14.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Happy Holi in PICS: देश भर में सामाजिक उत्सव, तो बंगाल में धार्मिक उत्सव है होली, कहते हैं दोल यात्रा

Happy Holi in PICS|चैतन्य महाप्रभु ने बंगाल में होली उत्सव को श्रीकृष्ण के दोल यात्रा के रूप में प्रचलित किया. उत्तर भारत में होली को सामाजिक उत्सव के रूप में मनाया जाता है, लेकिन बंगाल में यह एक धार्मिक उत्सव है. इसलिए यह जानना बेहद जरूरी है कि दोल यात्रा का महत्व क्या है?

Undefined
Happy holi in pics: देश भर में सामाजिक उत्सव, तो बंगाल में धार्मिक उत्सव है होली, कहते हैं दोल यात्रा 9

होली का त्योहार देश के अलग-अलग हिस्सों में मनाया जाता है. कुछ राज्योंमें होली को अलग-अलग नामों से बुलाया जाता है. पश्चिम बंगाल में होली को दोल जात्रा या दोल पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है. दोल जात्रा या दोल पूर्णिमा भगवान कृष्ण को समर्पित है. यहां होली को श्रीकृष्ण का दोल यात्रा कहते हैं. इसे बांग्ला कैलेंडर के मुताबिक, साल का अंतिम पर्व माना जाता है.

Undefined
Happy holi in pics: देश भर में सामाजिक उत्सव, तो बंगाल में धार्मिक उत्सव है होली, कहते हैं दोल यात्रा 10

चैतन्य महाप्रभु ने बंगाल में होली उत्सव को श्रीकृष्ण के दोल यात्रा के रूप में प्रचलित किया. उत्तर भारत में होली को सामाजिक उत्सव के रूप में मनाया जाता है, लेकिन बंगाल में यह एक धार्मिक उत्सव है. इसलिए यह जानना बेहद जरूरी है कि दोल यात्रा का महत्व क्या है?

Undefined
Happy holi in pics: देश भर में सामाजिक उत्सव, तो बंगाल में धार्मिक उत्सव है होली, कहते हैं दोल यात्रा 11

ऐसे में आपको बता दें कि चैतन्य महाप्रभु ने लोगों से कहा कि वे सबसे पहले मंदिर में जाकर भगवान श्रीकृष्ण को अबीर लगायें. इसके बाद आपस में एक-दूसरे को रंग-गुलाल लगायें. चैतन्य महाप्रभु ने यह भी कहा कि दोल यात्रा मनाने के बाद मिठाई-मालपुआ खाकर आनंदोत्सव मनायें.

Undefined
Happy holi in pics: देश भर में सामाजिक उत्सव, तो बंगाल में धार्मिक उत्सव है होली, कहते हैं दोल यात्रा 12

तब से बंगाल में होली के त्योहार को दोल यात्रा के रूप में मनाया जाने लगा. हालांकि, बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश या दिल्ली की तरह यहां भी लोग एक-दूसरे पर रंग डालते हैं. शाम के वक्त गुलाल खेलने की परंपरा भी है. लोग दिन में ढेर सारी मस्ती करते हैं.

Undefined
Happy holi in pics: देश भर में सामाजिक उत्सव, तो बंगाल में धार्मिक उत्सव है होली, कहते हैं दोल यात्रा 13

पश्चिम बंगाल में रहने वाले लोग बताते हैं कि बंगाल में होली को डोल जात्रा, दोल यात्रा और बसंत उत्सव भी कहते हैं. होली यानी दोल की पूर्व संध्या पर बच्चे फूस और पतली लकड़ियों की मदद से एक पुतला बनाते हैं. इस पुतले को चांचुरी या नारा पोरानो कहते हैं. बुराई का प्रतीक मनकर घर के लोग इसे होली से एक दिन पहले जला देते हैं.

Undefined
Happy holi in pics: देश भर में सामाजिक उत्सव, तो बंगाल में धार्मिक उत्सव है होली, कहते हैं दोल यात्रा 14

माना जाता है कि ऐसा करने से हर तरह की बुराई उनके घर और उनके परिवार के सदस्यों से दूर रहती है. उनकी सेहत बनी रहती है. सुबह में लोग रंगों की होली खेलते हैं, तो शाम को होली मिलन होता है. लोग एक-दूसरे के घर जाते हैं और उन्हें गुलाल लगाते हैं.

Undefined
Happy holi in pics: देश भर में सामाजिक उत्सव, तो बंगाल में धार्मिक उत्सव है होली, कहते हैं दोल यात्रा 15

बंगाल में होली यानी दोल की एक और विशेषता यह है कि होली मिलन के लिए अपने परिचितों के यहां जाने से पहले महिलाएं लाल बॉर्डर वाली पीले रंग की साड़ी पहनती हैं. वह विशेष रूप से जूड़ा बनाती हैं, जिसके लिए केंडा माला का इस्तेमाल किया जाता है. यह एक तरह की मोतियों की माला है.

Mithilesh Jha
Mithilesh Jha
प्रभात खबर में दो दशक से अधिक का करियर. कलकत्ता विश्वविद्यालय से कॉमर्स ग्रेजुएट. झारखंड और बंगाल में प्रिंट और डिजिटल में काम करने का अनुभव. राजनीतिक, सामाजिक, राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय विषयों के अलावा क्लाइमेट चेंज, नवीकरणीय ऊर्जा (RE) और ग्रामीण पत्रकारिता में विशेष रुचि. प्रभात खबर के सेंट्रल डेस्क और रूरल डेस्क के बाद प्रभात खबर डिजिटल में नेशनल, इंटरनेशनल डेस्क पर काम. वर्तमान में झारखंड हेड के पद पर कार्यरत.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel