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नहीं मिला उचित सम्मान : स्वर्ण पदक विजेता भी सीधी नियुक्ति से बाहर

खेल निदेशालय ने खिलाड़ियों की सीधी नियुक्ति की पूरी तैयारी कर रखी है. लेकिन, इस नियुक्ति प्रक्रिया में उन खिलाड़ियों की अनदेखी की गयी, जिन्होंने रिकॉर्ड बना कर और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण पदक जीतकर झारखंड का नाम रोशन किया है.

रांची : खेल निदेशालय ने खिलाड़ियों की सीधी नियुक्ति की पूरी तैयारी कर रखी है. लेकिन, इस नियुक्ति प्रक्रिया में उन खिलाड़ियों की अनदेखी की गयी, जिन्होंने रिकॉर्ड बना कर और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण पदक जीतकर झारखंड का नाम रोशन किया है. ऐसी ही दो एथलीट हैं सपना कुमारी और प्रियंका. सपना ने रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता, वहीं प्रियंका ने नेशनल लांग जंप में देश के खिलाड़ियों को पीछे छोड़ा. दोनों ने ही नौकरी की आस में सीधी नियुक्ति के लिए आवेदन दिया था.

पर जब खिलाड़ियों के आवेदन शॉर्टलिस्ट किये गये, तो इन्हें भी बाहर कर दिया गया. विभाग की ओर से सीधी नियुक्ति की प्रक्रिया के दौरान सपना और प्रियंका ने आवेदन दिया था. जब नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हुई, तो 300 खिलाड़ियों में से कुल 33 को शॉर्टलिस्ट किया गया. लेकिन, शॉर्टलिस्ट किये गये खिलाड़ियों में इन दोनों का नाम नहीं था. इस पर खेल निदेशक अनिल कुमार सिंह का कहना है कि इन खिलाड़ियों को फोन करके सर्टिफिकेट मांगा गया था, लेकिन ये दोनों नहीं पहुंचीं. इसके बाद इनका नाम लिस्ट से हटा दिया गया. वहीं, सपना कुमारी का कहना है कि खेल निदेशालय से उन्हें कोई फोन नहीं आया है.

खेल निदेशक बोले : फोन कर मांगा गया था सर्टिफिकेट, पर दोनों नहीं पहुंचीं

खिलाड़ियों ने कहा- खेल निदेशालय की ओर से हमें कोई फोन नहीं आया है

साउथ एशियन जूनियर में सपना ने जीता है स्वर्ण : घाटो की रहनेवाली सपना कुमारी ने 2018 में साउथ एशियन जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक रिकॉर्ड के साथ जीता था. साथ ही 100 मीटर हर्डल में राष्ट्रीय स्तर की आधा दर्जन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक अपने नाम किया है. साइ में प्रशिक्षण ले रही सपना का कहना है कि लगता है मेरे पदकों की कोई अहमियत नहीं है, इसलिए खेल निदेशालय की ओर से हमें सीधी नियुक्ति की लिस्ट से बाहर कर दिया गया.

कई नेशनल प्रतियोगिता में प्रियंका ने जीता है स्वर्ण : वर्ष 2019 में रांची में आयोजित नेशनल ओपन एथलेटिक्स चैंपियनशिप के लांग जंप में स्वर्ण पदक जीत कर प्रियंका ने झारखंड का नाम रोशन किया था. वहीं, वर्ष 2015 से लेकर 2016 तक लगातार राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं. सीधी नियुक्ति में सेलेक्शन नहीं होने के सवाल पर वे कहती हैं : हमारे साथ ही ऐसा क्यों हो रहा है? क्या हम झारखंड में नियुक्त होने के काबिल नहीं हैं?

इन दोनों खिलाड़ियों से जरूर कोई चूक हुई होगी, जिसकी वजह से इन्हें फाइनल लिस्ट में नहीं रखा गया. हमने विभाग की वेबसाइट में सभी उम्मीदवारों की सूची अपलोड कर दी है. खिलाड़ी चाहें, तो देख सकती हैं.

– अनिल कुमार सिंह, खेल निदेशक, झारखंड सरकार

Post by : Pritish Sahay

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