9.2 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Mokshada Ekadashi 2022: आज रखा जाएगा मोक्षदा एकादशी का व्रत, आज के दिन जरूर सुनें ये कथा

Mokshada Ekadashi 2022: मोक्षदा एकादशी के दिन रवि योग का संयोग बन रहा है. बन रहा है. रवि योग में काम की शुरुआत करने से सूर्य देव और विष्णु जी की कृपा मिलती है, जिससे सभी काम बिना रुकावट के पूरे होते हैं. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना और व्रत करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

Mokshada Ekadashi 2022: मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोक्षदा एकादशी के नाम से जानते हैं. इस बार यह शुभ तिथि आज 3 दिसंबर दिन शनिवार को है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना और व्रत करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.  महाभारत के युद्ध के समय जब भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था इस दिन मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी है इसलिए इस दिन गीता जयंती और मोक्षदा एकादशी संयुक्त होने से इस व्रत का महत्व और अधिक बढ़ जाता है.

मोक्षदा एकादशी 2022 शुभ योग

मोक्षदा एकादशी के दिन रवि योग का संयोग बन रहा है. बन रहा है. रवि योग में काम की शुरुआत करने से सूर्य देव और विष्णु जी की कृपा मिलती है, जिससे सभी काम बिना रुकावट के पूरे होते हैं.

रवि योग – 3 दिसंबर 2022, सुबह 07:04 – 4 दिसंबर 2022, सुबह 06:16

मोक्षदा एकादशी व्रत कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, गोकुल नगर में वैखानस नामक राजा का शासन था. एक दिन वह सपने में देखा कि उसके पिता नरक में हैं और कष्ट भोग रहे हैं. सुबह होते ही उसने अपने दरबार में विद्वानों को बुलाया और उनसे अपने स्वप्न के बारे में बताया.

राजा ने बताया कि उसके पिता ने कहा कि वे नरक में पड़े हुए हैं. वे यहां पर नाना प्रकार के कष्ट सहन कर रहे हैं. तुम नरक के कष्टों से मुझे मुक्ति दिलाओ. राजा ने कहा कि उसने जब से यह स्वप्न देखा है तब से बड़ा ही परेशान और चिंतित है.

राजा ने सभी विद्वानों से कहा कि आप सभी इस समस्या का कोई उपाय बताएं, जिससे वह अपने पिता को नरक के कष्टों से मुक्ति दिला सके. यदि पुत्र अपने पिता को ऐसी स्थिति से मुक्ति नहीं दिला सकता है तो फिर उसका जीवन व्यर्थ है. एक उत्तम पुत्र ही अपने पूर्वजों का उद्धार कर सकता है.

राजा की बात सुनने के बाद सभी विद्वानों ने कहा कि यहां से कुछ दूर पर ही पर्वत ऋषि का आश्रम है. वे त्रिकालदर्शी हैं. उनके पास इस समस्या का समाधान अवश्य ही होगा. राजा अगले दिन पर्वत ऋषि के आश्रम में पहुंचे. उन्होंने प्रणाम किया तो पर्वत ऋषि ने आने का कारण पूछा. राजा ने आसन ग्रहण करने के बाद अपनी सारी बात पर्वत ऋषि को बताई.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel