Ramadan 2022: रहमतों और बरकतों का मुकद्दस महीना रमजान शुरू हो गया. रमजान का पहला रोजा रविवार को रखा गया. रमजान का पूरा महीना इबादतों और नमाज में लोग गुजारेंगे. ईशा की नमाज के बाद झारखंड के हजारीबाग जिले की सभी मस्जिदों में तरावीह की नमाज पढ़ी जा रही है. हजारीबाग की जामा मस्जिद के इमाम अब्दुल जलील ने कहा कि इस माह इबादत के साथ खुब दुआएं करें. रोजा इमान की रौशनी है क्योंकि यह सब्र और संयम का पैगाम देता है. रोजा दरअसल भूख, प्यास, शहवत वासनाओं पर नियंत्रण का नाम है.
रमजान के महीने का आला मकाम है
रमजान को लेकर मस्जिदों को सजाया गया है. इससे मस्जिदों की रौनक बढ़ गयी है. मुस्लिमधर्मावलंबियों में रमजान को लेकर काफी उत्साह देखा जा रहा है. हजारीबाग की जामा मस्जिद के इमाम अब्दुल जलील ने बताया कि रमजान के महीने का आला मकाम है. रमजान के मुबारक माह में ही इस्लाम धर्म की पवित्र किताब कुरआन का नुजूल (अवतरण) हुआ. पवित्र कुरआन की कई आयतों में स्याम अर्थात रोजा और शहरे-रमजान का जिक्र है. एक आयत में है कि ऐ ईमान वालों और अहले किताब कुरआन रोजा रखना फर्ज है.
रोजा इमान की रौशनी है
हजारीबाग की जामा मस्जिद के इमाम अब्दुल जलील ने जानकारी दी है कि रोजा इमान की रौशनी है क्योंकि यह सब्र और संयम का पैगाम देता है. रोजा दरअसल भूख, प्यास, शहवत वासनाओं पर नियंत्रण का नाम है. इमाम अब्दुल जलील ने कहा कि इस माह इबादत के साथ खुब दुआएं करें. रमजान का पूरा महीना इबादतों और नमाज में लोग गुजारेंगे. ईशा की नमाज के बाद झारखंड के हजारीबाग जिले की सभी मस्जिदों में तरावीह की नमाज पढ़ी जा रही है.
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रिपोर्ट: जमालुद्दीन