एक ही परियोजना के लिए दो बार डीपीआर बनाये जाने को लेकर विरोधियों ने सवाल खड़े किये हैं. उनका कहना है कि बिना समुचित योजना के काम किये जाने की वजह से ऐसा हुआ है. वहीं नगरपालिका का दावा है कि ठोस कचरा प्रबंधन के काम में गति लाने के लिए दोबारा डीपीआर जमा किया गया है. साथ ही केंद्र सरकार के स्वच्छ भारत अभियान के तहत, कचरे की सफाई के लिए नगरपालिका दो मोबाइल काम्पैक्ट वैन (एमसीवी) लेकर भी आयी है. नगरपालिका सूत्रों ने बताया कि 19 मई को चुनाव आचार संहिता हटने के बाद इन मशीनों को सफाई के काम में लगाया जायेगा.
ठोस कचरा प्रबंधन परियोजना के तहत इस कचरे से खाद बनायी जानी थी. लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ.नगरपालिका के चेयरमैन इन काउंसिल सदस्य संदीप महतो ने बताया कि ठोस कचरा प्रबंधन के काम में गति लाने के लिए नौ करोड़ का एक डीपीआर बनाकर राज्य के शहरी विकास प्राधिकरण को भेजा गया है.

