24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Mahua Moitra : सरकारी बंगला वापसी मामले में निष्कासित तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा को नहीं मिली राहत

महुआ मोइत्रा ने याचिका में कहा कि वह दिल्ली में अकेली रह रही हैं और उनके पास यहां कोई अन्य निवास स्थान या वैकल्पिक आवास नहीं है. मोइत्रा ने कहा कि यदि उन्हें सरकारी आवास से बेदखल किया जाता है तो उन्हें चुनाव प्रचार कार्यों के साथ-साथ नया आवास भी ढूंढना पड़ेगा.

दिल्ली उच्च न्यायालय ने लोकसभा की निष्कासित सदस्य एवं तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) से बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार द्वारा आवंटित आवास में रहना जारी रखने की अनुमति के लिए वह संपदा निदेशालय से संपर्क करें. न्यायमूर्ति सुब्रमण्यन प्रसाद ने कहा कि नियम अधिकारियों को यह अधिकार देते हैं कि वह असाधारण परिस्थितियों में किसी निवासी को कुछ शुल्क पर निर्धारित सीमा से छह महीने तक ठहरने की अनुमति दे सकते हैं. मोइत्रा ने लोकसभा से अपने निष्कासन के बाद आवंटन रद्द होने के कारण सात जनवरी तक सरकारी बंगला खाली करने के निर्देश को चुनौती दी है. न्यायामूर्ति ने कहा, संपदा निदेशालय को आवेदन दें, वहां कानून के अनुरूप कार्रवाई की जाएगी.

अदालत ने महुआ मोइत्रा को मौजूदा याचिका वापस लेने की इजाजत देते हुए कहा कि उसने मामले के गुण-दोष पर कोई टिप्पणी नहीं की है. अदालत ने कहा कि संपदा निदेशालय मामले पर गौर करते हुए इस पर फैसला करेगा. अदालत ने कहा कि कानून के तहत किसी निवासी को बेदखल करने से पहले नोटिस जारी करना अनिवार्य है और सरकार को याचिकाकर्ता को बेदखल करने के लिए कानून के अनुसार कदम उठाना होगा.

Also Read: West Bengal :बंगाल में सीटों के बंटवारे पर अधीर रंजन चौधरी का बड़ा बयान,’ममता बनर्जी से सीट की भीख नहीं मांगी’

मोइत्रा की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता पिनाकी मिश्रा ने कहा कि पूर्व सांसद को आगामी आम चुनाव तक सरकारी बंगले में रहने की अनुमति देनी चाहिए क्योंकि उनके लिए अभी वैकल्पिक आवास का इंतजाम करना कठिन होगा. अदालत को यह भी अवगत कराया गया कि लोकसभा से उनके निष्कासन पर उच्चतम न्यायालय द्वारा रोक नहीं लगाई गई है. मोइत्रा को कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से कथित तौर पर उपहार लेने और उनके साथ संसद वेबसाइट की अपनी यूजर आईडी और पासवर्ड साझा करने के लिए ‘‘अनैतिक आचरण’’ का दोषी ठहराया गया था और आठ दिसंबर, 2023 को लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था.

Also Read: झारखंड में जल्द बनेगी साहित्य अकादमी, किताब उत्सव के आखिरी दिन बोलीं झामुमो से राज्यसभा सांसद महुआ माजी

सुनवाई के दौरान, न्यायमूर्ति प्रसाद ने याचिकाकर्ता के वकील से पूछा कि जब शीर्ष अदालत ने निष्कासन के आदेश पर रोक नहीं लगाई तो उच्च न्यायालय क्या कर सकता है. वरिष्ठ वकील ने कहा कि दोनों अलग-अलग मुद्दे हैं और सरकारी आवास का मामला उच्चतम न्यायालय के समक्ष नहीं उठाया गया था. हालांकि, यह देखते हुए कि मोइत्रा ने अभी तक परिसर को जारी रखने के अनुरोध के साथ अधिकारियों से संपर्क नहीं किया है, अदालत ने याचिका का निस्तारण कर दिया और उन्हें आवेदन करने की अनुमति दी.

Also Read: Look Back 2023: महुआ मोइत्रा से लेकर स्मृति ईरानी तक- बयान, विवाद और पद के कारण सुर्खियों में रहीं ये 5 नेता

मोइत्रा ने अपनी याचिका में आग्रह किया था कि संपदा निदेशालय के 11 दिसंबर के आदेश को रद्द कर दिया जाए या वैकल्पिक रूप से उन्हें 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने तक आवास का कब्जा बरकरार रखने की अनुमति दी जाए़. मोइत्रा ने कहा कि वह 2019 के आम चुनावों में पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर निर्वाचन क्षेत्र से पहली बार लोकसभा के लिए चुनी गईं और उनकी पार्टी ने उन्हें 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए भी वहां से अपना उम्मीदवार चुना है. याचिका में कहा गया है कि चूंकि लोकसभा से निष्कासन उन्हें चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य नहीं ठहराता, इसलिए वह फिर से चुनाव लड़ेंगी और उन्हें अपना समय और ऊर्जा अपने मतदाताओं पर लगाने की आवश्यकता होगी.

Also Read: Mahua Moitra : महुआ मोइत्रा के निष्कासन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा सचिवालय से मांगा जवाब

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें