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Dhanteras 2021: इस मुहूर्त में करें भगवान धन्वंतरी की पूजा, हमेशा बनी रहेगी परिवार पर कृपा

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष को धनतेरस तिथि पड़ रही है. इस दिन आयुर्वेद के जनक धन्वंतरि और माता लक्ष्मी की भी पूजा करने का विधान है.

Dhanteras 2021: पांच दिवसीय दिवाली महापर्व का प्रारंभ धनतेरस से हो रहा है. इस बार 2 नवंबर को धनतेरस का त्योहार मनाया जाएगा. कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष को धनतेरस तिथि पड़ रही है. इस दिन आयुर्वेद के जनक धन्वंतरि और माता लक्ष्मी की भी पूजा करने का विधान है. धनतेरस में पूजन विधि-विधान से लेकर महत्व तक को लेकर हमने काशी के ज्योतिषचार्य पवन त्रिपाठी से बात की.

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धनतेरस से पांच दिवसीय पर्व की शुरुआत

काशी के ज्योतिषचार्य पंडित पवन त्रिपाठी ने बताया कि धनतेरस माता लक्ष्मी और स्वास्थ्य के देवता धन्वंतरि के संयुक्त पूजन का महापर्व है. धन्वंतरि को आयुर्वेद का जनक कहा जाता है. इन्हें देवताओं का वैद्य कहा जाता है. शास्त्रों में वर्णित उल्लेख के अनुसार स्वास्थ्य सबसे बड़ा धन है. पांच दिवसीय महापर्व दीपावली की शुरुआत धनतेरस से होती है. भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन से प्रकट हुए हैं. वो औषधि लेकर प्रकट हुए हैं. धनतेरस में दक्षिण दिशा में दीपक जलाने से अकाल मृत्यु नहीं होती है.

धनतेरस में पूजा का शुभ मुहूर्त कब है?

  • धन त्रयोदशी पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5.25 से शाम 6 बजे तक

  • प्रदोष काल में शाम 5:39 से 8:14 बजे तक माता लक्ष्मी के पूजन का समय

धनतेरस पर्व पर दीप दान का भी विधान

धनतेरस पर दीपक खरीदने का भी विधान है. धनतेरस में दीपदान किया जाता है. इस दिन बर्तन आभूषण खरीदकर उसकी पूजा करने का महत्व है. माता लक्ष्मी और धन्वंतरि को भाई-बहन कहा जाता है, क्योंकि दोनों की उत्पत्ति समुद्र मंथन से हुई है. ऐसी मान्यता है बर्तन और आभूषण के रूप में हम माता लक्ष्मी को घर लाकर पूजा करते हैं. प्रदोष काल में मां लक्ष्मी की पूजा करने से माता प्रसन्न होती हैं और रात्रि में विचरण करते हुए यह देखती हैं कि आज के दिन किस-किस घर में उनकी पूजा हो रही है?

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धनतेरस में दिनभर खरीदें बर्तन-आभूषण

जिन घर में माता लक्ष्मी की पूजा होती है, उन घरों पर उनकी विशेष अनुकंपा होती है. इस दिन बर्तन-आभूषण की खरीदारी दिनभर कर सकते है. शाम में बर्तनों और आभूषणों की अक्षत पुष्प, सुगंधित इत्र से पूजा करते हुए माता लक्ष्मी से सुख-समृद्धि की कामना करते हैं. धनतेरस के दिन धन्वंतरि देव और मां लक्ष्मी की पूजा करने से जीवन में कभी धन की कमी नहीं रहती है. इस दिन भगवान कुबेर की पूजा का भी विधान है.

(रिपोर्ट: विपिन सिंह, वाराणसी)

Prabhat Khabar News Desk
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