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TMC के पासवर्ड का दुरुपयोग कर प्रशांत किशोर की I-PAC ने बढ़ायी ममता-अभिषेक बनर्जी में दूरी?

West Bengal News: पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की वजह से ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी के के संबंधों में दरार की खबरें चर्चा में हैं.

West Bengal News: पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की वजह से ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी के के संबंधों में दरार की खबरें चर्चा में हैं. खबर है कि प्रशांत किशोर की वजह से ही पीसी-भतीजा में खटपट चल रही है. हालांकि, ममता बनर्जी ने इस डैमेज को कंट्रोल करने की कोशिश की है, लेकिन बात इतनी जल्दी खत्म हो जायेगी, ऐसा लगता नहीं है.

ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी के बीच अनबन

ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी के बीच अनबन की आग में टीएमसी के चुनावी रणनीतिकार और आईपैक (I-PAC) के प्रमुख प्रशांत किशोर के भी हाथ झुलस सकते हैं, क्योंकि उन पर भी गंभीर आरोप लग रहे हैं. आईपैक पर तृणमूल कांग्रेस के पासवर्ड का दुरुपयोग करने के आरोप लगे हैं. और इसी वजह से तृणमूल कांग्रेस में नये नेता बनाम पुराने नेता की जंग छिड़ गयी. ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी के बीच मनमुटाव हो गया.

राष्ट्रीय कार्यकारिणी को ही बदल दिया

हालांकि, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने समय रहते हस्तक्षेप किया और पूरी राष्ट्रीय कार्यकारिणी को ही बदल दिया. सौगत राय और डेरेक ओ ब्रायन जैसे दिग्गज टीएमसी नेताओं को राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. अभिषेक बनर्जी को तो कार्यकारिणी में जगह मिली, लेकिन उनके करीबी नेताओं को कमेटी से बाहर कर दिया गया. ऐसा करके ममता बनर्जी ने संकेत दिया है कि वह पार्टी में किसी प्रकार की गुटबाजी को बर्दाश्त नहीं करेंगी.

दूसरी लिस्ट आईपैक ने वेबसाइट पर जारी कर दी

दरअसल, विवाद की शुरुआत तब हुई, जब 108 नगर निकायों के चुनावोें के लिए तृणमूल कांग्रेस ने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की. एक लिस्ट पार्टी की ओर से जारी की गयी, जबकि दूसरी लिस्ट आईपैक ने वेबसाइट पर जारी कर दी. इसके बाद तृणमूल कांग्रेस में बवाल मच गया. जिला कमेटी के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने हस्तक्षेप किया और बात ममता बनर्जी तक पहुंची. ममता बनर्जी ने विवाद को शांत किया और आनन-फानन में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर मामले को रफा-दफा किया.

अभिषेक तो ममता बनर्जी के लिए जरूरी हैं

राष्ट्रीय कार्यकारिणी में 20 सदस्यों को शामिल किया. अभिषेक बनर्जी को पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया, लेकिन उनके किसी समर्थक को इस कमेटी में जगह नहीं मिली. संदेश स्पष्ट था, अभिषेक तो ममता बनर्जी के लिए जरूरी हैं, लेकिन उनके समर्थक नहीं. अभिषेक को हर हाल में वह सुरक्षा देंगी. कार्यसमिति को भंग करने और पार्टी के सभी पदों को अस्थायी तौर पर खत्म करने के ममता बनर्जी के इस कदम को तृणमूल के नेता मास्टरस्ट्रोक के रूप में देखते हैं.

आईपैक की सिफारिशों को लागू करना चाहते थे अभिषेक बनर्जी

बताया जाता है कि अभिषेक बनर्जी आईपैक की सिफारिशों को लागू करके तृणमूल कांग्रेस को मजबूत बनाना चाहते थे. वह चाहते थे कि पार्टी एक बेहतर संगठनकी तरह काम करे. उसकी छवि स्वच्छ और पारदर्शी हो. लेकिन, अभिषेक की इस पहल को नये नेता बनाम पुराने नेता के विवाद का रूप दे दिया गया. अभिषेक पार्टी में एक व्यक्ति एक पद की वकालत कर रहे थे. साथ ही एक निश्चित समय के बाद नेताओं के रिटायरमेंट की भी वकालत वह कर रहे थे. ऐसा करके वह युवा नेताओं को आगे लाना चाहते थे, लेकिन पुरानी पीढ़ी के नेताओं को उनकी यह पहल पसंद नहीं आयी.

ममता ने आईपैक से तृणमूल के अलग होने का ऐलान कर दिया

ममता बनर्जी ने इसके दुष्परिणामों को भांप लिया और आईपैक से तृणमूल कांग्रेस के अलग होने का ऐलान कर दिया. लेकिन, एक बात और सामने आयी है कि आईपैक ने जो लिस्ट वेबसाइट पर डाली थी, वह अभिषेक बनर्जी की पसंद के लोगों की लिस्ट थी. अभिषेक बनर्जी की मंजूरी मिलने के बाद ही इस लिस्ट को वेबसाइट पर अपलोड किया गया था. लेकिन, ममता बनर्जी ने साफ कर दिया है कि टीएमसी का आईपैक से कोई लेना-देना नहीं है.

Posted By: Mithilesh Jha

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