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बाढ़ की स्थिति में सुधार,कई इलाकों से पानी उतरा, अभी भी स्थिति गंभीर

जलपाईगुड़ी. भारी बारिश की वजह से आयी बाढ़ में डुवार्स के कई इलाके जलमग्न होने के बाद बृहस्पतिवार से बाढ़ की स्थिति में सुधार हो रहा है. डुवार्स के विभिन्न इलाकों से बाढ़ का पानी उतरना शुरू हो गया है. इसके साथ ही सैकड़ों लोगों ने राहत की सांस ली है. यहां उल्लेखनीय है कि […]

जलपाईगुड़ी. भारी बारिश की वजह से आयी बाढ़ में डुवार्स के कई इलाके जलमग्न होने के बाद बृहस्पतिवार से बाढ़ की स्थिति में सुधार हो रहा है. डुवार्स के विभिन्न इलाकों से बाढ़ का पानी उतरना शुरू हो गया है. इसके साथ ही सैकड़ों लोगों ने राहत की सांस ली है. यहां उल्लेखनीय है कि रविवार और सोमवार को लगातार मूसलाधार बारिश की वजह से तीस्ता नदी ने भयानक रूप धारण कर लिया था. नदी में आयी बाढ़ से डुवार्स के कई इलाके पलावित हो गये थे. कई कच्चे मकान बाढ़ की वजह से तबाह हो गये हैं. उसके बाद मंगलवार से बारिश नहीं होने की वजह से तीस्ता नदी में पानी का उफान भी कम हो गया है. इस बीच, बुधवार को राज्य के सिंचाई मंत्री राजीव बनर्जी ने भी बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया.

प्राप्त जानकारी के अनुसार, बाढ़ का सबसे अधिक असर जलपाईगुड़ी जिले के राजगंज ब्लॉक में देखा जा रहा है. इसके अलावा धूपगुड़ी, मयनागुड़ी तथा माल बाजार के भी कई इलाके बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. मयनागुड़ी और माल ब्लॉक के बासु सुवा बर्मनपाड़ा, चापाडांगा आदि इलाके में अभी भी पानी है. यहां करीब तीन सौ घरों को तीस्ता नदी ने लील लिया है. सैकड़ों परिवार बेघर हो गये हैं. मयनागुड़ी ब्लॉक की बीडीओ श्रेशी घोष ने बताया है कि बाढ़ प्रभावितों की पूरी सहायता की जा रही है. उनके लिए तीस्ता बांध पर अस्थायी रूप से रहने की व्यवस्था की गई है. डुवार्स के अलावा कूचबिहार जिले के कई इलाकों में भी बाढ़ का असर देखा जा रहा है.

खासकर माथाभांगा दो ब्लॉक के विभिन्न इलाकों में मनसायी नदी के कहर से लोग परेशान हैं. स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के अनुसार, मनसायी नदी के कटाव ने कई घरों को लील लिया है. निशिगंज-एक ग्राम पंचायत के पारडुबी, सोनातली आदि इलाके में नदी कटाव का सबसे अधिक असर देखा जा रहा है. मनसायी नदी के कटाव से इन इलाकों में रहने वाले लोगों की रात की नींद उड़ गई है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि मनसायी नदी के कटाव की समस्या कई वर्षों से है. उसके बाद भी सरकार इस समस्या के समाधान की दिशा में कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. हर साल ही सैकड़ों बीघा जमीन मनसायी नदी में समा जाती है.

स्थानीय लोगों का कहना है कि जिला परिषद को कई बार इस समस्या की जानकारी दी गई, लेकिन इसका कोई लाभ नहीं हुआ है. दूसरी तरफ जिला परिषद ने इसके लिए राज्य सिंचाई विभाग को जिम्मेदार ठहराया है. कूचबिहार जिला परिषद सहकारी सभाधिपति ललित प्रमाणिक का कहना है कि बांध बनाने का काम जिला परिषद का नहीं है. राज्य सिंचाई विभाग को इसके लिए आगे आना होगा.

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