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Dunki Movie Review: राजकुमार हिरानी की अब तक की सबसे कमजोर फ़िल्म…शाहरुख खान फिल्म की एकमात्र उम्मीद

शाहरुख खान और राजकुमार हिरानी स्टारर डंकी आज सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है. फिल्म की कहानी विदेशों में अच्छी जिंदगी की सपने देखने वाले लोगों की कहानी को कहता है. यह फिल्म इस मुद्दे को भी सामने लाती है कि वीजा सिस्टम ने किस तरह से गरीबों और अशिक्षित लोगों के साथ अन्याय किया है.

फ़िल्म- डंकी

निर्देशक- राजकुमार हिरानी

निर्माता-रेड चिलीज़ और राजकुमार हिरानी

कलाकार- शाहरुख ख़ान,तापसी पन्नू,विक्की कौशल,विक्रम कोचर,अनिल ग्रोवर,बोमन ईरानी और आन्य

प्लेटफार्म- सिनेमाघर

रेटिंग- ढाई

राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता निर्देशक राजकुमार हिरानी अपनी पहली फिल्म मुन्नाभाई एमबीबीएस से ही बॉलीवुड के सुपरस्टार शाहरुख खान के साथ काम करना चाहते थे, लेकिन शाहरुख खान का इनकार मुन्नाभाई से लेकर थ्री इडियट्स तक बना रहा आखिरकार दो दशक बाद ही सही डंकी की स्क्रिप्ट ने राजकुमार हिरानी और दर्शकों दोनों की ख्वाहिशों को पूरा कर दिया, जिसने उम्दा निर्देशक राजकुमार हिरानी और करिश्माई एक्टर शाहरुख खान की जोड़ी को एक साथ लेकर आया. फिल्म से दो सिनेमा के बेहद खास नाम जुड़े थे इसलिए उम्मीदें भी बड़ी हुई थी. राजकुमार हिरानी की फिल्मों में मनोरंजन के साथ-साथ मुद्दा भी होता है. इस बार भी वह मुद्दा लेकर आए हैं, लेकिन वह उसके साथ न्याय नहीं कर पाये हैं, लेखन में मामला सतही रह गया है, जिस वजह से किरदारों का संघर्ष और दुख उस तरह से आपको छू नहीं पाता है, जो किसी फिल्म की सबसे बड़ी जरूरत होती है. शाहरुख ख़ान ज़रूर अपने अभिनय और चार्म से फ़िल्म को संभालने की कोशिश करते हैं, लेकिन मामला आख़िर में औसत वाला ही रह जाता है.

विदेशों में अच्छी जिंदगी के सपने देखने वालों के हकीकत की है कहानी

फिल्म की कहानी पंजाब के लाल्टू में रहने वाले तीन दोस्तों मनु (तापसी पन्नू) बग्गू (विक्रम कोचर) और बल्ली (अनिल ग्रोवर) की है, जो आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं और उन्हें अपनी इन सभी परेशानियों का जवाब इंग्लैंड की किसी भी नौकरी में नजर आता है. वहां पहुंचने के लिये वह आये दिन कुछ ना कुछ लीगल तरीके ढूंढ़ते रहते हैं, लेकिन उनकी ग़रीबी और कम शिक्षा की वजह से वीजा मिल नहीं पा रहा है. उनकी ज़िंदगी में हार्डी (शाहरुख खान) की एंट्री होती है. वह भी उनके सपने को पूरा करने में जुट जाता है और वह डंकी के अवैध और जोखिमों से भरे रास्ते के जरिये उन्हें उनके सपनों की मंजिल इंग्लैंड पहुंचा देता है, लेकिन वह मंज़िल नहीं है . यह बात सभी को जल्द ही समझ आ जाती है, लेकिन देर हो चुकी है. क्या कभी वे अपने घर लौट पाएंगे. यही आगे की कहानी है.

फ़िल्म की खूबियां और खामियां

फ़िल्म की कहानी विदेशों में अच्छी ज़िंदगी की सपने देखने वाले लोगों की कहानी को कहता है . इससे पहले भी अवैध तरीके से विदेशों में घुसपैठ की कहानी को फ़िल्म और वेब सीरीज में दिखाया है, लेकिन यह फ़िल्म इस मुद्दे को भी सामने लाती है कि वीज़ा सिस्टम ने किस तरह से गरीबों और अशिक्षित लोगों के साथ अन्याय किया है. जिस वजह से वह अक्सर रोजगार के लिए बड़े देशों में अवैध तरीके से पहुंचने के जुगाड़ में जुटे रहते हैं. फ़िल्म की स्क्रीनप्ले इस बात को प्रभावी तरीक़े से नहीं कह पायी है .जिससे किरदारों के संघर्ष से जुड़ाव नहीं हो पाता है .

कहानी 25 साल के टाइम फ्रेम में कही गयी है. 1995 से अब तक फिल्म को फ़्लैशबैक में कहा गया है, जिस वजह से कहानी का ट्विस्ट एंड टर्न चकित नहीं करता है. पता होता है कि कहानी किन रास्तों से गुजरेगी. राजकुमार हिरानी की इस फिल्म में इमोशन के साथ-साथ हास्य की भी मौजूदगी है, लेकिन वह टुकड़ों में ही हंसाता है. फिल्म की कहानी से लेकर किरदार तक सतही रह गये है. जबकि राजकुमार हिरानी की फ़िल्मों का हर किरदार खास होता है, लेकिन यहां कोई भी किरदार आपके साथ रह नहीं पाता है. डंकी के मुश्किल रास्तों पर कहानी सेकंड हाफ में आती है, लेकिन वह भी जेहन में यह सवाल नहीं ला पाता है कि क्या इनकी जर्नी पूरी हो पाएगी, जो स्क्रीनप्ले की खामी को दर्शाता है. फिल्म का गीत-संगीत प्रभावशाली और मीनिंगफ़ुल है, जो कहानी और किरदारों को मजबूती देते हैं. फिल्म की सिनेमेटोग्राफी कहानी के साथ न्याय करती है. संवाद औसत हैं.

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शाहरुख और विक्की कौशल का शानदार अभिनय

अभिनय की बात करें तो शाहरुख खान की इस साल रिलीज़ हुई पठान और जवान में एक्शन अंदाज में नजर आए थे, लेकिन डंकी में वह अपने पॉपुलर इमेज में दिखे हैं. जो प्यार करता है. हंसता है, हंसाता है. खुद रोता है और रुलाता भी है. शाहरुख ने अपने अभिनय और चार्म के साथ मज़बूती से फ़िल्म की खामियों को छुपाने की कोशिश की है. तापसी पन्नू अपनी भूमिका में न्याय करती हैं. विक्रम कोचर और अनिल ग्रोवर ने स्पोर्टिंग कास्ट में अच्छा काम कर गये हैं तो विक्की कौशल ने छोटी सी भूमिका में भी छाप छोड़ दी हैं. बोमन ईरानी सहित बाकी के कलाकारों का काम भी अच्छा है

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