21.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

झारखंड के गांवों की कहानियां : बिहार के पहले सीएम श्रीकृष्ण सिंह की ससुराल सेनादोनी को कितना जानते हैं आप

Jharkhand village Stories: बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्री कृष्ण सिंह का विवाह गिरिडीह के सेनादोनी गांव में हुआ था. उन्होंने शादी के कुछ ही दिनों बाद उस गांव के लिए स्पेशल बिजली मंगवायी थी. इसके साथ ही उनके नाम पर ही गांव के स्कूल का नाम ‘श्री कृष्ण रामरूचि मध्य विद्यालय सेनादोनी पड़ा.

Jharkhand village Stories: गिरिडीह जिले के सिरसिया प्रखंड का सेनादोनी गांव पहले काफी खुशहाल था, लेकिन अब गांव से लोग शहरों की ओर पलायन करने लगे हैं. चारों ओर से जंगलों से घिरे इस गांव की कई खासियत है. बिहार के पहले सीएम रहे श्रीकृष्ण सिंह की यहां ससुराल है. 1300 की आाबादी वाले इस गांव में केवल देव परिवार के लोग रहते हैं. स्कूल, बैंक, रेलवे स्टेशन समेत कई सुविधाएं हैं, लेकिन सड़क काफी जर्जर है.

इस गांव में पहले मुख्यमंत्री की ससुराल

सेनादोनी गांव में बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्री कृष्ण सिंह का विवाह हुआ था. उन्होंने शादी के कुछ ही दिनों बाद उस गांव के लिए स्पेशल बिजली मंगवायी थी. इसके साथ ही उनके नाम पर ही गांव के स्कूल का नाम ‘श्री कृष्ण रामरूचि मध्य विद्यालय सेनादोनी पड़ा. इस गांव में करीब 200 मकान व जनसंख्या 1300 है. यहां केवल देव परिवार के लोग रहते हैं. इस गांव में पोस्ट ऑफिस, सरकारी व गैर सरकारी अस्पताल तथा स्कूल, बैंक, पंचायत भवन, रेलवे स्टेशन जैसी अन्य कई सुविधाएं हैं, परन्तु सड़क की हालत काफी खराब है. नलकूप हर घर तक पहुंचा है, लेकिन पानी नहीं आता.

Also Read: झारखंड के गांवों की कहानियां : नाम है बालुडीह, लेकिन पलामू के इस गांव में अब ढूंढे नहीं मिलते बालू

सेनादोनी नाम का रहस्य

ग्रामीण प्रमोद नारायण देव ने बताया कि इस गांव का नाम “सेनादोनी” पड़ने के पीछे बहुत बड़ा रहस्य है. करीब पांच शताब्दी पूर्व हमारे पूर्वज गिरिडीह जिले की राजधनवार गढ़ के तत्कालीन राजा के हिस्सेदार थे. उस समय उनके बीच लड़ाई-झगड़े हो गये थे. जिसके बाद अपने दल-बल के साथ वे जंगलों की ओर प्रस्थान कर गये थे. उन्होंने जंगली पशुओं से निपटने के लिए एक अपने परिवार के लोग के बीच ही एक सेना बनाई और खाना पत्ते के दोने में खाया करते जिसके बाद उन्होंने इस जगह का नाम सेनादोनी रखे. ग्रामीण प्रदीप कुमार ने बताया पहले गांव के स्कूल में संगोष्ठी व खेल-कूद जैसी कई प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता था. बच्चों से स्कूल भरा रहता था, परन्तु अब शहरों की ओर लोगों का पलायन होने से स्कूल में बच्चे नहीं जाते.

Also Read: Prabhat Khabar Special: झारखंड में नक्सलवाद के लिए कुख्यात इलाके में बेशकीमती पन्ना रत्न का है भंडार

इनपुट : हिमांशु कुमार देव

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel