मालदा. कोई उन्हें गरीबों का दोस्त बोलता है, तो कोई राजनीति का जादूगर. पर मालदा के आम लोग इन्हें किशन दा के नाम से जानते हैं. ये कोई और नहीं, इंगलिश बाजार विधानसभा क्षेत्र के तृणमूल प्रत्याशी कृष्णेन्दु चौधरी हैं. कोई पार्टी इन्हें सीधे चुनौती देने का साहस नहीं कर पा रही है.
वाम मोरचा ने उनके विरुद्ध एक निर्दलीय प्रत्याशी को समर्थन दिया है. वहीं कांग्रेस और भाजपा भी अभी तक उनके खिलाफ प्रत्याशी नहीं तय कर पायी हैं. पचास साल से ऊपर के कृष्णेन्दु चौधरी इलाके के जाने-माने वकील रहे हैं. उन्होंने अपना राजनीतिक जीवन छात्र राजनीति से शुरू किया और विधानसभा तक पहुंचे. 90 के दशक में वह ममता बनर्जी के साथ ही कांग्रेस छोड़कर तृणमूल में शामिल हुए थे. वाम मोरचा के जमाने में उसके विरुद्ध संघर्ष करते हुए उन पर हत्या समेत कई मामले दर्ज हुए. तृणमूल कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में वह जहां भी पहुंच रहे हैं, उनका स्वागत फूल-माला और शंखनाद से हो रहा है.
मालदा शहर के व्यवसायी कहते हैं कि कृष्णेन्दु चौधरी ऐसे मंत्री हैं, जो रात हो या दिन फोन करने पर तुरंत हाजिर हो जाते हैं. हर समय वह साथ खड़े मिलते हैं. गरीबों के लिए मंत्री जी आज भी ‘रॉबिनहुड’ हैं. बहुत से लोग कृष्णेन्दु चौधरी को मैजिक मैन भी कहते हैं. उनके बारे में कुछ भी ढका-छिपा नहीं है. वह विधायक, मंत्री होने के साथ-साथ इंगलिश बाजार नगरपालिका के चेयरमैन भी हैं. आम लोगों से अपनी प्रशंसा सुनकर श्री चौधरी मुस्करा कर रह जाते हैं. वह कहते हैं मैं जनता के साथ था और जनता के साथ हूं. लोग मुझे सम्मान से किशन दा कहते हैं, मेरे लिए यही सबसे बड़ा हासिल है.
वह कहते हैं, मैंने अपनी नेता ममता बनर्जी से असहाय लोगों के साथ खड़े होना और सबका विकास करना सीखा है. मालदा शहर की पहचान बन चुके शिशु उद्यान से लेकर वृंदावनी मैदान तक को मैंने आम लोगों के लिए ही संवारा है. उन्होंने बताया कि महानंदा नदी के पास के इलाके में दो बड़ी जलधाराएं तैयार की जा रही हैं. इनके जरिये नदी के पानी की आपूर्ति शहर में की जायेगी. उन्होंने अपने अनेक विकास कार्यों को गिनाते हुए एक बार फिर जीत का दावा किया है.