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Adipurush के डायरेक्टर ओम राउत बोले- प्रभास प्रभु राम नहीं बनते तो मैं ‘आदिपुरुष’ नहीं बनाता

पिछले कुछ समय से निर्देशक ओम राउत की प्रभास और सैफ अली खान स्टारर आदिपुरुष की चर्चा जोरों पर है. इस फ़िल्म के ज़रिए निर्देशक ओम राउत एक बार फिर से रुपहले परदे पर रामायण की कहानी को जीवंत करेंगे.

आज रामनवमी है. रुपहले परदे पर राम और रामायण की कहानियां कई बार आयी और सराही गयी हैं. पिछले कुछ समय से निर्देशक ओम राउत की प्रभास और सैफ अली खान स्टारर आदिपुरुष की चर्चा जोरों पर है. इस फ़िल्म के ज़रिए निर्देशक ओम राउत एक बार फिर से रुपहले परदे पर रामायण की कहानी को जीवंत करेंगे. उनकी इस बहुप्रतीक्षित फिल्म और उससे जुड़ी कई खास बातों पर उर्मिला कोरी की हुई बातचीत

फ़िल्म अपनी घोषणा के साथ ही चर्चा में बनी हुई है क्या ये बातें आपको प्रेशर में डालती हैं?

ये मेरे काम का स्वभाव है. मेरा फोकस हाफ बिलियन लोगों पर है. उसमें मैं भी शामिल हूं. हम सबकी संवेदना और भावना उस विषय से जुड़ी हुई है. मैं प्रेशर लेना चाहूंगा तो वो प्रेशर लेना चाहूंगा ना कि किसी कमर्शियल पहलू का. वो मेरे लिए ज़्यादा मायने नहीं रखता है. हम सबकी जो सद्भावना है. उस सद्भावना की जिम्मेदारी मेरे ऊपर है. मैं उसे पूर्ण करना चाहूंगा.

राम और रामायण की कहानी में आप क्या खास पाते हैं?

प्रभु राम का जो चरित्र है. वो हमको सीखाते आए हैं. जाने या अनजाने. हमारे भारतीय मूल्यों का जो ऊर्जा स्रोत है वो प्रभु राम है. यही वजह है कि राम आनेवाली पीढ़ियों को भी सीखाते और प्रभावित करते आएंगे. राम हमें अपने चरित्र,विवेक और आचरण में एक्सीलेंस की सीख देते हैं. जो विलेन्स स्वभाव के हैं. उनके बारे में नहीं है.

आजकल हमारी भावनाएं खासकर फिल्मों को लेकर बहुत जल्दी आहत हो जाती हैं तो क्या इस बात को लेकर कोई डर है?

बिल्कुल भी नहीं, कलयुग चल रहा है. आपके और मेरे जन्म के पहले से चलते आ रहा है. बात मेरे लिए बहुत सिंपल है. मैंने ये बात अपनी फिल्म तान्हाजी के वक़्त भी कही थी कि किस बात का मुझे डर होगा. जब आपका मन साफ होगा. जो भी किरदार आप दिखा रहे हो ,घटनाएं दिखा रहे हो पूरी पवित्रता के साथ दिखा रहे हो. आप ईमानदारी से कोई कहानी दिखाओगे तो आपसे गलतियां होने की गुंजाइश कम हो जाती है. मैं गलती पर फोकस करने या उससे डरने से अच्छा ,बेहतरीन करने की कोशिश कर रहा हूं. वो मैं लोगों को पेश करने की कोशिश करूंगा. वो बहुत बड़ा है.

निर्देशक के तौर पर क्या आपके जेहन में यह रहता है कि जब मैं कोई फ़िल्म बनाऊं तो समाज का जो सेक्युलयर फैब्रिक है वो तहस नहस ना हो?

मुझे यह सवाल राजनीति से प्रेरित लग रहा है. मैं इस पर उत्तर नहीं देना चाहूंगा.

फ़िल्म के लिए साउथ सुपरस्टार प्रभास को राजी करना कितना मुश्किल या आसान था?

मेरी उनसे जान पहचान नहीं थी. बस फ़ोन पर एक दो बार बात हुई थी. लॉक डाउन में सब एक दूसरे का हाल चाल पूछ रहे थे तो हमने भी एक दूसरे से बातचीत की. उसी दौरान मैंने उन्हें अपनी फिल्म आदिपुरुष के बारे में बताया था. उन्होंने कहा कि आप कभी भी मुझे कॉल कर सकते हैं,मैं सुनना चाहूंगा कि आपने क्या लिखा है. जब मेरा एक ड्राफ्ट लिखकर हो गया तो मैंने उनको फ़ोन किया. मैं बताना चाहूंगा कि मैंने पहले ही सोच लिया था कि प्रभास अगर इस फ़िल्म को नहीं करेंगे तो मैं ये फ़िल्म नहीं करूंगा लेकिन मुझे ये भी विश्वास था कि वे इस फ़िल्म को ना नहीं कहेंगे क्योंकि मुझे लगता है कि मैंने रामायण को नहीं चुना बल्कि रामायण ने मुझे चुना है कि मैं उस पर फ़िल्म बनाऊं. एक्टर से लेकर एक टेक्निशियन का चुनाव ऊपर वाले ने ही किया है. प्रभास ने बहुत कम समय में यह अनुमति दे दी कि हम ये फ़िल्म साथ में करेंगे. आज फ़िल्म की शूटिंग खत्म हो गयी है और पोस्ट प्रोडक्शन का काम चल रहा है. 12 जनवरी 2023 को यह फ़िल्म सिनेमाघरों में रिलीज होगी.

आपने कहा कि प्रभास के बिना ये फ़िल्म नहीं बन सकती थी आपको ऐसा क्या खास प्रभास में लगा कि वो राम के चरित्र के साथ न्याय कर सकते हैं?

उनकी आंखें,आपकी आंखें आपके हृदय का प्रतिबिंब होती हैं. आपकी आत्मा आपकी आंखों में दिखती है. उनकी आत्मा बहुत पवित्र है। प्रभास की आंखों से प्रभु राम तक पहुंचने की कोशिश जरूर कर सकता हूं.

सैफ के करियर के लिए तान्हाजी बहुत खास फ़िल्म साबित हुई थी क्या इस वजह से वो आदिपुरुष में रावण बनने को भी राजी हो गए?

सैफ अपने किरदार में बहुत मेहनत और पैशन डालते हैं. लंकेश भारत का सबसे बड़ा खलनायक है. उन्होंने उस किरदार को बखूबी जिया है. मुझे उन्हें परफॉर्म करते हुए देखना बहुत अद्भुत लगा है. उम्मीद है कि दर्शकों को भी यह लगेगा.

एक्टर्स के बॉडी ट्रांसफॉर्मेशन की भी बहुत चर्चा हो रही है?

प्रभास ने एक धनुर्धर की बॉडी लाने की कोशिश की है. मौजूदा दौर में जिसे वी शेप कहते हैं. कंधे चौड़े और कमर थोड़ा पतला. सैफ सर के बॉडी के बारे में फिलहाल नहीं बता पाऊंगा. जब फ़िल्म रिलीज होगी तो इस पर बात करेंगे.

तान्हाजी में जिस भव्यता को आपने दर्शाया था आदिपुरुष में कितनी भव्यता देखने को मिलेगी?

मेरे विषय की वह मांग हैं कि परदे पर विजुअल में लार्जर देन लाइफ वाला प्रभाव हो. यह हमारी संस्कृति है. हमारा भारत जिस तरह से उस ववत था. उस भव्यता को पर्दे पर लाने की कोशिश कर रहा हूं.

वीएफएक्स में आपके साथ क्या विदेश की कंपनियां भी जुड़ी हैं?

सब भारतीय है. सात आठ कंपनियां हैं. आज विदेश में भी जो कंपनियां वीएफएक्स की है उसके बड़े पोजिशन पर भारतीय है. हॉलीवुड फिल्म ड्यून को वीएफएक्स का ऑस्कर इस वर्ष मिला. उसमें वीएफएक्स का काम भारतीय की कंपनी ने ही किया था.

मराठी और हिंदी के बाद आदिपुरुष आपकी पैन इंडिया फ़िल्म है?

मुझे पता नहीं कि ये पैन इंडिया क्या है. मैं प्रभास के पास सिर्फ इसलिए गया था क्योंकि वो मेरे प्रभु राम के चरित्र को पर्दे पर बखूबी उतार सकते हैं. मैं पैन इंडिया के बारे में नहीं सोचता ये ज़रूर चाहता हूँ कि पूरी दुनिया को लोग प्रभु राम को आदिपुरुष से और करीब से जानें.

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