29.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

नौ फरवरी को मौनी अमावस्या, इस दिन मकर राशि में चंद्रमा-मंगल, बुध और सूर्य ग्रह बना रहे शुभ योग दुर्लभ संयोग

Mauni Amavasya 2024: माघ मास की अमावस्या तिथि जगत के पालनहर्ता श्री हरि भगवान विष्णु को समर्पित है. मौनी अमावस्या को नहाकर तिल, तिल के लड्डू, तिल का तेल, आंवला, कपड़े आदि का दान करें.

Mauni Amavasya 2024: हर साल माघ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को माघ अमावस्या या मौनी अमावस्या मनाई जाती है. माघ अमावस्या के दिन स्नान-दान और धर्म-कर्म के कार्यों का बड़ा महत्व है. मौनी अमावस्या का व्रत नौ फरवरी को किया जायेगा. इस दिन मकर राशि में चंद्रमा, मंगल, बुध और सूर्य चार ग्रहों का शुभ योग है. यह तिथि बड़ी परेशानियों से मुक्ति दिलाने के लिए बेहद खास है, जब सूर्य और चंद्रमा के बीच का अंतर शून्य हो जाता है तो अमावस्या तिथि का योग बनता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या की तिथि जगत के पालनहर्ता श्री हरि भगवान विष्णु को समर्पित है.

मौनी अमावस्या शनि देव और पितरों को समर्पित

शास्त्रों के अनुसार, मौनी अमावस्या शनि देव और पितरों को समर्पित है. कहा जाता है कि इस दिन मौन धारण करने से मुनि पद की प्राप्ति होती है. पौराणिक ग्रंथों के अनुसार इस दिन गंगाजल अमृत के समान होता है, जो इस दिन गंगा स्नान करता है उसके सभी कष्टों का नाश होता है. इस दिन आंटे की गोलियां बनाकर मछलियों को खिलाने की भी परंपरा है. इस दिन पीपल के पूजन का भी विधान है. कहा जाता है कि पीपल के पेड़ में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवताओं का वास होता है. इस दिन पीपल के पेड़ को 108 बार कच्चे सूत से लपेटने और फल अर्पित करने से घर से दरिद्रता दूर होती है और जीवन में आने वाली सभी बाधाओं का अंत होता है.

मौनी अमावस्या के दिन क्या करें?

मौनी अमावस्या को नहाकर तिल, तिल के लड्डू, तिल का तेल, आंवला, कपड़े आदि का दान करें. इस दिन गरीब, साधु, महात्मा और ब्राह्मणों को भोजन कराएं और उन्हें कंबल आदि ऊनी कपड़े दान करें. इस दिन गुड़ में काला तिल मिलाकर लड्डू बनाने चाहिए और उन्हें लाल कपड़े में बांधकर दान करना चाहिए.

Also Read: फरवरी महीने में कब है एकादशी, प्रदोष व्रत, अमावस्या, बसंत पंचमी और माघ पूर्णिमा, यहां देखें पूरी लिस्ट
मौनी अमावस्या का महत्व

माघ मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को माघ अमावस्या के नाम से जाना जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन देवतागण पृथ्वी पर पवित्र नदियों और कुंभ में स्नान करते हैं. मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज में डुबकी लेना सौभाग्य की बात मानी जाती है. यह योग पर आधारित महाव्रत है. इस मास को भी कार्तिक के समान पुण्य मास कहा गया है.

मौनी अमावस्या पर क्या करना चाहिए?

मौनी अमावस्या के दिन जरूरतमंदों को काले तिल के लड्डू, तिल का तेल, कंबल, आंवला और काले कपड़ों का दान करना चाहिए, इसके साथ ही इस दिन पवित्र नदी में स्नान और जप-तप, दान करने का विधान है. मान्यता के अनुसार अमावस्या के दिन स्नान-दान से करने से साधक को पितृ दोष से छुटकारा मिलता है और पितृ देव प्रसन्न होते हैं. माघ मास अमावस्या पर किसी पवित्र नदी में स्नान करने के बाद काले तिल का दान करें. ऐसा करने से पितृ देव प्रसन्न होते हैं और पितृ दोष से छुटकारा मिलता है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें