17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Kumbh Mela 2021: एक साल पहले लग रहा महाकुंभ इस बार होगा विशेष, जानें इसकी वजह और शाही स्नान की तिथियां

Kumbh Mela 2021: इस बार महाकुभ एक साल पहले ही लग रहा है. इसका आयोजन 12 साल की जगह 11 साल पर ही किया जा रहा है. इस वर्ष महाकुंभ का आयोजन हरिद्वार में किया जा रहा है. इस उत्सव को लेकर श्रद्धालुओं में काफी उत्साह है. वहीं, श्रद्धालु पुण्य कमाने के लिए महाकुंभ में जाने की तैयारी भी शुरू कर दिये है.

Kumbh Mela 2021: इस बार महाकुभ एक साल पहले ही लग रहा है. इसका आयोजन 12 साल की जगह 11 साल पर ही किया जा रहा है. इस वर्ष महाकुंभ का आयोजन हरिद्वार में किया जा रहा है. इस उत्सव को लेकर श्रद्धालुओं में काफी उत्साह है. वहीं, श्रद्धालु पुण्य कमाने के लिए महाकुंभ में जाने की तैयारी भी शुरू कर दिये है. महाकुंभ में स्नान करने से व्यक्ति को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है.

वहीं, मान्यता है कि कुंभ में स्नान करने पर पितरों का भी उद्धार हो जाता है. इस बार कुंभ में चार शाही और छह मुख्य स्नान होंगे. कुंभ मेला का आयोजन 12 साल बाद होता है, लेकिन साल 2022 में बृहस्पति कुंभ राशि में नहीं होंगे. इसलिए इस बार 11वें साल यानि कि एक साल पहले ही महाकुंभ पर्व का आयोजन किया जा रहा है.

कुंभ 2021 शाही स्नान की तिथियां

इस बार पहला शाही स्नान 11 मार्च 2021, शिवरात्रि के दिन पड़ेगा.

दूसरा शाही स्नान 12 अप्रैल 2021, सोमवती अमावस्या के दिन पड़ेगा.

तीसरा शाही स्नान 14 अप्रैल 2021, मेष संक्रांति पर पड़ेगा.

चौथा शाही स्नान 27 अप्रैल 2021, को बैसाख पूर्णिमा के दिन पड़ेगा.

Also Read: Paush Purnima 2021: पौष पूर्णिमा कब है, जानिए तारीख, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस दिन का महत्व
महाकुंभ में शामिल होंगे 13 अखाड़े

इस बार महाकुंभ के पर्व में चार शाही स्नान होंगे. इस बार महाकुंभ में 13 अखाड़े शामिल होंगे. प्रत्येक अखाड़े की ओर से कुंभ के दौरान झांकियां निकाली जाती हैं, जिसमें नागा बाबा आगे चलते हैं, और उनके पीछे महंत, मंडलेश्वर, महामंडलेश्वर और आचार्य महामंडलेश्वर चलते हैं.

कुंभ का महत्व

पद्म पुराण के अनुसार जो व्यक्ति महाकुंभ में स्नान करता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. तीर्थों में संगम को सभी तीर्थों का अधिपति माना गया है. इस संगम स्थल पर ही अमृत की बूंदें गिरी थी, इसीलिए यहां स्नान का विशेष महत्व है. यहां स्नान करने से शरीर और आत्मा शुद्ध हो जाती है. यहां पर लोग अपने पूर्वजों का पिंडदान भी करते हैं. महाकुंभ का आयोजन 12 साल पर किया जाता है. हिन्दू धर्म में अखाड़ों के शाही स्नान के बाद संगम में डुबकी लगाने का बड़ा धार्मिक महत्व है. कुंभ पर्व में आम श्रद्धालु एक से पांच बार डुबकी लगाता है, जबकि अखाड़ों के नागा तो एक हजार आठ बार तक नदी में डुबकी लगाते हैं.

Also Read: Basant Panchami 2021: कब है बसंत पंचमी, जानिए तारीख, मां सरस्वती की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और इसका महत्व

Posted by: Radheshyam Kushwaha

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें