Beware of Chinese Loan Apps Fraud : डिजिटल इंडिया भारत में एक नयी क्रांति लेकर आया है. लोग अब हर तरह के पैसों का लेन-देन अपने स्मार्टफोन से कर सकते हैं, बिना किसी बैंक के चक्कर लगाये. लेकिन इसी के साथ कई तरह की नयी मुसीबतें भी सामने आ रहीं हैं, जिनमें से एक है चाइनीज लोन ऐप्स के स्कैम्स.
भारत में साइबर सिक्योरिटी एक अहम मुद्दा है, देश में पैसों के लेन-देन से जुड़े साइबर क्राइम वाले मामले कोई नयी बात नहीं है और इन्हीं में से एक केस चाइनीज लोन ऐप्स का भी है. ये लोन ऐप्स लोगों को इंस्टैंट लोन देने के साथ-साथ आसान तरीकों से लोन रीपेमेंट का फर्जी वादा करते हैं. इससे प्रभावित होकर कई भारतीय इन चाइनीज लोन ऐप्स के झांसे में फंस जाते हैं.
55 से अधिक चाइनीज ऐप्स किये गए चिह्नित
साइबर सिक्योरिटी कंपनी cloudSEK ने एक रिपोर्ट जारी कर यह दावा किया है कि 55 से अधिक लोन देने वाले चाइनीज ऐप्स अलग-अलग प्लैटफॉर्म पर मौजूद हैं. रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि पैसों के लेन-देन के लिए 15 पेमेंट गेटवे को चीन से ऑपरेट किया जा रहा है. और ऐसा केवल भारत में ही नहीं बल्कि दक्षिण अफ्रीका, मेक्सिको, इंडोनेशिया, ब्राजील, तुर्की, मलेशिया, वियतनाम, फिलीपींस और कोलम्बिया जैसे कई देशों में इन पेमेंट गेटवे का इस्तेमाल करके लोगों को ठग रहे हैं.
कैसे काम करते हैं ये चीनी लोन ऐप्स?
ये चीनी लोन ऐप्स उन लोगों को टारगेट करते हैं, जिन्हें कम समय में छोटा लोन चाहिए होता है. जैसे ही कोई यूजर इन ऐप्स को अपने मोबाइल में डाउनलोड करता है, ये ऐप्स उसके मोबाइल का डेटा चुराना शुरू कर देते हैं, जिसमें यूजर के कॉन्टैक्ट्स और फोटोज शामिल होते हैं. लोन देने के बाद ये ऐप्स लोगों को लगातार फोन करके परेशान करते हैं. कई बार लोन रीपेमेंट की अवधि पूरी होने से पहले ही ये लोन ऐप्स वाले लोगों को कॉल करके परेशान करने लगते हैं. अगर आपने लोन की किश्त भरने में लेट कर दी, तो ये ऐप्स आपके रिश्तेदारों और दोस्तों तक को आपके नाम पर कॉल कर परेशान करने लगते हैं. कॉल पर गाली-गलौज करने के अलावा ये लोन ऐप्स आपके फोटो को मॉर्फ कर सोशल मीडिया साइट्स पर वायरल करने की धमकी देते हैं. इन चाइनीज ऐप्स से परेशान होकर कई ग्राहकों ने आत्महत्या तक कर ली है.
सरकार ऐसे चाइनीज लोन ऐप्स को कई बार कर चुकी है बैन
बता दें कि इसी साल फरवरी के महीने में भारत सरकार 94 चाइनीज लोन ऐप्स को चिह्नित कर बैन कर चुकी है. यह कार्रवाई इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मिनिस्ट्री ने की थी. मिनिस्ट्री ने बताया कि इन ऐप्स ने देश के लोगों की व्यक्तिगत जानकारी अपने डेटाबेस में अवैध तरीके से जमा कर रखी है. भारत सरकार द्वारा कराये जांच में पाया गया था कि इन ऐप्स के मालिक चीन के नागरिक हैं, जो भारत के नागरिकों को डायरेक्टर जैसे पदों पर बैठा कर पर्दे के पीछे से ये फ्रॉड लोन ऐप्स का कारोबार चलाते हैं.