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Lakhisarai: पंचायत का तुगलकी फरमान, गलत नीयत से महिला के घर में घुसने के आरोप में युवक को थूक चटवाया

Lakhisarai: जिले के बड़हिया प्रखंड की एक पंचायत ने तुगलकी फरमान सुनाया है. गलत नीयत से महिला के घर में घुसने के आरोप में युवक को थूक चटवाया गया.

Lakhisarai: जिले के बड़हिया प्रखंड की एक पंचायत ने तुगलकी फरमान सुनाया है. मामला बड़हिया प्रखंड के बीरूपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत एजनीघाट पंचायत के एजनीघाट गांव का बताया जा रहा है. यहां पंचायत ने एक व्यक्ति को गांव के ही एक महिला के घर में गलत नीयत से प्रवेश करने के आरोप में थूक चाटने की सजा सुनाने के साथ ही भरी पंचायत में उससे थूक चटवाया गया तथा 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया.

महिला के घर से मिले टॉर्च और लुंगी से हुई युवक की पहचान

लखीसराय के ऐजनी घाट गांव निवासी नारायण रजक के पुत्र भूषण रजक पर आरोप था कि 24 मार्च को बीरूपुर थाना क्षेत्र के ऐजनी घाट की ही एक महिला के घर में गलत नीयत से घुस गया था. महिला ने जब शोर मचाया, तब भूषण रजक वहां से फरार हो गया. हालांकि, भागने के दौरान भूषण का टॉर्च और उसकी लुंगी महिला के घर में रह गयी. इसी से भूषण की पहचान हुई और मामला पंचायत में पहुंचा.

25 मार्च को पंचायत ने सुनाया था तुगलकी फरमान

पंचायत की 25 मार्च को हुई बैठक में महिला के साथ दुर्व्यवहार के आरोप में पंचायत ने तुगलकी फरमान सुनाते हुए भूषण पर 25 हजार जुर्माने के साथ-साथ थूक चटवाने का आदेश दिया. मानवता को शर्मसार करनेवाले उक्त क्षण को किसी युवक के द्वारा मोबाइल में कैद कर शनिवार से वीडियो वायरल कर दिया गया. वीडियो वायरल होने पर लोग पंचायत के निर्णय पर आश्चर्य जता रहे हैं और फैसले को तालिबानी बता रहे हैं.

सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल

सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद अब लोग पंचायत के फैसले पर सवाल उठा रहे हैं. सरपंच द्रौपदी देवी के लेटरहेड पर लिखित फैसले को मानव गरिमा के खिलाफ बताकर पंचायतों के ऐसे तालिबानी फैसले की निंदा कर रहे है. हालांकि, इस मामले में पीड़ित भूषण रजक ने एसीएसटी थाना में आवेदन देकर सरपंच प्रतिनिधि अर्जुन सहनी सहित चार लोगों को नामजद करते हुए ममाला दर्ज कराया है.

कई तरह की हो रही चर्चाएं

घटना के बाद स्थानीय में कई तरह की चर्चाएं हो रही है. पीड़ित व्यक्ति ने बताया कि 24 मार्च की रात खेत देख कर वापस आ रहा, तो घर का दरवाजा खुला देख कर यह कहने गया था कि दरवाजा बंद कर लें. इसी बीच, महिला हो-हल्ला कर बदनाम करने लगी. साथ ही महिला ने जो भी आरोप लगाये हैं, यह एक सोची-समझी साजिश है. मालूम हो कि पीड़ित भूषण बाहर में रह कर मजदूरी करता है और कुछ दिन पहले वह अपने घर आया था.

एक ही रास्ते में है पीड़ित और महिला का घर

पीड़ित और महिला का घर एक ही रास्ते में है. वह बस उस रास्ते से जा रहा था. दरवाजा खुला देख कर बंद करने को कहने गया था. उसकी इतनी ही गलती थी. हालांकि, पूरी घटना और वायरल वीडियो अब प्रशासन के संज्ञान में आ चुका है. अब देखना है कि प्रशासन द्वारा इस तरह के अमानवीय और तुगलकी फरमान सुनानेवाले जनप्रतिनिधि पर क्या कार्रवाई की जाती है.

क्या कहते हैं थानाध्यक्ष

इस संबंध में एससी-एसटी थानाध्यक्ष राजकुमार साह ने बताया कि उनके पास घटना को लेकर पीड़ित द्वारा डाक से आवेदन प्राप्त हुआ था. इसके बाद उन्होंने गांव जाकर मामले की छानबीन की. वहीं, पीड़ित बाहर रहने की वजह से शनिवार को उनके पास पहुंचा तथा उसके फर्द बयान पर सरपंच प्रतिनिधि अर्जुन सहनी सहित चार अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर मामले का अनुसंधान प्रारंभ कर दिया गया है. दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी.

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