New SIM Card Rules: डिजिटल युग में सिम कार्ड फ्रॉड के बढ़ते मामलों को देखते हुए दूरसंचार विभाग (DoT) ने सख्त कदम उठाए हैं. अब नए नियमों के तहत सिम कार्ड से जुड़ी धोखाधड़ी को रोकने के लिए कई सख्त दिशानिर्देश लागू किए गए हैं. इन नए नियमों के अनुसार, सिम कार्ड जारी करने से लेकर उसके इस्तेमाल तक की प्रक्रिया में सख्त निगरानी रखी जाएगी.
सिम कार्ड जारी करने की प्रक्रिया होगी अधिक सुरक्षित
DoT के नए दिशानिर्देशों के तहत सिम कार्ड जारी करने की प्रक्रिया को और अधिक सुरक्षित बनाया गया है. अब सिम कार्ड के लिए आवेदन करते समय ग्राहक की पहचान सत्यापन (KYC) प्रक्रिया को डिजिटल रूप में पूरा करना अनिवार्य होगा.
डिजिटल KYC अनिवार्य: नए नियमों के अनुसार, सिम कार्ड के लिए आवेदन करते समय आधार कार्ड, पैन कार्ड या अन्य सरकारी मान्यता प्राप्त पहचान पत्रों का डिजिटल सत्यापन अनिवार्य होगा.
बायोमेट्रिक सत्यापन: ग्राहकों को बायोमेट्रिक सत्यापन प्रक्रिया से गुजरना होगा, जिससे फर्जी सिम कार्ड जारी होने की संभावना कम होगी.
एक व्यक्ति, सीमित सिम: अब एक व्यक्ति अधिकतम 9 सिम कार्ड तक ही ले सकता है. इससे फर्जी सिम कार्ड जारी करने की घटनाओं पर अंकुश लगेगा.
सिम कार्ड फ्रॉड रोकने के लिए उठाये गए अन्य कदम
DoT ने टेलीकॉम कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे सभी ग्राहकों की पहचान को सख्ती से सत्यापित करें. यदि किसी ग्राहक की पहचान में कोई संदेह होता है, तो सिम कार्ड तुरंत निष्क्रिय कर दिया जाएगा.
संदिग्ध गतिविधियों की निगरानी: टेलीकॉम कंपनियों को निर्देश दिया गया है कि वे संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखें और किसी भी अनियमितता की स्थिति में तुरंत कार्रवाई करें.
फ्रॉड की रिपोर्टिंग: यदि कोई ग्राहक सिम कार्ड से संबंधित धोखाधड़ी का शिकार होता है, तो उसे 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट करना आवश्यक होगा.
नए नियमों का उद्देश्य
इन नए दिशानिर्देशों का मुख्य उद्देश्य साइबर अपराध को कम करना और ग्राहकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना है. DoT ने कहा है कि इन नियमों के लागू होने से फर्जी सिम कार्ड जारी करने की घटनाओं में कमी आएगी और ग्राहकों की निजी जानकारी सुरक्षित रहेगी.
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