कोई काम करना अधिक पसंद करते हैं. इसी बीच सहरसा जिला बिहार का पहला ऐसा जिला बन चुका है जहां का कलेक्ट्रेट दफ्तर अब पूरी तरह से पेपरलेस हो चुका है. यानी तमाम काम अब पेपर पर नहीं बल्कि डिजिटल माध्यम से होते हैं. टेबल पर मोटी-मोटी फाइलें नहीं बल्कि लैपटॉप ही देखने को मिलता है. इसका श्रेय वर्तमान जिलाधिकारी आनंद शर्मा को जाता है.

सहरसा जिलाधिकरी का ऑफिस अब पूरी तरह डिजिटल

सहरसा जिलाधिकरी का ऑफिस अब पूरी तरह डिजिटल हो चुका है. मोटी-मोटी फाइलें और उसमें छिपे पन्नों को ढूंढने की जद्दोजहद अब यहां खत्म हो गयी है. यह दफ्तर अब बिहार का पहला ऐसा दफ्तर बन चुका है जो पेपरलेस है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आम दफ्तरों की भांति यहां अलमीरा और उसके अंदर कागज व फाइलें नहीं है बल्कि हर तरफ सभी टेबल आपको लैपटॉप देखने को मिलेंगे. फाइल से कागज नहीं ढूंढा जाता बल्कि ई-ट्रैकिंग से दफ्तर का काम चलता है. क्लर्क से लेकर डीएम तक कागजात डिजिटल माध्यम से ही एक दूसरे के पास जाते हैं.

सहरसा के वर्तमान डीएम आनंद शर्मा की पहल

यह सबकुछ हो सका सहरसा के वर्तमान डीएम आनंद शर्मा के कारण. आनंद शर्मा 2013 बैच के आइएएस हैं. इंडियन एक्सप्रेस को दिये इंटरव्यू में आनंद शर्मा ने बताया कि पटना में जब वो कॉपरेटिव विभाग में तैनात थे तब उन्होंने इसका फायदा देखा था. विभाग पेपरलेस चला और इसके फायदे मिले. उन्होंने कहा कि जब वो सहरसा के डीएम बने तो पहला काम यही किया कि ऑफिस को पेपरलेस बनाया.

Also Read: नीतीश कुमार दिल्ली यात्रा से ठीक पहले लालू यादव से मिले, मुलाकात के बाद जानें क्या कहा…
5000 फाइल के करीब 3 लाख पेपर को स्कैन करके डिजिटल फाइल बनाया

सहरसा डीएम ने कहा कि दफ्तर को पेपरलेस बनाने में समय और धन दोनों खर्च होते हैं. उन्होंने बताया कि लगभग 5000 फाइल के करीब 3 लाख पेपर को स्कैन करके डिजिटल फाइल बनाया गया. प्रत्येक पेज पर 34 पैसे की लागत आई. इस साल फरवरी में ये प्रक्रिया शुरू की गयी. कर्मियों को पूरी ट्रेनिंग भी दी गयी. ये मेहनत सफल हुआ और आखिरकार कार्यालय पेपरलेस होकर डिजिटल मोड पर आया.

किसानों को भी होगा फायदा

सहरसा डीएम आनंद शर्मा का कहना है कि अब किसानों को डीजल व खाद सब्सिडी वगैरह लेने में मशक्कत नहीं करनी होगी. अब निर्णय फौरन लिया जा सकेगा. फाइल मुवमेंट को कभी भी आसानी से पता कर लिया जा सकेगा. कर्मियों को भी पता है कि अब विलंब का उन्हें कारण बताना पड़ेगा.

सहरसा डीएम ने बताया कि स्टेशनरी पर होने वाले बड़े सरकारी खर्च भी अब बचेंगे. साथ ही इसका एक फायदा ये भी है कि अब कोइ कर्मी अगर अवकास पर हैं तो उनके कारण कोई काम नहीं रूकेगा. पहले फाइल ढूंढना एक बड़ा टास्क होता था.

बिहार का पहला पेपरलेस कलेक्ट्रेट

सहरसा डीएम आनंद शर्मा ने कहा कि अब घर से भी कर्मी किसी इमरजेंसी में आसानी से काम कर सकेंगे. बिहार के 15 विभाग पूरी तरह या थोड़ा बहुत पेपरलेस हुआ है लेकिन कलेक्ट्रेट की बात करें तो सहरसा पहला ही है.

Published By: Thakur Shaktilochan

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel