यह कहना है तणमूल कांग्रेस (तृकां) के दार्जिलिंग जिला अध्यक्ष सह ममता सरकार में पर्यटन मंत्री गौतम देव का. वह शुक्रवार को मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले के बाद चाय बागानों के श्रमिकों का सुध लेने के बाद सिलीगुड़ी सर्किट हाउस में मीडिया से बात कर रहे थे. श्री देव ने कहा कि मोदी को आम जनता व गरीबों की समस्या से कोई लेना-देना नहीं है. वह अपनी मनमर्जी जबरन आम जनता पर थोपना चाहते हैं. मोदी की इस तानाशाही राज का दीदी पहले ही दिल्ली में विरोध कर रही है. अब दीदी का समर्थन करने और मोदी का विरोध करने के लिए आर्थिक संकट से जूझ रहे चाय बागान के श्रमिक भी एकजुट हो गये हैं.
मोदी की तानाशाही राज के विरूद्ध श्रमिकों ने तृकां के ट्रेड यूनियन के बैनर तले लगातार आंदोलन करने का फैसला लिया है. इसके तहत 28 नवंबर को सभी चाय बागानों में सुबह आठ से नौ बजे तक गेट मीटिंग की जायेगी. इस एक घंटे की मीटिंग के आड़ में श्रमिक कामकाज नहीं करेंगे. केंद्र सरकार के अधीन टी बोर्ड के कोलकाता स्थित प्रशासनिक भवन का घेराव दो दिसंबर को किया जायेगा. वहीं दिसंबर महीने में ही सिलीगुड़ी में श्रमिकों को साथ लेकर केंद्रीय समावेश होगा. इस समावेश में केंद्र की जनविरोधी नीतियों के विरूद्ध आवाज बुलंद की जायेगी. आज की मीटिंग में गौतम देव के साथ जनजाति कल्याण मामलों के मंत्री जेम्स कुजुर के अलावा तृकां के सभी ट्रेड यूनियनों के वरिष्ठ नेता व सभी चाय बागान से श्रमिक ट्रेड यूनियन के प्रतिनिधि बड़ी संख्या में मौजूद थे.