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आगरा में एलिवेटेड मेट्रो स्टेशन बनाने के फैसले से संघर्ष समिति को लगा झटका, काम नहीं आई व्यापारियों की दलील

आगरा एमजी रोड पर व्यापारिक संस्थान के अलावा तमाम सरकारी व प्राइवेट कार्यालय जिसमें नगर निगम, कलेक्ट्रेट, जिला अस्पताल, एसएन मेडिकल कॉलेज और कॉलेज व कार्यालय मौजूद हैं. यहां एलिवेटेड मेट्रो बनेगी तो सड़क की चौड़ाई कम होने के चलते बच्चों को घंटो जाम में फंसना पड़ेगा.

Agra News: उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन आगरा में एमजी रोड पर बनने वाले मेट्रो के दूसरे कॉरिडोर को एलिवेटेड बना रही है. इसके लिए टेंडर जारी होने के बाद अंतिम मुहर भी लग गई. बताया जा रहा है कि इसमें करीब 1529 करोड़ रुपए का खर्च आएगा. ऐसे में एमजी रोड पर भूमिगत मेट्रो की मांग कर रहे व्यापारियों और लोगों को बड़ी निराशा हाथ लगी है. उनका कहना है कि एलिवेटेड मेट्रो बनने की वजह से एमजी रोड पर यातायात की स्थिति काफी बिगड़ सकती है. सरकार को एक बार फिर से अपने निर्णय पर विचार करना चाहिए. एमजी रोड पर भूमिगत मेट्रो ट्रेन की मांग कर रहे भूमिगत मेट्रो संघर्ष समिति का आंदोलन काफी लंबे समय से चल रहा है. कई तरह से उन्होंने अपना विरोध जनप्रतिनिधियों अधिकारियों के सामने रखा. समिति के व्यापारी ढोल नगाड़े और पंपलेट के साथ मंत्री और नेताओं के दरवाजे पर पहुंचे. विधायक से लेकर सांसद और मंत्री सभी के दरवाजे पर जाकर उन्होंने एमजी रोड पर भूमिगत मेट्रो की मांग को पुरजोर तरीके से उठाया और अधिकतर जनप्रतिनिधियों ने उनकी इस मांग का समर्थन भी किया. संजय प्लेस स्थित शहीद स्मारक पर इसी संबंध में एक आमसभा की गई, जिसमें सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल हुए. विधायक विजय शिवहरे भी इस सभा में शामिल होने आए और उन्होंने भूमिगत मेट्रो की मांग को लेकर मुख्यमंत्री से बात करने का आश्वासन भी दिया. इसके बाद आगरा के तमाम जनप्रतिनिधि एक साथ मुख्यमंत्री से मिलकर आए और उन्हें इस समस्या के बारे में अवगत कराया.

व्यापारियों के साथ लाखों लोग जाम की वजह से होंगे प्रभावित

आगरा के एमजी रोड पर स्थित भगत स्वीट्स के संचालक शिशिर भगत ने बताया कि भूमिगत मेट्रो सिर्फ एमजी रोड पर स्थित व्यापारियों के लिए नहीं बल्कि यहां से रोजाना निकलने वाले हजारों लाखों लोगों के लिए भी जरूरी है. एमजी रोड पर व्यापारिक संस्थान के अलावा तमाम सरकारी व प्राइवेट कार्यालय जिसमें नगर निगम, कलेक्ट्रेट, जिला अस्पताल, एसएन मेडिकल कॉलेज और कॉलेज व कार्यालय मौजूद हैं. इसके अलावा कई सारे स्कूल भी हैं. छुट्टी होने पर बच्चे स्कूल से निकलते हैं और अगर यहां एलिवेटेड मेट्रो बनेगी तो सड़क की चौड़ाई कम होने के चलते बच्चों को घंटो जाम में फंसना पड़ेगा और गर्मी में बच्चों की हालत बहुत ज्यादा बुरी हो जाएगी.

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इसके साथ ही एमजी रोड के आसपास तमाम अस्पताल मौजूद हैं. एंबुलेंस में सफर करने वाले मरीजों को काफी देर तक जाम में फंसना पड़ेगा. ऐसे में मरीज एंबुलेंस में ही दम तोड़ देंगे. उनका कहना है कि यह समस्या सिर्फ एमजी रोड के आसपास व्यापार करने वाले लोगों के लिए नहीं बल्कि शहर के उन तमाम लाखों लोगों के लिए हैं जो रोजाना एमजी रोड पर आवागमन करते हैं.

काम नहीं आया जनप्रतिनिधियों का आश्वासन

जनप्रतिनिधियों की ओर से लगातार दिए गए आश्वासन के बावजूद सरकार ने भूमिगत मेट्रो की मांग पर विचार नहीं किया. अब नए निर्देशों के अनुसार यूपीएमआरसी द्वारा बनाया जा रहा दूसरा मेट्रो कॉरिडोर एलिवेटेड होगा. इस कॉरिडोर में करीब 14 एलिवेटेड स्टेशन बनेंगे, जिनकी दूरी करीब 15 किलोमीटर है. यह स्टेशन आगरा कैंट, सदर बाजार, प्रतापपूरा, कलेक्ट्रेट, आगरा कॉलेज, हरी पर्वत, संजय प्लेस, एमजी रोड, सुल्तानगंज की पुलिया, कमला नगर, रामबाग, फाउंड्री नगर, कृषि मंडी समिति और कालिंदी बिहार पर बनेंगे. मेट्रो ट्रेन के दूसरे कॉरिडोर के लिए टेंडर ऑनलाइन जारी किया गया है. इसमें वही कंपनी आवेदन करने की पात्र होगी, जिसे इससे पूर्व 1223 करोड रुपए का निर्माण कार्य करने का अनुभव होगा.

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