21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बोनस पर बैठक फेल होने से चाय श्रमिक निराश

सिलीगुड़ी/जलपाईगुड़ी: पूजा बोनस को लेकर आयोजित त्रिपक्षीय बैठक फेल होने के बाद तराई और डुवार्स के चाय श्रमिकों में भारी निराशा है. रविवार को यह बैठक कोलकाता में हुई थी. कई घंटों तक चली बैठके के बाद भी बोनस को लेकर कोई फैसला नहीं हो सका. यहां के तमाम चाय श्रमिकों की निगाहें इसी बैठक […]

सिलीगुड़ी/जलपाईगुड़ी: पूजा बोनस को लेकर आयोजित त्रिपक्षीय बैठक फेल होने के बाद तराई और डुवार्स के चाय श्रमिकों में भारी निराशा है. रविवार को यह बैठक कोलकाता में हुई थी. कई घंटों तक चली बैठके के बाद भी बोनस को लेकर कोई फैसला नहीं हो सका. यहां के तमाम चाय श्रमिकों की निगाहें इसी बैठक पर टिकी हुई थी.

जैसे ही श्रमिकों को बैठक फेल होने की खबर मिली, सभी निराश हो गये. श्रमिकों का कहना है कि पूरे साल चाय बागानों से लाभ कमाने के बाद दुर्गा पूजा के अवसर पर बोनस देने में हर साल ही बागान मालिक आना-कानी करते हैं. ऐसा नहीं है कि बोनस देने के नाम पर बागान मालिकों ने पहली बार अड़ियल रूख अपनाया है. हर साल ही बोनस देने के समय चाय बागान मालिक घाटा होने का बहाना बनाने लगते हैं. चाय श्रमिकों का कहना है कि बागान मालिक चाहे जितने भी बहानेबाजी कर लें, 20 प्रतिशत से कम बोनस पर वह लोग मानने वाले नहीं हैं. चाय श्रमिक एक बार फिर से आंदोलन के मूड में हैं.

एक बार ट्रेड यूनियन नेताओं से हरी झंडी मिलते ही चाय श्रमिक आंदोलन पर उतर जायेंगे. इस बीच, कोलकाता से मिली जानकारी के अनुसार तृणमूल समर्थित चाय श्रमिकों के चारों यूनियनों ने 20 प्रतिशत बोनस देने की मांग बागान मालिकों से की है. बैठक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कुछ चाय बागान जहां 15 प्रतिशत से 18 प्रतिशत बोनस देना चाहते हैं, वहीं कई बागान मालिक न्यूनतम 8.33 प्रतिशत की दर से बोनस देना चाहते हैं. जाहिर है इतने कम बोनस पर श्रमिक राजी नहीं होंगे.
एनयूपीडब्ल्यू के संयुक्त महासचिव मणि कुमार दर्नाल तथा तृणमूल श्रमिक यूनियन तृणमूल टी प्लांटेशन वर्कर्स यूनियन के जिला सचिव जोवाकिम बाकला का कहना है कि सभी चारों ग्रुपों ए, बी, सी एवं डी के कर्मचारियों के लिए 20 प्रतिशत बोनस देने की मांग की गई है. सात घंटे तक चली बैठक के बाद भी बागान मालिकों का अड़ियल रूख जारी रहा. बागान मालिक चाय बाजार में मंदी, बाढ़ तथा नुकसान आदि का बहाना बनाकर बोनस नहीं देना चाहते हैं. दोनों ने आगे कहा कि दुर्गा पूजा से पहले श्रमिकों को बोनस मिल जाये, इसके लिए विशेष पहल की जा रही है. अगर बागान मालिक उचित बोनस नहीं देते हैं तो एक बार फिर से आंदोलन करेंगे.
इधर, मालिक संगठन सीसीपीए के उत्तर बंगाल कमेटी के आह्वायक अमृतांशु चक्रवर्ती एक बार फिर से घाटे का रोना रो रहे हैं. उनका कहना है कि चाय उद्योग की स्थिति काफी खराब है. उत्पादन लागत में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है. श्रमिकों की समस्या से कई चाय बागान बंद हैं. उन लोगों ने ए ग्रुप के लिए साढ़े तेरह प्रतिशत, बी के लिए बारह प्रतिशत, सी के लिए ग्यारह प्रतिशत तथा ग्रुप डी के कर्मचारियों के लिए नौ प्रतिशत की दर से बोनस देने का प्रस्ताव दिया है. इस पर ट्रेड यूनियन के नेता राजी नहीं हुए. इसी वजह से बोनस को लेकर बैठक फेल हो गई है. इधर, चार सितंबर को एक बार फिर से बोनस को लेकर बैठक करने का निर्णय लिया गया है. चाय श्रमिकों की निगाहें अब चार सितंबर पर टिक गई है. ट्रेड यूनियन नेताओं के अनुसार, चार सितंबर को भी यदि बोनस को लेकर कोई फैसला नहीं होता है, तो श्रमिकों में असंतोष बढ़ेगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें