महावीरस्थान स्थित बड़ी मस्जिद में सुबह सात बजे हाफिज साबिब कमर नमाज अदा करायेंगे. सिलीगुड़ी के छह नंबर वार्ड के कुरैशी मुहल्ला स्थित मस्जिद-ए-मुकदर में सुबह सात बजे मौलाना मतरूर साहब नमाज अदा करायेंगे. न्यू जलपाईगुड़ी (एनजेपी) स्थित जामा मस्जिद में सुबह आठ बजे मौलाना अब्दुल मन्नान साहब नमाज अदा करायेंगे. हैदरपाड़ा के अशरफनगर स्थित अशरफूल मस्जिद में सुबह 7.30 बजे हाजी अब्दुल गफार साहब नमाज अदा करायेंगे. सिलीगुड़ी से तकरीब आठ किमी दूर फूलबाड़ी स्थित जामा मस्जिद में मौलाना सजले करीम और छोटी मस्जिद में मौलाना अख्तर साहब नमाज अदा करायेंगे. सिलीगुड़ी व आस-पास स्थित अन्य मस्जिदों में भी सुबह के समय ही ईद-उल-अजहा ‘बकरीद’ की नमाज अदा की जायेगी और अमन-चैन व मुल्क की तरक्की के लिए इबादत की जायेगी.
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ईद-उल-अजहा ‘बकरीद’ आज, तैयारियां जोरशोर से
सिलीगुड़ी: मुस्लिम धर्मावलंबियों के प्रमुख त्योहारों में एक ईद-उल-अजहा ‘बकरीद’ कल यानी मंगलवार को देश-दुनिया के साथ ही सिलीगुड़ी में भी मनाया जायेगा. बकरीद कुरबानी का त्योहार है. इसमें खस्सी यानी बकरों या ऊंटों को कुरबान करने का रिवाज है. जिसकी तैयारियां प्रायः अंतिम चरण में है. सिलीगुड़ी कंचनजंघा स्टेडियम समेत शहर व आस-पास के […]
सिलीगुड़ी: मुस्लिम धर्मावलंबियों के प्रमुख त्योहारों में एक ईद-उल-अजहा ‘बकरीद’ कल यानी मंगलवार को देश-दुनिया के साथ ही सिलीगुड़ी में भी मनाया जायेगा. बकरीद कुरबानी का त्योहार है. इसमें खस्सी यानी बकरों या ऊंटों को कुरबान करने का रिवाज है. जिसकी तैयारियां प्रायः अंतिम चरण में है. सिलीगुड़ी कंचनजंघा स्टेडियम समेत शहर व आस-पास के सभी मस्जिदों में नमाज अदा की जायेगी और अल्लाह ताला से इबादत की जायेगी. बकरीद को लेकर सिलीगुड़ी व आस-पास के हाट-बाजारों में बकरों का बाजार सज उठा है.
अब बकरे भी हुए महंगे
अन्य पर्व-त्योहारों की तरह अब बकरीद पर भी महंगायी हावी है. इसके तहत अब बकरे भी महंगे हो गये हैं. बकरों की कीमत सुनकर खरीददारों की आंखें जहां बड़ी हो गयी वहीं, माथे पर लकीर पड़ गयी. लोगों का कहना है कि महंगायी ने पहले ही जीना मुहाल कर रखा है और अब बकरे महंगे होने से दोहरी मार झेलने का मजबूर हैं. आज के हाट-बाजार में बकरे आठ से 45 हजार रूपये के कीमत पर बिके. सिलीगुड़ी जामा मस्जिद के निकट फ्लाईओवर के सामने सजा बकरे के बाजार में मुसलमान भाईयों ने बकरे की खरीददारी की. कई-कई फीट लंबे और उंचे-उंचे बकरों को देखकर लोग आश्चर्य चकित हो उठे. बकरे खरीदने के लिए सिलीगुड़ी के अलावा फूलबाड़ी, जुटियाकाली, विधाननगर, माटिगाड़ा, बागडोगरा व अन्य जगहों के हाट-बाजारों में भी दिन भर भीड़ लगी रही.
क्यों मनाया जाता है बकरीद
सिलीगुड़ी के झंकार मोड़ स्थित मलंग शाह पीर बाबा मजार के मौलाना नाजीर आलम ने बताया कि ईद-उल-अजहा ‘बकरीद’ कुरबानी का महापर्व है. इसी दिन हजरत इब्राहिम खलील उल्लाह ने अल्लाह के एक हुक्म पर अपने बेटे हजरत इस्माइल को अपने हाथों से कुर्बान कर दिया. इसी वजह से इस दिन इस्लाम धर्म को माननेवाले हजरत-ए-इब्राहिम अलय हिस सलाम की सुन्नत को अदा करते हैं. साथ ही अल्लाह की बारगाह में सभी अपनी-अपनी औकात के मुताबिक पशुओं की कुरबानी करते हैं. कुरबान हुए पशुओं के मांस का बराबर-बराबर तीन हिस्सा किया जाता है. एक हिस्सा गरीबों, दूसरा हिस्सा परिचितों और तीसरा हिस्सा अपने परिवार में वितरित किये जाने का रिवाज है.
कब और कहां होगी बकरीद की नमाज अदा
सिलीगुड़ी कंचनजंघा स्टेडियम में सुबह 8.30 बजे सिलीगुड़ी जामा मस्जिद के मौलाना सदरै आलम व इमाम अरशद बरकाती ईद-उल-अजहा ‘बकरीद’ की नमाज अदा करायेंगे. अगर बारिश ने व्यवधान डाला तब कंचनजंघा स्टेडियम के बजाये हाशमी चौके के पास सिलीगुड़ी जामा मस्जिद में नमाज अदा की जायेगी. झंकार मोड़ के निकट करबला-ए-जामा मस्जिद में सुबह 8.30 बजे हाफिज अब्दुल सय्युम नमाज अदा करायेंगे.
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