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विधान मार्केट और सेठ श्रीलाल मार्केट का अस्तित्व संकट में

सिलीगुड़ी. सिलीगुड़ी की गंदी राजनीति के चक्कर में शहर के दो धरोहर सेठ श्रीलाल मार्केट व विधान मार्केट का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है. पार्किंग की समस्या यहां की सबसे बड़ी समस्या है. इसके अलावा भीड़भाड़ और ढ़ाचागत सुविधाओ की कमी ने यहां की स्थिति और भी खराब कर दी है. ग्राहक इस मार्केट […]

सिलीगुड़ी. सिलीगुड़ी की गंदी राजनीति के चक्कर में शहर के दो धरोहर सेठ श्रीलाल मार्केट व विधान मार्केट का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है. पार्किंग की समस्या यहां की सबसे बड़ी समस्या है. इसके अलावा भीड़भाड़ और ढ़ाचागत सुविधाओ की कमी ने यहां की स्थिति और भी खराब कर दी है. ग्राहक इस मार्केट में आना पसंद नहीं करते हैं. गाड़ी पार्किंग की समस्या को लेकर ग्राहक इन दोनों मार्केट के बजाये शहर के बड़े-बड़े शॉपिंग मॉल की ओर रूख कर रहे हैं. मार्केट का भविष्य खतरे में देखकर व्यवसायी भी भयभीत है.

ऐसे जाम की समस्या सिलीगुड़ी की सबसे बड़ी समस्या है. शहर के तीनों महत्वपूर्ण सड़क हिलकार्ट रोड, सेवक रोड और विधान रोड के बीच सिलीगुड़ी का एतिहासिक सेठ श्रीलाल मार्केठ और विधान मार्केट है. यहां पूरे उत्तर बंगाल के साथ ही पड़ोसी राज्य सिक्किम व पड़ोसी देश नेपाल व भूटान में भी लोग खरीददारी के लिए आते हैं. महिलाओं के लिये उपयोगी वस्तुओं के मामले में इस मार्केट का काफी नाम है. इस मार्केट के ग्राहकों में पुरूष के मुकाबले महिलाओं की संख्या अधिक है. अब महिलाएं ही इस मार्केट में प्रवेश करने से कतराने लगी है. मार्केट के बाहर और भीतर भीड़ इतनी बढ़ने लगी है कि महिलाएं इस मार्केट में आने के बजाय मॉल जाना पसंद करती हैं.
सेठ श्रीलाल व विधान मार्केट को मिलाकर करीब दो हजार से अधिक दुकाने होंगी. यह ऐसा मार्केट हैं जहां घरेलु उपयोग की सभी वस्तुओं के साथ इलेक्ट्रॉनिक, कपड़े आदि मिल जाते हैं. सेठ श्रीलाल मार्केट कमिटी के अध्यक्ष खोकन साहा ने कहा कि पहले के मुकाबले ग्राहकों की संख्या में कमी आयी है. यह कमी जाम की वजह से लगातार बढ़ रही है. शहर में गाड़ियों की संख्या के मुकाबले पार्किंग की व्यवस्था नहीं है. इस बाजार में महिलाएं अधिक आती थीं. लेकिन अब महिलाओं की संख्या कम होने लगी है. उन्होंने मार्केट की इस परिस्थिति के लिये सरकार को दोषी ठहराया है. उनका कहना है कि राजनीतिक पार्टियां सिर्फ अपने फायदे के लिये कार्य करती है. नागरिकों और व्यवसासियों से उन्हें कोई मतलब ही नहीं. सिलीगुड़ी जैसे शहर में पार्किंग की कोई खास व्यवस्था नहीं है. यह अपने आप में ही एक बड़ा प्रश्न है. सिक्किम और गंगतोक जैसे पहाड़ी और छोटे शहरों में हाईटेक पार्किंग की पर्याप्त व्यवस्था है. दूसरी तरफ पार्किंग के लिये सिलीगुड़ी का दिन प्रतिदिन बेहाल होता जा रहा है.
उल्लेखनीय है कि नेपाल,भूटान, सिक्किम के साथ उत्तर बंगाल के विभिन्न जिलों से ग्राहक अपनी कार लेकर सेठश्री लाल और विधान मार्केट पहुंचते हैं. पार्किंग की कोई व्यवस्था ना देखकर मॉल की ओर रूख करते हैं. कार तो दूर मार्केट के बाहर या आस-पास मोटर साईकिल व साईकिल पार्किंग की भी उपयुक्त व्यवस्था नहीं है. जिसकी वजह से सैंकड़ों ग्राहक अपनी दुपहिया लेकर मार्केट के भीतर प्रवेश कर जाते हैं. मार्केट का गलियरा काफी सकरा होने की वजह से जाम लगना स्वाभाविक है. फिर महिलाएं इतनी भीड़-भाड़ देखकर मार्केट में प्रवेश करने से कतराने लगी है. काफी ज्यादा भीड़-भाड़ होने से पॉकेट मारी और छिनताई की घटना भी बढ़ने लगी है. पार्किंग की समस्या से इन दोनों मार्केटों का भविष्य संकट में है. दुर्गोत्सव के लिये खरीददारी करने पहुंची गृहणी बबिता झा और रीना मिश्रा ने बताया कि बचपन से ही वे इस मार्केट में खरीददारी के लिये आती रही है. लेकिन आज उन्हें बिना खरीददारी किये ही वापस लौटना पड़ा है. बाजार के भीतर इतनी भीड़ है कि कदम बढ़ाना मुश्किल है. उपर से लोग मोटर साईकिल लेकर मार्केट में प्रवेश कर जाते है, जिसकी वजह से महिलाओं का चलना तक मुश्किल है.

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