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मोदी सरकार ने ऑटो सेक्टर पर की पैसों की बरसात! PLI स्कीम से मिलेंगे 3,500 करोड़ रुपये

भारी उद्योग मंत्रालय ने हाल ही में वाहन और वाहन कलपुर्जों के लिए पीएलआई स्कीम की मियाद को एक साल तक के लिए बढ़ाने का फैसला किया है. मंत्रालय के इस फैसले के बाद यह स्कीम अब 2023-24 से शुरू होकर लगातार पांच वित्त वर्ष के लिए लागू है.

नई दिल्ली: भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने अंतरिम बजट में ऑटो सेक्टर के लिए अगले एक साल तक के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इन्सेंटिव (पीएलआई) स्कीम के तहत आवंटन राशि को करीब सात गुना अधिक बढ़ाने का प्रस्ताव किया है. गुरुवार 1 फरवरी 2024 को लोकसभा में पेश व्यय बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऑटो सेक्टर को पीएलआई स्कीम के तहत वर्ष 2024-25 के लिए 3,500 करोड़ रुपये आवंटित करने का ऐलान किया है. हालांकि, यह रकम चालू वित्त वर्ष 2023-24 में आवंटित राशि 433.77 करोड़ रुपये के अनुमान से कहीं सात गुना अधिक है.

एसीसी और बैटरी स्टोरेज के लिए 250 करोड़

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से संसद में पेश किए गए व्यय बजट के अनुसार, अप्रैल से शुरू होने वाले वित्त वर्ष में वाहन और वाहन कलपुर्जों की पीएलआई स्कीम के लिए 3,500 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई है, जो चालू वित्त वर्ष में 483.77 करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान से कहीं अधिक है. इसके अलावा, एडवांस्ड केमिकल सेल (एसीसी) और बैटरी स्टोरेज के लिए पीएलआई स्कीम का बजट 2024-25 में 12 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 250 करोड़ रुपये कर दिया गया है.

पीएलआई स्कीम की एक साल तक बढ़ी मियाद

इससे पहले, भारी उद्योग मंत्रालय ने हाल ही में वाहन और वाहन कलपुर्जों के लिए पीएलआई स्कीम की मियाद को एक साल तक के लिए बढ़ाने का फैसला किया है. मंत्रालय के इस फैसले के बाद यह स्कीम अब 2023-24 से शुरू होकर लगातार पांच वित्त वर्ष के लिए लागू है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 15 सितंबर, 2021 को पांच साल (वित्त वर्ष 2022-23 से वित्त वर्ष 2026-27) के लिए 25,938 करोड़ रुपये के बजट खर्च के साथ ऑटो सेक्टर के लिए पीएलआई स्कीम को मंजूरी दी थी.

इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र के लिए दो बड़ी घोषणा

बताते चलें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में पेश किए गए अंतरिम बजट में इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र के लिए दो बड़ी घोषणाएं की हैं. इससे न केवल इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि इन्हें चार्ज करने के लिए बुनियादी ढांचा का विकास किया जाएगा. अपने बजट भाषण में उन्होंने इलेक्ट्रिक वाहन इकोसिस्टम के जरिए भारत में चार्जिंग बुनियादी ढांचा के विकास का ऐलान किया है. इसके साथ ही, उन्होंने सार्वजनिक परिवहन प्रणाली में इलेक्ट्रिक बसों के इस्तेमाल को बढ़ाने पर भी जोर दिया है. इतना ही नहीं, निजी क्षेत्र में भी इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ाया जाएगा.

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ईवी इको-सिस्टम होगा मजबूत

संसद में अंतरिम बजट पेश करने से पहले अपने भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार का लक्ष्य विनिर्माण और चार्जिंग बुनियादी ढांचे का समर्थन करके इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) इको-सिस्टम को बढ़ाना और मजबूत करना है. इसके अलावा, उन्होंने ग्रीन डेवलपमेंट को बढ़ावा देने के लिए एक नई जैव-विनिर्माण योजना की शुरुआत का भी उल्लेख किया.

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चार्जिंग स्टेशन के जरिए रोजगार सृजन

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग स्टेशन के ढांचे को बढ़ाने के लिए नए ईवी चार्जिंग स्टेशन को स्थापित करने के लिए नए मौके दिए जाएंगे, जिसमें मौजूदा वेंडर्स के अलावा नए लोगों को भी मौका मिलेगा. उन्होंने कहा कि इलेक्ट्र्रिक वाहनों के चार्जिंग स्टेशन के लिए ढांचा विकास में युवाओं योगदान अहम होगा. उन्होंने कहा कि इससे ईवी चार्जिंग सेक्टर में युवाओं को रोजगार के लिए पर्याप्त अवसर प्रदान किए जाएंगे. इसके लिए उन्हें प्रशिक्षण भी दिया जाएगा.

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