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वैज्ञानिकों ने सुपर कंप्यूटर को भी छोड़ा पीछे, गूगल ने बनायी साइकामोर मशीन, 10000 साल की गणना अब 200 सेकेंड में संभव

वैज्ञानिकों ने बुधवार को दावा किया कि उन्होंने कैलकुलेशन की उस काल्पनिक अवस्था को प्राप्त कर लिया है जिसने विश्व के अब तक के सबसे तेज सुपर कंप्यूटर को भी पीछे छोड़ दिया है. इसे ‘क्वांटम सुपरमेसी’ का नाम दिया गया है. गूगल साइकामोर मशीन पर काम कर रही विशेषज्ञों की टीम ने बताया कि […]

वैज्ञानिकों ने बुधवार को दावा किया कि उन्होंने कैलकुलेशन की उस काल्पनिक अवस्था को प्राप्त कर लिया है जिसने विश्व के अब तक के सबसे तेज सुपर कंप्यूटर को भी पीछे छोड़ दिया है. इसे ‘क्वांटम सुपरमेसी’ का नाम दिया गया है. गूगल साइकामोर मशीन पर काम कर रही विशेषज्ञों की टीम ने बताया कि उनकी क्वांटम प्रणाली ने मात्र 200 सेकेंड में उतनी गणना कर ली जिसे करने में पारंपरिक कंप्यूटर को 10,000 साल लगते. अगर वैज्ञानिकों के इस दावे की पुष्टि हो जाती है तो गूगल का उपकरण दुनिया का सबसे शक्तिशाली सुपर कंप्यूटर बनाने में सक्षम होगा जो प्रति सेकेंड 20,000 खरब गणना कर सकेगा.

वैज्ञानिकों के मुताबिक साधारण कंप्यूटर यहां तक कि सबसे तीव्र गति से काम करने वाला कंप्यूटर भी दो छोटे डेटा के खंड के आधार पर काम करता है जिसे बिट्स कहते हैं और यह या तो एक या शून्य हो सकता है. हालांकि, क्वांटम कंप्यूटर में डेटा के खंड 1 और शून्य एक साथ हो सकते हैं जिससे इसकी क्षमता बढ़ जाती है और बड़ी संख्या में आंकड़ों की गणना कर सकता है. इस हिस्से को डुबिट्स कहते हैं.

इस दोहरी प्रवृत्ति की वजह से कंप्यूटर की गणना की क्षमता में अप्रत्याशित वृद्धि होती है. ‘नेचर’ में प्रकाशित शोधपत्र के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय टीम ने 54 क्यूबिट्स की मदद से क्वांटम प्रोसेर तैयार किया और इसका इस्तेमाल किन्हीं भी अंकों की उत्पत्ति प्रक्रिया से जुड़े कार्यों के लिए किया. हालांकि, गूगल के प्रतिद्वंद्वी आइबीएम के वैज्ञानिकों ने इस दावे पर सवाल उठाये हैं.

प्रति सेकेंड 20,000 खरब गणना कर सकेगा सुपर कंप्यूटर

टीम की इस बड़ी उपलब्धि पर गर्व महसूस कर रहा हूं. दुनिया का सबसे शक्तिशाली सुपर कंप्यूटर बनाने में सक्षम होंगे.

सुंदर पिचाई, सीइओ, गूगल

दुनिया के शीर्ष सुपर कंप्यूटर में पारंपरिक अल्गोरिद्म (कलन विधि) पर क्वांटम श्रेष्ठता का प्रदर्शन बड़ी उपलब्धि है. विलियम ऑलिवर, कंप्यूटर शोधकर्ता, एमआइटी

शोधपत्र के मुताबिक साइकामोर ने नमूनों का मात्र 200 सेकेंड में पूरी सटीकता से आकलन किया और हल दे दिया, जिसे करने में नियमित कंप्यूटर को 10,000 साल लगते.

क्वांटम कैलकुलेशन का इंकरप्टेड सॉफ्टेवयर और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस में तत्काल इस्तेमाल होगा, इससे अधिक कुशल सौर पैनल, दवा बनाने और अधिक तेज गति से वित्तीय लेनदेन में मदद मिलेगी.

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