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बेलूड़ मठ में स्वामी स्मरणानंद महाराज को श्रद्धांजलि देने के लिए उमड़ी भीड़

रामकृष्ण मठ और रामकृष्ण मिशन के अध्यक्ष स्वामी स्मरणानंद महाराज का वृद्धावस्था संबंधी बीमारियों के कारण मंगलवार की रात अस्पताल में निधन हो गया. रात 12:30 बजे उनका पार्थिव शरीर अस्पताल से बेलूड़ मठ लाया गया. इसके बाद से ही उनको श्रद्धांजलि देने के लिए भक्तों की भीड़ मठ आने लगी. सांस्कृतिक भवन में रखा […]

रामकृष्ण मठ और रामकृष्ण मिशन के अध्यक्ष स्वामी स्मरणानंद महाराज का वृद्धावस्था संबंधी बीमारियों के कारण मंगलवार की रात अस्पताल में निधन हो गया. रात 12:30 बजे उनका पार्थिव शरीर अस्पताल से बेलूड़ मठ लाया गया. इसके बाद से ही उनको श्रद्धांजलि देने के लिए भक्तों की भीड़ मठ आने लगी.

सांस्कृतिक भवन में रखा गया स्वामी स्मरणानंद का पार्थिव देह

उनके पार्थिव शरीर को सांस्कृतिक भवन में रखा गया. रात में ही बाली के विधायक डॉ राणा चटर्जी पहुंचे और शोक जताते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी. देर रात ही हावड़ा के सीपी प्रवीण कुमार त्रिपाठी भी पहुंचे. उन्होंने पूरी तैयारियों का जायजा लिया. बुधवार रात दिवंगत महाराज का अंतिम संस्कार बेलूड़ मठ के गंगा तट पर किया गया.

मंगलवार रात से ही बेलूड़ मठ पहुंचने लगे भक्त

मंगलवार रात से ही लोग उनके निधन की खबर सुनकर बेलूड़ मठ आने लगे थे. बुधवार सुबह से बेलूड़ मठ में भक्तों के लिए उनके अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था. लोगों ने फूल-माला चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी.

पीएम मोदी व सीएम ममता बनर्जी ने जताया शोक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, राज्यपाल सीवी आनंद बोस समेत कई बड़ी हस्तियों ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया. रामकृष्ण मठ और मिशन के महासचिव स्वामी सुवीरानंद महाराज ने बताया कि मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री सभी ने शोक संदेश भेजा है.

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शुभेंदु अधिकारी ने भेजा शोक संदेश, बेलूड़ पहुंचे मंत्री अरूप राय

शुभेंदु अधिकारी ने भी शोक संदेश भेजा है. इधर, बेलूड़ मठ पुहंचे राज्य के खाद्य प्रसंस्करण मंत्री अरूप राय ने कहा कि महाराज की लोकप्रियता पूरी दुनिया में थी. लोगों को एक न एक दिन तो जाना ही है. फिर भी वह हमेशा हम सभी के बीच जीवित रहेंगे. उन्हें लोगों से प्यार था. रामकृष्ण मिशन के अध्यक्ष के रूप में उनके प्रति श्रद्धा व्यक्त करता हूं.

18 जनवरी से महाराज की तबीयत खराब चल रही थी

95 वर्षीय स्वामी स्मरणानंद महाराज की तबीयत काफी समय से खराब थी. मिशन के बयान में कहा गया है कि रामकृष्ण मठ और रामकृष्ण मिशन के अध्यक्ष स्वामी स्मरणानंद महाराज ने मंगलवार रात 8.14 बजे महासमाधि ले ली. बुखार और अन्य जटिलताओं के कारण उन्हें 18 जनवरी 2024 को कोलकाता के पीयरलेस अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इसके बाद उन्हें 29 जनवरी को रामकृष्ण मिशन सेवा प्रतिष्ठान में स्थानांतरित किया गया.

स्वामी जी को बाद में होने लगी थी सांस लेने में समस्या

बाद में उन्हें सांस लेने में समस्या होने लगी थी. इसके बाद उन्हें तीन मार्च को वेंटिलेटर पर रखा गया था. गत तीन मार्च से दक्षिण कोलकाता स्थित शिशु मंगल अस्पताल में भर्ती थे. स्वामी स्मरणानंद महाराज के अस्पताल में भर्ती होने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी अपने एक्स हैंडल पर उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हुए पोस्ट किया था. यही नहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कोलकाता दौरे पर आकर सबसे पहले उन्होंने भी जाकर अस्पताल में महाराज से मिलकर उनका हालचाल जाना था.

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रामकृष्ण मठ व मिशन के 16वें अध्यक्ष थे स्वामी स्मरणानंद

स्वामी स्मरणानंद महाराज रामकृष्ण मठ और रामकृष्ण मिशन के वरिष्ठ संन्यासी और इसके 16वें अध्यक्ष रहे. 1976 में स्मरणानंद महाराज बेलूड़ मठ के करीब में स्थित रामकृष्ण मिशन शारदापीठ नामक शैक्षणिक संस्थान के सचिव बने. वह अपने 15 साल के लंबे प्रवास के दौरान विभिन्न सेवा गतिविधियों में शामिल रहे.

दिसंबर 1991 में चेन्नई में रामकृष्ण मिशन के बने प्रमुख

वर्ष 1978 की विनाशकारी बाढ़ के दौरान वह संन्यासियों की मदद से बचाव कार्य के लिए आगे आये. दिसंबर 1991 में वह चेन्नई में रामकृष्ण मिशन के प्रमुख बने. 2007 में एसोसिएशन के उपाध्यक्ष चुने गये थे. साल 2017 से वह रामकृष्ण मठ और मिशन के अध्यक्ष थे.

7 अप्रैल को होगा भंडारा, जल्द निर्वाचित होंगे नये अध्यक्ष

बेलूड़ मठ सूत्रों के मुताबिक, 7 अप्रैल को भंडारा होगा. उम्मीद की जा रही है कि लाखों भक्त जुटेंगे. राज्यपाल के भी भंडारे में आने की संभावना है. बताया गया है कि रामकृष्ण मठ के नये अध्यक्ष जल्द ही निर्वाचित होंगे. इसमें लगभग एक महीना लगेगा. इस अवधि में फिलहाल अध्यक्ष का पद रिक्त नहीं होता है. उस स्थान पर अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त किया जाता है.

अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया में लगेंगे एक माह

अंतरिम अध्यक्ष ट्रस्टी बोर्ड के सबसे अधिक उम्रदराज सदस्य को अंतरिम अध्यक्ष के रूप में चुना जाता है. उनके अधीन ही सभी अनुष्ठान किये जायेंगे. इसके बाद अध्यक्ष निर्वाचित होंगे. पूरी प्रक्रिया पूरी होने में एक महीना लगेगा. इस संबंध में जल्द ही बैठक होगी.

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