21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष सोमेन मित्रा का निधन

पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष सोमेन मित्रा का बुधवार देर रात शहर के एक अस्पताल में निधन हो गया. वह 78 वर्ष के थे. मित्रा जिस निजी अस्पताल में भर्ती थे वहां के सूत्रों ने बताया कि ह्रदय और उम्र संबंधी बीमारियों के कारण उनका निधन हुआ. अस्पताल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नियमित जांच के दौरान उनका क्रिएटिनिन स्तर अधिक पाए जाने के बाद कुछ दिन पहले उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वह फेफड़ों की बीमारी (सीओपीडी) के मरीज थे और उन्हें उम्र संबंधी अन्य बीमारियां भी थीं.

कोलकाता: पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष सोमेन मित्रा का बुधवार देर रात शहर के एक अस्पताल में निधन हो गया. वह 78 वर्ष के थे. मित्रा जिस निजी अस्पताल में भर्ती थे वहां के सूत्रों ने बताया कि ह्रदय और उम्र संबंधी बीमारियों के कारण उनका निधन हुआ. अस्पताल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नियमित जांच के दौरान उनका क्रिएटिनिन स्तर अधिक पाए जाने के बाद कुछ दिन पहले उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वह फेफड़ों की बीमारी (सीओपीडी) के मरीज थे और उन्हें उम्र संबंधी अन्य बीमारियां भी थीं.

अस्पताल सूत्रों ने बताया कि मित्रा का दिल का दौरा पड़ने के बाद देर रात करीब डेढ़ बजे निधन हुआ. वह कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं पाए गए थे. उनके परिवार में पत्नी और बेटा है. कांग्रेस नेता के परिवार के एक सदस्य ने बताया कि उन्हें नियमित स्वास्थ्य जांच के लिए कुछ दिन पहले अस्पताल ले जाया गया था. मित्रा जब लोकसभा सांसद थे तब उनकी बाइपास सर्जरी भी हुई थी. कांग्रेस सांसद और राज्य में पार्टी मामलों के अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) प्रभारी गौरव गोगोई ने पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष के निधन पर शोक जताया.

Also Read: कोरोना वायरस के संक्रमण ने ले ली सेनको गोल्ड के मालिक शंकर सेन की जान

गोगोई ने ट्वीट किया, ‘‘मुझे लेफ्टिनेंट सोमेन मित्रा के परिवार के लिए बहुत दुख महसूस हो रहा है. वह बंगाल की दिग्गज शख्सियत थे और उन्होंने अपने लंबे सफर में लाखों लोगों की जिंदगियों को बदला. मेरी संवदेनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति हैं. उनकी विरासत को भुलाया नहीं जाएगा.” ‘छोरदा’ (मंझला भाई) के तौर पर पहचाने जाने वाले मित्रा 1960 और 1970 के सबसे तेजतर्रार नेताओं में से एक थे. वह 60 के दशक में छात्र राजनीति के जरिए कांग्रेस में पहुंचे।.

कांग्रेस की पश्चिम बंगाल ईकाई के 1992-1996, 1996-1998 और सितंबर 2018 से अब तक तीन बार अध्यक्ष रहे मित्रा सियालदह विधानसभा क्षेत्र से सात बार विधायक चुने गए. उन्होंने प्रगतिशील इंदिरा कांग्रेस राजनीतिक पार्टी बनाने के लिए 2008 में कांग्रेस छोड़ दी. बाद में 2009 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर उन्होंने अपनी पार्टी का तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में विलय कर दिया और उस साल डायमंड हार्बर संसदीय सीट से टीएमसी के टिकट पर चुनाव जीते. मित्रा 2014 में टीएमसी छोड़कर फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए. उनकी 2016 विधानसभा चुनाव के दौरान पश्चिम बंगाल में माकपा के नेतृत्व वाले वाम मोर्चा और कांग्रेस के बीच गठबंधन कराने में अहम भूमिका थी.

Posted By: Pawan Singh

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें