मालदा. कांग्रेस तथा वाम मोरचा के कब्जे में रहे गाजल-1 ग्राम पंचायत के नौ पंचातय सदस्य सोमवार को तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गये. इसके साथ ही तृणमूल कांग्रेस ने पंचायत प्रधान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दे दिया है. गाजल की माकपा विधायक दीपाली विश्वास पहले ही तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गयी […]
मालदा. कांग्रेस तथा वाम मोरचा के कब्जे में रहे गाजल-1 ग्राम पंचायत के नौ पंचातय सदस्य सोमवार को तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गये. इसके साथ ही तृणमूल कांग्रेस ने पंचायत प्रधान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दे दिया है. गाजल की माकपा विधायक दीपाली विश्वास पहले ही तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गयी हैं.
दीपाली विश्वास के तृणमूल जाने के बाद से ही इस ग्राम पंचायत पर तृणमूल के कब्जे को लेकर चरचा चल रही थी. आखिरकार इस चरचा को बल मिल गया है. पंचायत सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गाजल-1 ग्राम पंचायत में सीटों की कुल संख्या 21 है. पिछले पंचायत चुनाव में माकपा ने 11 सीटों पर कब्जा किया था. जबकि फॉवर्ड ब्लॉक, समाजवादी पार्टी तथा आरएसपी के कब्जे में एक-एक सीटें थी. कुल 14 सदस्यों के समर्थन से माकपा ने बोर्ड का गठन किया था. कांग्रेस के कब्जे में तीन तथा तृणमूल के कब्जे में चार सीटें थी.
इनमें से कांग्रेस के दो तथा वाम मोरचा के सात सदस्य अपनी पार्टी से इस्तीफा देकर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गये. इसके साथ ही तृणमूल के सदस्यों की संख्या चार से बढ़कर 13 हो गई. सोमवार को यह सभी लोग गाजल के बीडीओ विष्णुपद चक्रवर्ती के पास गये और उन्हें माकपा पंचायत प्रधान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव संबंधी नोटिस सौंप दिया. इधर, माकपा छोड़ने वाली प्रतिमा साहा, चंपा साहा सहित किशोर साहा ने आरोप लगाया है कि पिछले चुनाव में जीत के बाद वाम मोरचा द्वारा बोर्ड गठन के बाद से ही पंचायत में गड़बड़ी हो रही है. इन लोगों ने पंचायत प्रधान शष्टी सरकार के खिलाफ गड़बड़ी करने तथा घोटाले का आरोप लगाया. इन लोगों ने कहा कि इस मुद्दे को लेकर प्रधान से जवाब तलब की गई थी. उनकी ओर से कोई जवाब नहीं मिलने के कारण ही यह लोग तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गये हैं.
क्या कहती हैं विधायक
माकपा छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने वाली गाजल की विधायक दीपाली विश्वास ने बताया है कि वाम मोरचा तथा कांग्रेस छोड़ने वाले सदस्यों ने माकपा पंचायत प्रधान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है. माकपा तथा कांग्रेस की मिलीभगत से यह बोर्ड चल रही थी. यह लोग कोइ भी काम नहीं कर पा रहे हैं. इसके अलावा माकपा के प्रधान ने कई प्रकार की अनियमितताएं भी बरती हैं. इन्हीं सब कारणों से नौ पंचायत सदस्य तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गये. पंचायत प्रधान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दे दिया गया है.
प्रधान द्वारा आरोप खारिज
माकपा की पंचायत प्रधान शष्टी सरकार ने अनियमितता एवं घोटाले के आरोपों को खारिज कर दिया है. उन्होंने बताया है कि पार्टी छोड़कर जाने वाले सदस्य गलत आरोप लगा रहे हैं. असल में वह सभी अपने-अपने स्वार्थ के लिए तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए हैं और अविश्वास प्रस्ताव लाने की कोशिश कर रहे हैं.
क्या कहते हैं बीडीओ
इस मामले में गाजल की बीडीओ विष्णुपद चक्रवर्ती ने बताया है कि गाजल-1 ग्राम पंचायत के 13 सदस्यों द्वारा हस्ताक्षरित एक अविश्वास प्रस्ताव नोटिस उन्हें मिला है. वह मामले को देख रहे हैं. विचार-विमर्श के बाद मतदान की तिथि तय की जायेगी.