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प्रभात खबर की कोशिश रंग लायी : ‘मृत’ खेदन घांसी सरकारी रिकॉर्ड में हुए जीवित, मिलने लगी पेंशन

प्रभात खबर की पहल पर उन्हें सरकारी रिकॉर्ड में जीवित घोषित कर दिया गया है. संज्ञान में आने के तुरंत बाद खेदन घांसी को राशि भुगतान की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी थी. 21 जुलाई को उनके बैंक खाते में अप्रैल से जून 2023 तक की तीन माह की पेंशन राशि भेजी जा चुकी है.

कसमार (बोकारो), दीपक सवाल : सरकारी रिकॉर्ड में मृत घोषित कसमार प्रखंड के बगदा निवासी 70 वर्षीय खेदन घांसी को अब खुद को जीवित साबित करने के लिए मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी. प्रभात खबर की पहल पर उन्हें सरकारी रिकॉर्ड में जीवित घोषित कर दिया गया है. इतना ही नहीं, मृत घोषित कर दिये जाने के कारण बंद हो चुकी उनकी पेंशन में से तीन माह की राशि उनके बैंक खाते में इंदिरा गांधी नेशनल ओल्ड एज स्कीम के तहत भेज दी गयी है. शेष पांच महीने की पेंशन राशि भी एक-दो दिनों में भेज दी जायेगी. बीडीओ विजय कुमार ने बताया कि मामला संज्ञान में आने के तुरंत बाद खेदन घांसी को राशि भुगतान की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी थी. 21 जुलाई को उनके बैंक खाते में अप्रैल से जून 2023 तक की तीन माह की पेंशन राशि भेजी जा चुकी है. नवंबर 2022 से मार्च 2023 तक की पेंशन राशि का एकमुश्त भुगतान भी एक-दो दिनों में हो जायेगा.

आवास की भी करायेंगे मरम्मत : बीडीओ

कसमार बीडीओ विजय कुमार ने कहा कि खेदन घांसी के जर्जर इंदिरा आवास की मरम्मत भी करायेंगे. कुमार ने कहा कि सरकार के नियमों के तहत श्री घांसी को दोबारा सरकारी आवास उपलब्ध कराने में कई तरह की अड़चन आ रही है, इसे ध्यान में रखते हुए उनके पुराने आवास की ही मरम्मत करा कर रहने लायक बनाया जायेगा. बीडीओ ने कहा कि आवास की मरम्मत के लिए मानवता के नाते वह खुद आर्थिक सहयोग करेंगे. इसके लिए स्थानीय पंचायत समिति सदस्य मौ भट्टाचार्य को इसकी विशेष जिम्मेदारी सौंपी गयी है.

जल्द मिलेगी पांच माह की बकाया राशि, घर की मरम्मत भी होगी

खेदन घांसी (पिता छुटू साव) को पिछले कई वर्षों तक नियमित रूप से वृद्धावस्था पेंशन मिल रही थी. सितंबर 2022 से अचानक पेंशन राशि मिलनी बंद हो गयी. खेदन गांव के गोड़ाइत हैं. पेंशन उनके जीवनयापन का एक बड़ा सहारा है. अचानक पेंशन रुक जाने से वह परेशान हो गये. इसके लिए संबंधित कार्यालयों और कर्मियों के पास दौड़ लगानी शुरू कर दी. काफी पूछताछ और भागदौड़ के बाद पता चला कि सरकारी रिकार्ड में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया है. खुद को जीवित साबित करने के लिए उन्होंने काफी भागदौड़ की, पर कुछ नहीं हुआ. इससे संबंधित खबर 27 मई 2023 के अंक में ‘प्रभात खबर’ ने प्रमुखता से उठाया और उनके जर्जर आवास के बारे में भी लिखा. इसके बाद प्रशासन रेस में हुआ और पेंशन भुगतान तथा आवास मरम्मत को लेकर पहल शुरू हुई. मामले में मुखर रहीं पंसस मौ भट्टाचार्य ने भी पेंशन मिलने पर खुशी जतायी है.

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जीवित घोषित होने पर खुश हैं पति-पत्नी

पेंशन पाकर श्री घांसी और उनकी पत्नी भादू देवी के चेहरे पर खुशी लौट आयी है. श्री घांसी ने इसके लिए ‘प्रभात खबर’ का आभार जताया है. उन्होंने कहा कि उन्हें तो यकीन ही नहीं हो रहा कि सरकारी बाबुओं ने उन्हें जीवित मान लिया है. क्योंकि खुद को जीवित साबित करने के लिए उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था. उन्होंने बताया कि इस पैसे से उनके कई काम पूरे हो जायेंगे.

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Prabhat Khabar News Desk
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यह प्रभात खबर का न्यूज डेस्क है। इसमें बिहार-झारखंड-ओडिशा-दिल्‍ली समेत प्रभात खबर के विशाल ग्राउंड नेटवर्क के रिपोर्ट्स के जरिए भेजी खबरों का प्रकाशन होता है।

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