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महिंद्रा एंड महिंद्रा ने सेना को सौंपी Scorpio Classic की पहली खेप, जानें इसकी खासियत

भारतीय सेना में पहले से ही टाटा सफारी, टाटा जेनॉन, फोर्स गुरखा और मारुति सुजुकी जिप्सी का इस्तेमाल कर रही है. सेना में गाड़ियों के बेड़े में स्कॉर्पियो क्लासिक के जुड़ने से उसकी क्षमता और बढ़ जाएगी.

नई दिल्ली : भारतीय ऑटोमोबाइल सेक्टर की दिग्गज कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा ने भारतीय सेना को स्कॉर्पियों क्लासिक (Scorpio Classic) की पहली खेप सौंप दी है. स्कॉर्पियो क्लासिक एसयूवी है और भारतीय सेना की ओर से महिंद्रा एंड महिंद्रा को अभी हाल ही में 1,850 स्कॉर्पियो क्लासिक का ऑर्डर दिया गया था. कंपनी ने घोषणा की है कि उसने भारतीय सेना को स्कॉर्पियो क्लासिक की पहली खेप की डिलीवरी कर दी है. मीडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी की ओर से डिलीवर की गई गाड़ियों को भारतीय सेना 12 यूनिट्स में तैनात करेगी. स्कॉर्पियो क्लासिक स्कॉर्पियो का अपडेटेड नया वर्जन है. कंपनी की ओर से नई स्कॉर्पियो एन भी बेची जा रही है, जो एकदम नया मॉडल है.

सेना में इस्तेमाल होती हैं ये गाड़ियां

रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय सेना में पहले से ही टाटा सफारी, टाटा जेनॉन, फोर्स गुरखा और मारुति सुजुकी जिप्सी का इस्तेमाल कर रही है. सेना में गाड़ियों के बेड़े में स्कॉर्पियो क्लासिक के जुड़ने से उसकी क्षमता और बढ़ जाएगी. उम्मीद है कि महिंद्रा स्कॉर्पियो क्लासिक को 4×4 पावरट्रेन से लैस करेगी. इसका मतलब यह बताया जा रहा है कि इसमें मिलने वाला 2.2-लीटर इंजन पिछली पीढ़ी का हो सकता है, जो लगभग 140 हॉर्स पावर जेनरेट करता था.

इंजन पावर

स्कॉर्पियो क्लासिक में इस समय 2.2-लीटर डीजल इंजन का इस्तेमाल किया जाता है, जो 130 हॉर्सपावर और 300 एनएम का पीक टॉर्क जेनरेट करता है. यह सिर्फ 6-स्पीड गियरबॉक्स का इस्तेमाल करके पिछले पहियों को पावर भेजता है. स्कॉर्पियो क्लासिक में कोई ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन या 4×4 पावरट्रेन नहीं है. महिंद्रा ने स्कॉर्पियो क्लासिक में कई बदलाव किए हैं. नया इंजन पिछली पीढ़ी की तुलना में 55 किलोग्राम हल्का है. महिंद्रा के मुताबिक, 1,000 आरपीएम से कम से कम 230 एनएम का टॉर्क मिलता है. कंपनी का कहना है कि माइलेज 15 फीसदी तक बढ़नी चाहिए. ट्रांसमिशन केबल-शिफ्ट का भी इस्तेमाल करता है, जिससे कंपन कम करने में मदद मिलेगी और थ्रो अब पॉजिटिव और छोटा होना चाहिए.

स्कॉर्पियो क्लासिक के फीचर्स

कंपनी की ओर से स्कॉर्पियो क्लासिक के सस्पेंशन सेटअप को भी अपग्रेड और रीट्यून किया गया है. बॉडी रोल को कंट्रोल करने में मदद के लिए महिंद्रा सभी चार स्ट्रट्स पर MTV-CL डैम्पर्स का इस्तेमाल कर रही है. एसयूवी अब क्रूज कंट्रोल, ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल, कॉर्नरिंग लैंप, 9-इंच टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम, सनग्लास होल्डर, डायमंड पैटर्न वाली फैब्रिक सीटें और बहुत सारे फीचर्स के साथ आती है.

इंटीरियर

नई स्कॉर्पियो क्लासिक में केबिन के अंदर डुअल-टोन थीम है. इसमें 9.0-इंच का नया टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम है, जो एंड्रॉइड पर चलता है. यह स्क्रीन मिररिंग को भी सपोर्ट करता है. इसके अलावा, अन्य प्रीमियम फीचर्स भी हैं. डैशबोर्ड में अब वुडन इंसर्ट हैं और केबिन को ब्लैक और बेज रंग के कॉम्बिनेशन में पेश किया गया है. स्टीयरिंग व्हील को अब लेदर फिनिश और पियानो-ब्लैक इंसर्ट मिलता है. सीटें भी नई हैं और फैब्रिक की बनी हुई हैं, लेकिन नए पैटर्न के साथ पेश की गई हैं.

महिंद्रा स्कॉर्पियो क्लासिक ओवरव्यू

  • एक्स शोरूम प्राइस : 13 लाख रुपये से शुरू

  • सीटिंग कपैसिटी : 7 सिटर

  • फ्यूल इकोनॉमी/माइलेज : 15 किमी/लीटर

  • ट्रांसमिशन : मैनुअल

  • क्लास : SUV

  • फ्यूल टैंक कपैसिटी : 57.0 लीटर

  • बेस मॉडल : S

  • टॉप मॉउल : S11

महिंद्रा स्कॉर्पियो क्लासिक स्पेसिफिकेशन

  • इंजन सीसी : 2184 cc

  • माइलेज : 15 KM/L

  • अधिकतम पावर : 130 bhp

  • अधिकतम टॉर्क : 300 Nm

  • फ्यूल : डीजल

  • ट्रांसमिशन : मैनुअल

  • लंबाई/चौड़ाई/ऊंचाई : 1917 मिमी (चौड़ाई) /1857 मिमी (ऊंचाई) /2750 मिमी (व्हील बेस)

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महिंद्रा ने हटाया 4X4 ड्राइवट्रेन का विकल्प

बता दें कि महिंद्रा आम ग्राहकों के लिए उपलब्ध स्कॉर्पियो एसयूवी से 4X4 ड्राइवट्रेन का विकल्प हटा चुकी है. यह एसयूवी अब सिर्फ रियर व्हील ड्राइव में आती है जो 6-स्पीड गियरबॉक्स से लैस है. इस एसयूवी में मिलने वाला डीजल इंजन 130 बीएचपी की पॉवर और 300 एनएम का टॉर्क जनरेट करता है.

KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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